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ओवैसी के विधायक को कुशवाहा का मिला साथ, बोले- 'राष्ट्रगीत के लिए किसी से जबरदस्ती नहीं कर सकते'

बिहार विधानसभा में राष्ट्रगीत गाए जाने पर ऐतराज जताने वाले एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल इमान का उपेन्द्र कुशवाहा ने समर्थन किया (Upendra Kushwaha supported Akhtarul Iman) है. उन्होंने कहा कि देशभक्ति के लिए गीत गाना जरूरी नहीं है. पढ़ें पूरी खबर..

उपेन्द्र कुशवाहा-अख्तरुल इमान
उपेन्द्र कुशवाहा-अख्तरुल इमान
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Published : Dec 4, 2021, 7:20 PM IST

Updated : Dec 4, 2021, 7:33 PM IST

पटनाः ओवैसी की पार्टी के विधायक (Akhtarul Iman Refused to sing National Song) अख्तरुल इमान के द्वारा बिहार विधानसभा में राष्ट्रगीत गाए जाने पर ऐतराज जताने के मामले पर सियासत (Politics In Bihar On National Song Issue) जारी है. इस बयान के बाद एक तरफ जहां बीजेपी के तेवर तल्ख है, तो वहीं, जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने इस बयान का समर्थन (Upendra Kushwaha supported Akhtarul Iman) किया है.

इसे भी पढ़ें- बिहार विधानसभा में 'वंदेमातरम्' को लेकर बवाल, आमने-सामने आए AIMIM व BJP विधायक

"अगर कोई भी व्यक्ति नहीं बोलना चाहता है (राष्ट्रगीत), तो वाकई जबरदस्ती तो नहीं की जा सकती है उसके साथ. और कोई राष्ट्रगीत गाता है, इसी से वह बहुत बड़ा देशभक्त है, यह बात भी स्थापित नहीं की जाती है. देशभक्ति के लिए गीत गाना जरुरी नहीं है. अगर कोई कहे कि जबरदस्ती इस गीत को गाना ही है, तो यह ठीक नहीं है. - उपेन्द्र कुशवाहा, अध्यक्ष, जेडीयू संसदीय बोर्ड

उपेन्द्र कुशवाहा ने यह भी कहा कि गांव में रहने वाले सब लोगों को कहां राष्ट्रगीत याद है? पढ़ने-लिखने वाले लोगों को तो पता भी है, हमलोगों को कहां राष्ट्रगीत याद है. राष्ट्रगान के बारे में ज्यादातर लोगों को मालूम है लेकिन राष्ट्रगीत के बारे में पूछिए तो नहीं बता पाएंगे कि राष्ट्रगीत क्या है. इसका मतलब जो नहीं बता पाएंगे वो देशभक्त नहीं हैं क्या?

राष्ट्रगीत नहीं गाने के विवाद पर अख्तरुल इमान के साथ आए उपेन्द्र कुशवाहा, जानें क्या कहा

बता दें कि एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल इमान ने कहा था कि ये देश 135 करोड़ देशवासियों का देश है. ये देश सेकुलर है. ये देश सबका है. उनको (बीजेपी वालों को) अगर हिन्दू राष्ट्र पसंद है तो वो नेपाल चले जाएं. किसी की मजाल नहीं है कि ये (राष्ट्रगीत) कहलवाए. मैं कह रहा हूं कि भारत में किसी के डंडे का राज नहीं है. भारत किसी की नीजि संपत्ति नहीं है. कोई इसे गाता है तो मैं रोक नहीं सकता. एसेंबली में जो हमारे बुजुर्गों ने जो परंपराएं दी हैं उसे निभाना लाजिम है. ये नई परंपरा डाली जा रही है. ये थोपा जा रहा है'

'ये देश 135 करोड़ देशवासियों का देश है. ये देश सेकुलर है. ये देश सबका है. उनको (बीजेपी वालों को) अगर हिन्दू राष्ट्र पसंद है तो वो नेपाल चले जाएं. किसी की मजाल नहीं है कि ये (राष्ट्रगीत) कहलवाए. मैं कह रहा हूं कि भारत में किसी के डंडे का राज नहीं है. भारत किसी की नीजि संपत्ति नहीं है. कोई इसे गाता है तो मैं रोक नहीं सकता. एसेंबली में जो हमारे बुजुर्गों ने जो परंपराएं दी हैं उसे निभाना लाजिम है. ये नई परंपरा डाली जा रही है. ये थोपा जा रहा है'- अख्तरुल इमान, प्रदेश अध्यक्ष, AIMIM

ओवैसी के विधायक के इस बयान के बाद ही भाजपा ने इसकी कड़ी आलोचना की थी. बीजेपी के विधायक संजय सिंह ने कहा था कि हम कहीं क्यों जाएंगे, हमको भारत माता पसंद हैं. हमको इस देश का राष्ट्रगीत पसंद है. हमको इस देश का राष्ट्रगान पसंद है. ये जबरदस्ती नहीं है. इस देश के अंदर रहना है तो जबरदस्ती कहां है. जो इस देश की मान्य परंपराएं उसे मानकर ये देश चलेगा. उनको जाना है तो वो बांग्लादेश चले जाएं.

इसे भी पढ़ें- ओवैसी के विधायक का बयान: 'किसी की मजाल नहीं है कि वो 'वंदेमातरम्' कहलवाए'

अख्तरुल इमान के इस बयान पर जहां बीजेपी को सख्त ऐतराज है, वहीं जेडीयू ने खुलकर समर्थन कर दिया है. कुशवाहा के इस बयान के बाद एक बार फिर बीजेपी-जेडीयू के रिश्तों पर सवाल उठने लगे हैं. जाहिर है बिहार में बीजेपी के दम पर ही नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं. देखना दिलचस्प होगा कि उपेन्द्र कुशवाहा के इस बयान का प्रभाव बिहार की सियासत पर कितना पड़ेगा.

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पटनाः ओवैसी की पार्टी के विधायक (Akhtarul Iman Refused to sing National Song) अख्तरुल इमान के द्वारा बिहार विधानसभा में राष्ट्रगीत गाए जाने पर ऐतराज जताने के मामले पर सियासत (Politics In Bihar On National Song Issue) जारी है. इस बयान के बाद एक तरफ जहां बीजेपी के तेवर तल्ख है, तो वहीं, जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने इस बयान का समर्थन (Upendra Kushwaha supported Akhtarul Iman) किया है.

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"अगर कोई भी व्यक्ति नहीं बोलना चाहता है (राष्ट्रगीत), तो वाकई जबरदस्ती तो नहीं की जा सकती है उसके साथ. और कोई राष्ट्रगीत गाता है, इसी से वह बहुत बड़ा देशभक्त है, यह बात भी स्थापित नहीं की जाती है. देशभक्ति के लिए गीत गाना जरुरी नहीं है. अगर कोई कहे कि जबरदस्ती इस गीत को गाना ही है, तो यह ठीक नहीं है. - उपेन्द्र कुशवाहा, अध्यक्ष, जेडीयू संसदीय बोर्ड

उपेन्द्र कुशवाहा ने यह भी कहा कि गांव में रहने वाले सब लोगों को कहां राष्ट्रगीत याद है? पढ़ने-लिखने वाले लोगों को तो पता भी है, हमलोगों को कहां राष्ट्रगीत याद है. राष्ट्रगान के बारे में ज्यादातर लोगों को मालूम है लेकिन राष्ट्रगीत के बारे में पूछिए तो नहीं बता पाएंगे कि राष्ट्रगीत क्या है. इसका मतलब जो नहीं बता पाएंगे वो देशभक्त नहीं हैं क्या?

राष्ट्रगीत नहीं गाने के विवाद पर अख्तरुल इमान के साथ आए उपेन्द्र कुशवाहा, जानें क्या कहा

बता दें कि एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल इमान ने कहा था कि ये देश 135 करोड़ देशवासियों का देश है. ये देश सेकुलर है. ये देश सबका है. उनको (बीजेपी वालों को) अगर हिन्दू राष्ट्र पसंद है तो वो नेपाल चले जाएं. किसी की मजाल नहीं है कि ये (राष्ट्रगीत) कहलवाए. मैं कह रहा हूं कि भारत में किसी के डंडे का राज नहीं है. भारत किसी की नीजि संपत्ति नहीं है. कोई इसे गाता है तो मैं रोक नहीं सकता. एसेंबली में जो हमारे बुजुर्गों ने जो परंपराएं दी हैं उसे निभाना लाजिम है. ये नई परंपरा डाली जा रही है. ये थोपा जा रहा है'

'ये देश 135 करोड़ देशवासियों का देश है. ये देश सेकुलर है. ये देश सबका है. उनको (बीजेपी वालों को) अगर हिन्दू राष्ट्र पसंद है तो वो नेपाल चले जाएं. किसी की मजाल नहीं है कि ये (राष्ट्रगीत) कहलवाए. मैं कह रहा हूं कि भारत में किसी के डंडे का राज नहीं है. भारत किसी की नीजि संपत्ति नहीं है. कोई इसे गाता है तो मैं रोक नहीं सकता. एसेंबली में जो हमारे बुजुर्गों ने जो परंपराएं दी हैं उसे निभाना लाजिम है. ये नई परंपरा डाली जा रही है. ये थोपा जा रहा है'- अख्तरुल इमान, प्रदेश अध्यक्ष, AIMIM

ओवैसी के विधायक के इस बयान के बाद ही भाजपा ने इसकी कड़ी आलोचना की थी. बीजेपी के विधायक संजय सिंह ने कहा था कि हम कहीं क्यों जाएंगे, हमको भारत माता पसंद हैं. हमको इस देश का राष्ट्रगीत पसंद है. हमको इस देश का राष्ट्रगान पसंद है. ये जबरदस्ती नहीं है. इस देश के अंदर रहना है तो जबरदस्ती कहां है. जो इस देश की मान्य परंपराएं उसे मानकर ये देश चलेगा. उनको जाना है तो वो बांग्लादेश चले जाएं.

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अख्तरुल इमान के इस बयान पर जहां बीजेपी को सख्त ऐतराज है, वहीं जेडीयू ने खुलकर समर्थन कर दिया है. कुशवाहा के इस बयान के बाद एक बार फिर बीजेपी-जेडीयू के रिश्तों पर सवाल उठने लगे हैं. जाहिर है बिहार में बीजेपी के दम पर ही नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं. देखना दिलचस्प होगा कि उपेन्द्र कुशवाहा के इस बयान का प्रभाव बिहार की सियासत पर कितना पड़ेगा.

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Last Updated : Dec 4, 2021, 7:33 PM IST
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