पटना: बिहार पर एक बार फिर कोरोना का खतरा मंडराने लगा है. कोरोना मरीजों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है. 1 साल बीतने के बाद कोरोना की दूसरी लहर प्रदेश में मुंह बाये खड़ी है. ऐसे में कोरोना की रफ्तार को रोकना मात्र एक ही उपाय वैक्सीनेशन है, लेकिन जिस तरह से सूबे में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया कछुए की रफ्तार से चल रही है, उससे सूबे में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया पूरा होते 7 साल का समय लग जाएगा.
वैक्सीनेशन पर गरमाई राजनीति
वहीं, अब वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को लेकर सूबे की राजनीति गरमा गयी है. राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने वैक्सीनेशन प्रक्रिया को लेकर कहा कि वैक्सीनेशन प्रक्रिया में उम्र सीमा हटाने की मांग की है. साथ ही उन्होंने लोगों से कोरोना गाइडलाइन पालन करने और एहतियात बरतने की अपील की है.
वहीं, हम पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विजय यादव ने कहा है कि बिहार सरकार को वैक्सीनेशन प्रक्रिया में तेजी लाने की जरूरत है. जिस रफ्तार से संक्रमण बढ़ रहा है उसे लेकर सरकार को जरूरी कदम उठाने चाहिए.
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बिहार में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया है धीमी
सरकार ने वैक्सीनेशन प्रक्रिया जरूर शुरू की है लेकिन जिस रफ्तार से बिहार में लोगों को वैक्सीन दिए जा रहे हैं, वह सवालिया निशान के घेरे में है. बता दें कि बिहार में जनवरी माह से वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी. 3 महीने बीत चुके हैं और 30 लाख लोगों को ही वैक्सीन दिया जा सका है. अगर वैक्सीनेशन की यह रफ्तार रही तो सूबे के हर एक व्यक्ति के टीकाकृत होने में 7 साल का समय लग जाएगा.
वहीं, जानकार भी मानते हैं कि संक्रमण को रोकने के लिए सरकार को एक्शन प्लान में बदलाव लाना पड़ेगा. बिहार में सभी को वैक्सीन देने के लिए कोई ठोस प्लान जमीनी स्तर पर दिखाई नहीं दे रहा है.
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