पटना: बिहार में मंत्री मुकेश सहनी के भाई संतोष सहनी ने पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की योजना का उद्घाटन कर दिया. दरअसल मुकेश सहनी के बदले उनके भाई संतोष सहनी कार्यक्रम का उद्घाटन करने पहुंचे. इस दौरान उन्हें सरकारी प्रोटोकॉल भी मिला हुआ था. इस मसले को लेकर बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ. विधान परिषद मे विपक्ष ने गुरूवार को सरकार को जब कठघरे में खड़ा किया तो सत्ता पक्ष की भारी किरकिरी हुई. सत्ता पक्ष की ओर से इस मसले में कोई भी सामने नहीं आया.
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मुकेश सहनी की बर्खास्तगी की मांग
रामचंद्र पूर्वे सुनील कुमार सिंह सुबोध कुमार समेत विपक्ष के तमाम नेताओं ने एक अखबार में छपी खबर का जिक्र करते हुए कहा कि गुरुवार को हाजीपुर में एक सरकारी कार्यक्रम में भाग लेने मुकेश सहनी के भाई पहुंच गए. सवाल किया कि मुकेश सहनी के बदले उनकी गाड़ी से कैसे उनके भाई सरकारी कार्यक्रम में जा सकते हैं. उनके भाई कैसे एक सरकारी कार्यक्रम में मंत्री के बदले उनकी गाड़ी से जा सकते हैं. इसे लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं.
मामला सुन सीएम नीतीश भी सदन में हैरान
जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन पहुंचे तो सभी विरोधी दल के सदस्य खड़े होकर हंगामा करने लगे और मंत्री मुकेश सहनी को बर्खास्त करने की मांग करने लगे. इसपर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा यह गंभीर मामला है. सीएम ने कहा यह आश्चर्यजनक है, पूरे मामले को देखेंगे.
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'इन्होंने मेरे पास अभी अखबार की प्रति भेज दी है. इसको हम देख रहे हैं. मुझे मालूम नहीं था. लेकिन ये आश्चर्यजनक है. मैं मंत्री से पूरी बात करूंगा क्या मामला है? ये काम किसी मंत्री का नहीं है'.- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार सरकार
मुकेश सहनी की सफाई
हंगामे के बीच सीएम नीतीश के हस्तक्षेप के बाद मामला थमा. सीएम ने इसे गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई का भरोसा दिया. देर शाम सीएम ने मुकेश सहनी को तलब किया. जहां उन्होंने खेद प्रकट किया. मुकेश सहनी ने सफाई में कहा कि उनसे गलती होग गई है. भविष्य में ऐसा दोबारा नहीं होगा. जबकि विपक्ष अभी भी उनकी बर्खास्तगी के मांग पर अड़ा हुआ है.
कांग्रेस ने भी खोला मोर्चा
इधर, कांग्रेस भी इस मुद्दे पर हमलावर है. कांग्रेस ने मांग की है कि जिस अधिकारी ने मुकेश सहनी के भाई को प्रोटोकॉल दिया उसे सरकार तुरंत बर्खास्त करे. कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा कि मैने ऐसी घटना न तो देखी है औ न ही कभी सुनी. लोग लालू यादव के शासन काल को जंगलराज कहते हैं लेकिन बिहार में तो महा जंगलराज है.
"बिहार में तो लगता है जैसे कोई सरकार ही नहीं है. कोई प्रोटोकॉल नहीं है. मंत्री कार्यक्रम में नहीं जा रहे हैं. उनके भाई जा रहे हैं. यह तो वही बात हो गई कि भगवान राम का वनवास हुआ तो भाई ने उनका खड़ाऊ सिंहासन पर रख दिया. जिस पदाधिकारी ने मंत्री के भाई को प्रोटोकॉल दिया है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. उसे बर्खास्त किया जाना चाहिए. जिस मंत्री के भाई ने ऐसा किया है उसे मुख्यमंत्री चेतावनी दें."- अजीत शर्मा, नेता, कांग्रेस विधायक दल
नीतीश शासनकाल में पहली बार आया ऐसा मामला
सीएम नीतीश के लंबे कार्यकाल में ऐसा मामला पहली बार सामने आया है. सत्ता पक्ष को भी इसका जवाब देते नहीं बन रहा है. सीएम नीतीश ने ऐसे हालात न बने इसके लिए अफसरशाही तक नकेल कसी हुई थी. विभाग प्रमुखों पर डीजल से लेकर दफ्तर के खर्च तक को नियमावली में बांध के रखा था. ताकि कोई अफसर बेलगाम न हो जाए.
अफरशाही पर भी नीतीश ने ऐसे कसी नकेल
नीतीश ने मंत्रियों पर भी कुछ ऐसा ही अंकुश लगाकर रखा. लंबे कार्यकाल में इस तरह के वाकये सामने नहीं आए. हालांकि मामले को तूल पकड़ता देख सीएम ने भी मंत्री से स्पष्टीकरण मांगा है. नीतीश कुमार ने कहा कि इस मामले पर मंत्री से बातचीत की जाएगी. मुकेश सहनी ने अपनी सफाई दी है. पशु पालन मंत्री मुकेश सहनी ने कहा है कि भविष्य में दोबारा ऐसी गलती नहीं होगी.
क्या है मामला?
पशु पालन एवं मत्स्य विभाग की योजना थी कि मछुआरों को 90 फीसद अनुदान पर वाहन एवं आइस बॉक्स दिया जाए. इसी के तहत सरकारी कार्यक्रम आयोजित था. लेकिन उद्घाटन कार्यक्रम में विभाग के मंत्री न जाकर उन्होंने अपने भाई को भेज दिया. हैरानी की बात ये है कि विभाग के अधिकारियों ने मंत्री के भाई को संतोष सहनी को भी वही प्रोटोकॉल दिया जो एक कैबिनेट मंत्री को दिया जाता है. इसी बात से विपक्ष सरकार पर हमलावर है. विपक्ष सरकार पर लगातार मुकेश सहनी की बर्खास्तगी का दबाव बना रहा है.