पटनाः बिहार की राजनीति इन दिनों जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा को लेकर गर्म है. सबकी निगाहें बिहार में हो रही उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी नेताओं की बैठक पर है. सभी ये जानने के लिए उत्सुक हैं कि उपेंद्र कुशवाहा का अगला कदम क्या होगा. इधर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी उनसे पूछा है कि उनकी बीजेपी से बात बनी या नहीं. उपेंद्र कुशवाहा को लेकर ललन सिंह ने कहा की पार्टी में आए तो उनको पूरा सम्मान दिया गया. हम लोग उनको पूरा सम्मान करते हैं. ललन सिंह ने कहा कि उनकी निगाहें कहीं और है और निशाना कहीं और लगा रहे हैं.
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"ये तो कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाने वाली बात है. वो कह रहे हैं पार्टी कमजोर हो रही है. जबकि पार्टी के पूरे प्रदेश के कार्यकर्ता सदस्यता अभियान में लगे हुए थे, जबकि पर्व त्यौहार का समय था. उसी दौरान दशहरा दिवाली छठ जैसे पर्व थे लेकिन इसके बावजूद पूरे प्रदेश में कार्यकर्ताओं ने मेहनत कर 7200000 सदस्य बनाए हैं. आप कह रहे हैं पार्टी कमजोर हो रही है तो यह भी बताना चाहिए जब सदस्यता अभियान चल रहा था तो उन्होंने कितना सदस्य बनाया पार्टी को मजबूत करने के लिए"- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू
'ये जदयू की आधिकारिक बैठक नहीं है' : ललन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी को मजबूत करने के लिए सदस्य तो उन्होंने बनाया नहीं पार्टी के कार्यकर्ता जब पार्टी को मजबूत करने में लगे थे तो उस समय वो दिल्ली में थे. असल बात उनको यह बताना चाहिए कि दिल्ली का बार-बार दौरा कर रहे हैं. कुछ बात बना कि नहीं. अब उनको जो करना है करें. उनकी कोई आधिकारिक बैठक नहीं है, जदयू की आधिकारिक बैठक बुलाने का अधिकार केवल प्रदेश अध्यक्ष को है.
कभी दोनों में थी काफी नजदीकियांः आपको बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा ने जब अपनी पार्टी रालोसपा का विलय जदयू में किया था तो उस समय ललन सिंह ने बढ़ चढ़कर स्वागत किया था. आरसीपी सिंह को बाहर निकालने के दौरान भी ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा की नजदीकियां चर्चा में थी, लेकिन जब से उपेंद्र कुशवाहा ने बागी तेवर अपनाया है दोनों के बीच बयानबाजी लगातार जारी है. दोनों एक दूसरे की निगाह में खटक रहे हैं.