पटनाः लोकसभा चुनाव को देखते हुए पटना विश्वविद्यालय में नैक मूल्यांकन टीम के दौरे को स्थगित कर दिया गया है. अब यह मई के पहले या दूसरे सप्ताह में विश्वविद्यालय के निरीक्षण के लिए पहुंचेगी. इससे पीयू प्रशासन को तैयारी का कुछ और मौका मिल गया है.
रिजेक्ट किए गए 57 शोधपत्र
नैक अधिकारियों के अनुसार एसएसआर रिपोर्ट सबमिट तिथि के अनुसार 20 अप्रैल से 20 मई के बीच टीम का दौरा हो जाना चाहिए था. लेकिन पटना में लोकसभा चुनाव 19 मई को है, जिसे ध्यान में रखते हुए इस तिथि को बढ़ा दिया गया है. पीयू प्रशासन ने एसएसआर में विभिन्न विभागों के शिक्षकों द्वारा किए गए 172 शोध की जानकारी दी थी. जांच के बाद 57 को रिजेक्ट कर दिया गया.
विशेष टीम का गठन
सूत्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार शोध कार्य नहीं है, इनके प्रकाशन भी यूजीसी द्वारा चिन्हित किए गए हैं. यह जनरल में नहीं हुआ है, विश्वविद्यालय प्रशासन इसकी भरपाई के लिए कई स्तर पर मेहनत कर रहा है. आपको बता दें कि मगध महिला कॉलेज को नैक मूल्यांकन में बी ग्रेड मिलने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन तैयारी में किसी भी स्तर का कमी नहीं छोड़ना चाहता है. इसके लिए कुलपति की अध्यक्षता में विशेष टीम का गठन किया गया है.
विभागों का निरीक्षण जारी
कुलपति के नेतृत्व में विभिन्न विभाग का निरीक्षण किया जा रहा है. जिसमें चिन्हित की गई खामियों को तत्काल दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. नैक मूल्यांकन के विशेषज्ञों का कहना है कि पीयू में शोध के माहौल का अभाव है. कुछ शोध कार्य जो शिक्षक एवं छात्रों द्वारा किए गए हैं. उनका स्तर यूजीसी के मानक के अनुरूप नहीं है.
पीयू के हैं कई मजबूत पक्ष
बहरहाल नैक मूल्यांकन के लिए छात्रों एवं अभिभावकों की परेशानी को दूर करने के लिए विभाग स्तर पर शिक्षकों की टीम बनेगी. पटना विश्वविद्यालय राज्य का एकलौता विश्वविद्यालय है, जिसका एकेडमिक और परीक्षा कैलेंडर नियमित है. इसका मजबूत पक्ष यह भी है कि इसके साथ ही 100 वर्षों का ही विरासत ढांचागत सुविधाएं, हेरिटेज बिल्डिंग एक स्थान पर संकाय वार विभाग, गंगा तट नामचीन पदों पर पूर्ववर्ती छात्रों का होना, प्राइमरी लोकेशन आदि नैक मुल्यांकन के दौरान अच्छे अंक दिलाने की कोशिश हो सकती है.