पटना: पीएमसीएच के आईसीयू वॉर्ड में भर्ती बिहार के विख्यात गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह को देखने जाप संरक्षक पप्पू यादव पहुंचे थे. यहां उन्होंने वशिष्ठ के परिजनों को 20 हजार रुपये की आर्थिक मदद की थी. इसके बाद उन्होंने इस बात की जानकारी अपने फेसबुक पेज पर शेयर की. इस पोस्ट को देखते ही उनके परिजनों ने ये रकम लौटाने की घोषणा की है.
वशिष्ठ नारायण के भतीजे मुकेश कुमार सिंह ने ये घोषणा की है. उन्होंने भी अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा, 'जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश रंजन जी उर्फ पप्पू यादव जी आज बड़े पापा से मिलने पीएमसीएच आईसीयू वार्ड में आए. मैं पिछले काफी समय से पप्पू यादव जी के कामों से प्रभावित हूं. जिस तरह से जमीनी स्तर पर आम जनता के बीच रहकर वह अपने कार्य को अंजाम दे रहे हैं उनकी कार्यशैली से बिहार का हर नागरिक प्रभावित होगा.'

इलाज कराने में हैं सक्षम- भतीजा
मुकेश कुमार सिंह ने आगे लिखा, 'आज बड़े पापा से मिलने के क्रम में माननीय पप्पू यादव जी ने मेरे पिताजी के मना करने के बावजूद 20 हजार की आर्थिक मदद दी. इसकी तस्वीरें मैं फेसबुक पर देख रहा हूं. सर, बड़े पापा को हॉस्पिटल में हम लोगों ने इलाज के वास्ते रखा है न की किसी आर्थिक मदद या चंदा के लिए. परिवार सक्षम है उनके इलाज पर हो रहे खर्च को वहन करने हेतु. अत: मैंने आपके दिए नंबर पर कॉल करके अपना मैसेज कन्वे कर दिया है कि मैं आपको यह 20 हजार रुपये वापस लौटा रहा हूं. साथ ही आपसे विनती करूंगा की आप अपने फेसबुक से आर्थिक मदद वाला पोस्ट डिलीट कर दें.'
'करना है तो बड़े पापा के लिए करें ये काम...'
वशिष्ठ नारायण सिंह के भतीजे ने आगे लिखा कि महोदय, अगर आप वास्तव में गणितज्ञ डॉक्टर वशिष्ठ नारायण सिंह के लिए कुछ करना ही चाहते हैं, तो भारत सरकार को बाध्य करें कि उन्हें भारत रत्न की उपाधि देने के लिए या 2020 में पदम विभूषण के लिए उनका नॉमिनेशन किया गया है उसका अपने स्तर से पुरजोर समर्थन करें. आप चाहें तो हमारे बिहार के मुख्यमंत्री माननीय नीतीश कुमार जी से भी डॉक्टर वशिष्ठ नारायण सिंह को बिहार रत्न की उपाधि से अलंकृत करने की अनुशंसा कर सकते हैं. सच मानिए हमारे राष्ट्र के धरोहर डॉक्टर वशिष्ठ नारायण सिंह के लिए इससे बड़ा सम्मान और कुछ नहीं हो सकता.