नयी दिल्ली/पटना: कोरोना लॉकडाउन के कारण कई राज्यों में बिहार के छात्र और मजदूर फंसे हुए हैं. राजस्थान के कोटा में तो भारी संख्या में बिहारी छात्र फंसे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन लोगों को बिहार बुलाने के पक्ष में नहीं हैं. उनका कहना है कि जो जहां पर है उसको वहीं पर मदद पहुंचाई जा रही है. इन सब को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री और रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने बहुत ही बढ़िया कदम उठाया और कोटा 300 बसें भेजकर अपने छात्रों को वापस बुला लिया. बिहार के कई छात्र कोटा में हैं और नीतीश कुमार से गुहार लगा रहे हैं कि हम लोगों को वापस बुला लीजिए, लेकिन नीतीश जी कुछ सुनने को तैयार नहीं हैं. जब उत्तर प्रदेश सरकार अपने बच्चों को बुला सकती है तो बिहार सरकार क्यों नहीं बुला रही? नीतीश कुमार संवेदनहीन हो चुके हैं. गरीब बिहारी मजदूर भी दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं लेकिन उन पर भी नीतीश कुमार ध्यान नहीं दे रहे हैं.
'खास लोगों को दी जा रही है स्पेशल परमिट'
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार से आग्रह है कि इन सब को बिहार बुलवाइए और सबकी जांच कराइए , जो ठीक हैं उनको घर भेज दीजिये. मैंने यह भी देखा है कि जो ताकतवर लोग हैं, पहुंचवाले लोग हैं. कोटा से अपने बच्चों को बुला ले रहे हैं, अपने बच्चों को लाने के उन लोगों को स्पेशल परमिट दी जारी है. दूसरी तरफ अन्य छात्रों व मजदूरों के साथ भेदभाव किया जा रहा है.
'दिल्ली से बिहार पहुंच रहे हैं नेता'
बता दें कुछ दिन पहले ही बिहार के बीजेपी विधायक अनिल सिंह कोटा से अपनी बेटी को लेकर आये थे. इस मामले पर काफी बवाल मचा. विपक्ष का कहना है कि जदयू और बीजेपी के कई सांसद भी दिल्ली से अपनी गाड़ी से बिहार पहुंच रहे हैं, जिसको लेकर भी विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है. क्योंकि कोई भी गरीब-मजदूर-छात्र बिहार नहीं आ पा रहे है.