पटनाः जदयू (JDU) के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) अपनी बिहार यात्रा (Bihar Yatra) खत्म करके पटना लौट आए. इस दौरान उन्होंने अफसरशाही (Bureaucracy In Bihar) का मुद्दा उठाया. कुशवाहा ने कहा कि लोगों का विश्वास अब भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) में बरकरार है, लेकिन लोग अफसरशाही से परेशान हैं. जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए इसे भी जल्द ठीक किया जाएगा.
इसे भी पढ़ें- ये क्या.. JDU MLA ही अफसरशाही के खिलाफ उठा रहे आवाज, कहा-सालों से एक ही जगह बैठे हैं अधिकारी
उपेन्द्र कुशवाहा ने 10 जुलाई को पश्चिमी चंपारण के बगहा से बिहार यात्रा की शुरूआत की थी. पटना लौटने पर पत्रकारों को उन्होंने बताया कि चार जिलों की यात्रा के दौरान नेताओं का उन्हें भरपूर सहयोग मिला. लोगों में अब भी नीतीश कुमार को लेकर भरोसा बरकरार है, लेकिन स्थानीय स्तर पर लोगों में अधिकारियों और सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी को लेकर नाराजगी है. लोगों ने इसकी शिकायत की है. उन्होंने कहा कि लोगों की शिकायतों को दूर करने की हम कोशिश करेंगे.
जिलों में संगठन को मजबूत करने के लिए पार्टी के कार्यकर्ता हर जगह लगे हुए हैं, लेकिन उनमें थोड़ी सुस्ती है. कोरोना और अन्य कारणों से उनमें सक्रियता की कमी है. उन्होंने कहा कि कोई मैकेनिज्म ऐसा बनाया जाए, जिससे ग्रामीण इलाकों में भी पार्टी के नेताओं की भूमिका सुनिश्चित हो. यात्रा के दौरान कार्यकर्ताओं ने कई तरह की राय दी है. इस पर पार्टी काम करेगी.
इसे भी पढ़ें- बिहार में अफसरशाही: कोई बता गया, कोई छिपा गया!
जदयू की 18 जुलाई की बैठक में शामिल होने पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बैठक में शामिल होने का आमंत्रण मिला है, लेकिन उसी दिन मेरी यात्रा औरंगाबाद में है. दोनों में से कहीं एक जगह ही रह सकता हूं. यात्रा के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह की तस्वीर नहीं होने के सवाल पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यात्रा में किसी की तस्वीर लगाने का कोई मतलब नहीं था. पार्टी की ओर से या मेरी तरफ से कहीं भी पोस्टर नहीं लगाया गया है.
बता दें कि जदयू में शामिल होने के बाद से कभी भी आरसीपी सिंह और उपेन्द्र कुशवाहा एक मंच पर साथ नहीं देखे गए हैं.