पटना: बिहार विधानसभा के बजट सत्र (Budget Session of Bihar Assembly) के दौरान कांग्रेस विधायक शकील अहमद के बयान के बाद जमकर हंगामा (Uproar in Bihar Assembly) किया गया. दरअसल कांग्रेस के विधायक के एक चौपाई पढ़ने पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने विरोध जताया. उपमुख्यमंत्री रेणु देवी और तारकिशोर प्रसाद के विरोध के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह प्रोसिडिंग में नहीं जाएगा.
क्या कहा शकील अहमद ने: शकील अहमद ने सदन में कहा कि ढोल पशु शुद्र नारी ये हैं ताड़न के अधिकारी.. इस बयान के बाद उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने इसका विरोध किया. महिला दिवस के मौके पर इस तरह के बयान के बाद सभी दल की महिला सदस्यों ने इसका जमकर विरोध किया. हालांकि विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने सभी महिलाओं को अपने स्थान पर बैठने का निर्देश दिया. इसके बाद उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना की. यह महाग्रंथ है. पूरे वैश्विक स्तर के लोगों की इसमें आस्था है. सदन में उसके एक चौपाई को गलत ढंग से प्रस्तुत करना उचित नहीं है. किसी के धार्मिक भावना को आहत करना दुर्भाग्यपूर्ण है. यह कार्यवाही का हिस्सा नहीं होगा.
आलोक मेहता ने कहा- "एक दिन की महिला सीएम बनाई जाए': आरजेडी विधायक आलोक मेहता ने सदन में कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day 2022) के मौके पर हमारी पार्टी की ओर से पूरी महिलाओं का सम्मान है. लेकिन आज की हकीकत में हम प्रस्ताव करते हैं कि एक पीठासीन सदस्य बनाकर अध्यक्ष पद पर साथ ही एक दिन का मुख्यमंत्री भी किसी महिला को बनाया जाए. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इसकी शुरूआत आप अपने तरफ से पहले ही करते.
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बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विधानसभा अध्यक्ष ने सभी महिलाओं को बधाई दी. शकील अहमद के बयान पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस तरह की बात नहीं होनी चाहिए जिससे किसी को ठेस पहुंचे. वहीं रेणु देवी ने हमला करते हुए कहा कि महिला हमेशा से पूज्यनीय रही है,कभी ताड़न की अधिकारी नहीं रही है.
सदन की कार्यवाही: बता दें कि, वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट 28 फरवरी को (bihar budget will come on monday) पेश किया गया. बजट पेश होने के बाद राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर वाद विवाद हुआ. 2 मार्च को तीसरी बैठक के दिन विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद विवाद के बाद सरकार ने अपना उत्तर दिया. वहीं 3 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय-व्यय पर सामान्य विमर्श किया गया.
4 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय व्यय पर सरकार का उत्तर हुआ. 7 मार्च को तृतीय अनुपूरक बजट पर सरकार का उत्तर आया. 8 से 25 मार्च तक वित्तीय वर्ष 2022-23 के अनुदानों की मांग पर वाद विवाद और मतदान होगा. 28 मार्च को राजकीय विधेयक, 29 को गैर सरकारी संकल्प जबकि 30 मार्च को राजकीय विधेयक और 31 मार्च को अंतिम दिन गैर सरकारी सदस्यों के कार्य पूरे होंगे.
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