पटना: रेलवे में जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत सभी आरोपियों को 4 अक्टूबर को पेश होने के लिए समन जारी किया है. अब इसको लेकर आरजेडी समेत इंडिया गठबंधन के नेता जहां बीजेपी पर विपक्षी दलों को परेशान करने का आरोप लगाया है. वहीं केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने पलटवार करते हुए इसे जायज ठहराया है. उन्होंने कहा कि सीबीआई और ईडी एक स्वतंत्र इकाई है. ऐसे मामले की जांच वह स्वतंत्र रूप से करती है. जो कुछ इस मामले में हुआ है, उसकी सच्चाई जनता भी जानती है और जो भुक्त भोगी परिवार है, उन्होंने भी इसको लेकर गवाही दी है.
नित्यानंद राय का लालू परिवार पर हमला: नित्यानंद राय ने कहा कि लालू परिवार ने नौकरी के बदले में गरीब युवाओं से जमीन अपने नाम करवा लिया. कई लोगों को तो जमीन लेकर भी नौकरी नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि इसके अहम सबूत भी ईडी के पास मौजूद हैं. अगर इस मामले को लेकर कोई कार्रवाई हो रही है तो इस में गलत क्या है. कानून अपना काम कर रहा है. यह लोग कुछ से कुछ बोल रहे हैं, इनको पता होना चाहिए कि सीबीआई या ईडी एक स्वतंत्र इकाई है और ऐसे मामले की जांच वह स्वतंत्र रूप से करती है.
"जो जैसा करेगा, वैसा पाएगा. रेलवे में नौकरी के बदले गरीबों से, बेबस नौजवानों से, बेरोजगारों और उनके अभिभावकों से जमीन लेना और जमीन लेकर नौकरी देना, यह कानून के हिसाब से बहुत बड़ा अपराध है. मैं तो कहना चाहूंगा कि लालू जी और तेजस्वी जी से क्या सीबीआई इनको मिठाई खिलाएगी या कानूनी कार्रवाई होगी. ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी ही चाहिए, तभी भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी"- नित्यानंद राय, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री
तेजप्रताप के बयान पर क्या बोले केंद्रीय मंत्री: वहीं, मंत्री तेजप्रताप यादव द्वारा 'सीबीआई को बीजेपी का दामाद' बताने पर नित्यानंद राय ने कहा कि मेरा संस्कार ऐसा नहीं है कि मैं इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करूं. उन्होंने कहा कि आरजेडी और लालू परिवार को यह याद रखना चाहिए कि केंद्रीय एजेंसी स्वतंत्र संस्था है, जो सबूत और गवाह के आधार पर कोई कार्रवाई करती हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तेजप्रताप को नहीं भूलना चाहिए कि आरजेडी भी केंद्र में कभी कांग्रेस के सरकार में थी.
क्या है पूरा मामला?: दरअसल, लैंड फॉर जॉब घोटाले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत सभी आरोपियों को 4 अक्टूबर को पेश होने के लिए समन जारी किया है. लालू पर आरोप है कि मनमोहन सिंह की सरकार में रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने 2004-2009 के बीच रेलवे में नौकरी के देने के बदले उन्होंने अभ्यर्थियों से जमीन अपने परिवार के नाम करवाया था. इस मामले में सीबीआई ने तेजस्वी को भी आरोपी बनाया है.