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मसौढ़ीः मवेशियों को लंगड़ी और गलाघोंटू बीमारी से बचाने के लिए वैक्सीनेशन शुरू - lame and strangulated disease in animals

बरसात जनित रोग लंगडी और गलाघोंटू बीमारी से बचाव के लिए मसौढ़ी अनुमंडल में मवेशियों का टीकाकरण को लेकर स्पेशल ड्राइव की शुरुआत हो गई है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Sep 12, 2021, 7:42 PM IST

पटनाः बरसात के दिनों में मवेशियों पर लंगड़ी और गलाघोंटू बीमारी (Lameness and galghotu-disease) का खतरा बढ़ जाता है. समय से इलाज नहीं हो पाने के कारण मवेशियों की जान तक चली जाती है. इस बीमारी से मवेशियों को बचाने के लिए जिला पशुपालन पदाधिकारी के नेतृत्व में गांवों में टीकाकरण का स्पेशल ड्राइव चलाया जा रहा है.

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इस स्पेशल टीकाकरण ड्राइव में मवेशियों को एक महीने तक गांव-गांव में वैक्सीन लगाई जा रही है. इसे सफल बनाने के लिए प्रखंड स्तर पर टीम का गठन किया गया है. मसौढ़ी अनुमंडल में यह अभियान शुरू कर दिया गया है. मसौढ़ी में कुल मवेशियों की संख्या 48 हजार के आसपास है. मवेशियों के टीकाकरण के क्रम में 40,890 मवेशियों के टीकाकरण की व्यवस्था की गई है. इसे लेकर वैक्सीन के 40,890 वैक्सीन के डोज भी उपलब्ध करा दिए गए गए हैं.

देखें वीडियो

बिहार पशु एवं मत्स्य चिकित्सक संघ के मीडिया प्रभारी डॉ अंशु कुमार ने बताया कि टीकाकरण के दौरान सिर्फ स्वस्थ मवेशियों को ही टीकाकरण किया जाएगा. वैसे मवेशी जिनकी उम्र 3 माह से कम है या फिर जो गलाघोंटू बीमारी से बीमार हैं, उन मवेशियों को वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी. ऐसे मवेशियों के लिए टीकाकरण वर्जित है.

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बीमारी से बचाव के लिए बीमारी से पूर्व का टीका लगाना है. इस अभियान को सफल बनाने के लिए हर प्रखंड में 30 से ज्यादा वैक्सीनेटर युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं. गलाघोंटू बीमारी में मवेशी के गले में समस्या उत्पन्न होती है. मवेशियों के गले का तापमान काफी बढ़ जाता है. उन्हें सांस लेने में समस्या होती है और इसके बाद ज्यादातर मवेशी मर ही जाते हैं.

पटनाः बरसात के दिनों में मवेशियों पर लंगड़ी और गलाघोंटू बीमारी (Lameness and galghotu-disease) का खतरा बढ़ जाता है. समय से इलाज नहीं हो पाने के कारण मवेशियों की जान तक चली जाती है. इस बीमारी से मवेशियों को बचाने के लिए जिला पशुपालन पदाधिकारी के नेतृत्व में गांवों में टीकाकरण का स्पेशल ड्राइव चलाया जा रहा है.

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इस स्पेशल टीकाकरण ड्राइव में मवेशियों को एक महीने तक गांव-गांव में वैक्सीन लगाई जा रही है. इसे सफल बनाने के लिए प्रखंड स्तर पर टीम का गठन किया गया है. मसौढ़ी अनुमंडल में यह अभियान शुरू कर दिया गया है. मसौढ़ी में कुल मवेशियों की संख्या 48 हजार के आसपास है. मवेशियों के टीकाकरण के क्रम में 40,890 मवेशियों के टीकाकरण की व्यवस्था की गई है. इसे लेकर वैक्सीन के 40,890 वैक्सीन के डोज भी उपलब्ध करा दिए गए गए हैं.

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बिहार पशु एवं मत्स्य चिकित्सक संघ के मीडिया प्रभारी डॉ अंशु कुमार ने बताया कि टीकाकरण के दौरान सिर्फ स्वस्थ मवेशियों को ही टीकाकरण किया जाएगा. वैसे मवेशी जिनकी उम्र 3 माह से कम है या फिर जो गलाघोंटू बीमारी से बीमार हैं, उन मवेशियों को वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी. ऐसे मवेशियों के लिए टीकाकरण वर्जित है.

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बीमारी से बचाव के लिए बीमारी से पूर्व का टीका लगाना है. इस अभियान को सफल बनाने के लिए हर प्रखंड में 30 से ज्यादा वैक्सीनेटर युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं. गलाघोंटू बीमारी में मवेशी के गले में समस्या उत्पन्न होती है. मवेशियों के गले का तापमान काफी बढ़ जाता है. उन्हें सांस लेने में समस्या होती है और इसके बाद ज्यादातर मवेशी मर ही जाते हैं.

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