पटना: बिहार सरकार ने निर्णय लिया है कि दूसरे राज्यों से खरीदी गई गाड़ियां प्रदेश की सड़कों पर नहीं चलेगी. इस पर जानकारी देते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि झारखंड में वाहन निबंधन का शुल्क बिहार के अपेक्षा कम है. लोग वहां से गाड़ी खरीद कर यहां चला रहे हैं, जो कि गैरकानूनी है. अब अन्य राज्यों के वाहनों का रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर कराने के बाद ही यहां चला सकेंगे.
'बिहार में वाहनों की बिक्री में कमी नहीं'
दरअसल देशभर में वाहनों की बिक्री में आई गिरावट को लेकर मंगलवार को उपमुख्यमंत्री ऑटोमोबाइल सेक्टर से जुड़े लोगों के साथ बैठक कर रहे थे. बैठक के बाद मीड़िया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कुल मिला कर देखें तो बिहार में गाड़ियों की बिक्री में गिरावट नहीं आई है. सिर्फ छोटे वाहनों की बिक्री में थोड़ी कमी आई है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा कारणों से गाड़ियों में अत्याधुनिक सुविधाएं जोड़ी गई हैं. अब इंश्योरेंस भी पांच साल का हो रहा है, इन सब से वाहनों के दाम बढ़े हैं.
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अलगे साल अप्रैल माह से बाजार में बीएस-6 गाड़ियां आने वाली है. अभी बीएस-4 गाड़ियां चल रही है. इसे लेकर भी लोगों में भ्रम है. लोग सोच रहे हैं और कुछ दिन रुककर बीएस-6 गाड़ी ही खरीदेंगे. उन्होंने कहा कि बिक्री में कमी आने का ये भी एक बड़ा कारण है.
कम नहीं होंगे टैक्स- उपमुख्यमंत्री
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि 20 सितंबर को जीएसटी काउंसिल की बैठक होनी है. लोगों को उम्मीद है कि इस बैठक में वाहनों पर लगने वाले 28% टैक्स को घटाकर 18% करने का निर्णय लिया जा सकता है. जिससे गाड़ियां सस्ती हो जाएंगी. लेकिन कोई भी राज्य ऐसा नहीं करेगा. क्योंकि टैक्स में कटौती करने से राज्य और केंद्र सरकारों के रेवेन्यू में 40 से 45 हजार करोड़ रुपये तक की कमी आ जाएगी.