पटना: उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने सोमवार ( 22 फरवरी ) को विधानसभा में बिहार का 2021-22 का बजट पेश किया. वहीं, वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए प्रस्तुत यह बजट मुख्य रूप से राज्य के गांवों पर केंद्रित रहा. इसके साथ ही सरकार महिलाओं और युवाओं पर भी मेहरबान रही. यहां तक बजट में योजना मद का करीब 60% हिस्सा गांवों को चमकाने और ग्रामीण आबादी के जीवन स्तर में सुधार लाने पर खर्च होगा.
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वहीं, बाकी राशि से राज्य में होने वाले विकास की रोशनी भी गांवों को रोशन करेगी. बजट में शिक्षा की हिस्सेदारी सबसे अधिक है. राज्य में मेडिकल, इंजीनियरिंग और खेल के तीन नए विश्वविद्यालय स्थापित होंगे. युवाओं में कौशल विकास के लिए नया विभाग स्किल डेवलपमेंट और उद्यमिता के नाम से गठित होगा. पांच साल में 20 लाख रोजगार सृजन के साथ ही महिला सशक्तीकरण पर विशेष जोर दिया गया है. महिलाओं को रोजगार में 35 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया है. महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजना लायी जाएगी. तो वहीं बजट पेश होने के बाद विपक्षी पार्टियां भी इस बजट पर कई तरह के सवाल उठा रहे हैं.
'बिहार का बजट सामान्य बजट है. इस बजट में कोई ऐसी बात नहीं है जिससे उत्साह हो. वहीं, इस बजट में न ही बेरोजगारी, न स्वास्थ्य और न शिक्षा के सवाल पर बात हुई है. जिससे बिहार का भला हो सके. केवल नाम के लिए ही बस बिहार का बजट है.'-उपेंद्र कुशवाहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, रालोसपा
2 लाख 18 हजार 303 करोड़ का बजट पेश
बता दें कि बिहार में बनी एनडीए गठित सरकार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने सोमवार को विधानसभा में 2 लाख 18 हजार 303 करोड़ का बजट पेश किया. इस बजट में हर विभाग को राज्य सरकार ने इस बार अच्छी राशि प्रदान की थी. कोरोना काल के दौरान इतना बड़ा बजट पेश करने के बाद विपक्ष पार्टी के कई लोग बजट पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं.