पटना: बिहार में इस साल विधानसभा का चुनाव होना है. जिसके लिए सभी दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है. आगामी विधानसभा चुनाव में कई राजनीतिक दिग्गज अपना आखिरी दाव लगाएंगे. या यूं कहें कि कर्पूरी और जेपी के शिष्यों के लिए यह चुनाव अंतिम पारी होगी. ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है कि आने वाले समय में बिहार की राजनीतिक शून्यता को कौन तोड़ेगा?
जिन दिग्गजों के लिए आगामी विधानसभा चुनाव राजनीति की आखिरी पारी होगी, उसमें सबसे ऊपर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव हैं, जो चारा घोटाले में सजायाफ्ता हैं. इसके बाद रामविलास पासवान और शरद यादव का नाम है, जो पिछले दिनों सक्रिय राजनीति से धीरे-धीरे दूर हो चुके हैं.
नीतीश-सुमो भी खेल रहे अंतिम पारी
अगर बात करें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की तो पिछले 15 वर्षों से (बीच के कुछ समय को छोड़कर) दोनों सत्ता में काबिज होकर सरकार चला रहे हैं. लेकिन, आगामी चुनाव के बाद इनकी भी राजनीतिक पारी अंतिम पायदान पर पहुंच जाएगी. ऐसे में बड़ा सवाल ये भी कि एक साथ इतने दिग्गजों के राजनीति से अलग होने के बाद बिहार का बागडोर कौन संभालेगा? इस सवाल को लेकर सत्तापक्ष, विपक्ष और राजनीतिक जानकारों की अपनी अलग-अलग राय है.
आरजेडी की अपनी राय
आरजेडी का मानना है कि बिहार का अगला सिरमौर तेजस्वी प्रसाद होंगे. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह साफ तौर से कहते हैं कि जनता तेजस्वी यादव में लालू प्रसाद की छवि देखती है. तेजस्वी यादव की सभाओं में हजारों की संख्या में लोग जुट रहे हैं. जनता उन्हें पसंद कर रही है.
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राजनीति कभी शून्य नहीं होती- बीजेपी
राजनीतिक शूचिता पर बीजेपी का मानना है कि राजनीति में शून्यता नहीं होती. बीजेपी प्रवक्ता अजीत चौधरी कहते हैं कि देश में हमेशा बड़े नेता आते-जाते रहे हैं. हर बार कोई नया चेहरा आता रहा है. महत्वपूर्ण विचार होता है, व्यक्ति नहीं. बीजेपी प्रवक्ता की मानें तो आगामी विधानसभा चुनाव भले ही कई नेताओं की राजनीति का अंत होगा, लेकिन उनके विचारों का अंत नहीं होगा.
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'समय चुन लेगा अपना नेता'
इस मुद्दे पर राजनीतिक जानकार और पूर्व विधान पार्षद प्रेम कुमार मणि कहते हैं कि समय अपना नेता खुद चुन लेगी. मणि कहते हैं कि बीजेपी एक संगठित पार्टी है और इसमें लोकतंत्र होने के कारण नेताओं की कमी नहीं है. लेकिन, अगर अभाव है तो सबसे ज्यादा जेडीयू, आरजेडी और लोजपा में है. समाजवादी विचारधारा से जुड़ी इन पार्टियों ने कभी भी अगला नेतृत्व तैयार नहीं किया है, लेकिन समय पर नया नेतृत्व जरूर सामने आ जाएगा.