नई दिल्ली/पटना: यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections) को लेकर पार्टी के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव हर हाल में लड़ेंगे. हर जिले में हम लोग अपना संगठन खड़ा कर रहे हैं. बड़ी संख्या में लोग भी हमारी पार्टी से यूपी में जुड़ते जा रहे हैं. चुनिंदा सीटों पर हम लोग लड़ने का मन बना रहे हैं. एक जमाने में वहां हमारा अच्छा जनाधार था.
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उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जेडीयू यूपी में अपने को मजबूत करने में लगी हुई है. हम लोग चाहते हैं कि बीजेपी के साथ गठबंधन में रहकर वहां चुनाव लड़ें. बीजेपी (BJP) से गठबंधन हो जाएगा तो हम लोग तय कर लेंगे कि कितनी सीटों पर लड़ना है. अगर बीजेपी से गठबंधन नहीं हुआ तब भी हम लोग चुनाव में उतरेंगे. उन्होंने कहा कि वैसे कोशिश है कि एनडीए (NDA) में रहकर लड़ें. उत्तर प्रदेश में एनडीए अगर एकजुट होकर चुनाव लड़ेगा तो शानदार प्रदर्शन रहेगा.
जेडीयू नेता ने कहा कि गठबंधन के लिए बीजेपी से बातचीत चल रही है, लेकिन कोई रास्ता अब तक नहीं निकल पाया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) यूपी में रैलियां भी करेंगे. उन्होंने कहा कि देश भर में जेडीयू अपने संगठन का विस्तार कर रहा है. इसलिए यूपी में संगठन को खड़ा करना बहुत जरूरी है और उस दिशा में हम लोग प्रयासरत हैं.
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बता दें कि जेडीयू यूपी चुनाव में करीब 2 दर्जन सीटें बीजेपी से मांग रही है. बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से जेडीयू शीर्ष नेतृत्व संपर्क में है और इस मुद्दे पर बातचीत भी कर रही है, लेकिन बीजेपी फिलहाल इतनी सीटें जेडीयू को देने के मूड में नहीं है. संभावना जताई जा रही है कि बीजेपी यूपी में 8 से 10 सीट जेडीयू को दे सकती है, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या इतनी कम सीटों पर जेडीयू मान जाएगी?
दरअसल यूपी में जेडीयू की नजर कुर्मी समुदाय पर है, जो फिलहाल बीजेपी के परंपरागत वोटर हैं. अगर जेडीयू अकेले चुनाव लड़ती है तो इससे बीजेपी के वोट बैंक में सेंधमारी हो सकती है. यूपी में करीब तीन दर्जन विधानसभा सीटों पर कुर्मी समुदाय निर्णायक भूमिका निभाते हैं. नीतीश कुमार खुद कुर्मी समुदाय से आते हैं. कुर्मी-कुशवाहा समीकरण को मजबूत कर रहे हैं. उसी के तहत उपेंद्र कुशवाहा की जेडीयू में वापसी हुई और उनको बड़ी जिम्मेदारी दी गई. उमेश कुशवाहा को बिहार जेडीयू का अध्यक्ष बनाया गया है. यूपी में कुर्मी कुशवाहा 8 फीसदी हैं. यूपी में जेडीयू अकेले चुनाव लड़ी तो बड़ी संख्या में कुर्मी-कुशवाहा समुदाय जेडीयू के साथ जा सकते हैं, जिससे सीधा नुकसान बीजेपी को होगा.