पटना: राज्यसभा में गैरकानूनी गतिविधि पर रोकथाम लगाने के लिए यूएपीए कानून पारित किया जा चुका है. लेकिन राजद इस बिल का विरोध कर रही है. वहीं, भाजपा ने राजद के विरोध पर पलटवार किया है. बीजेपी ने कहा कि इस बिल का वही लोग विरोध कर रहे हैं जो गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहते हैं.
राजद कर रही UAPA बिल का विरोध
केंद्र सरकार ने यूएपीए संशोधन बिल दोनों सदनों में पारित करा लिया है. राजद इस संशोधन बिल का विरोध कर रही है. पार्टी को यह शंका है कि इससे लोगों की स्वतंत्रता छिन जाएगी और जनता का अधिकार कम हो जायेगा.
'सुरक्षा से सरकार नहीं करना चाहती समझौता'
भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि बिल इसलिए लाया गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सरकार कोई समझौता नहीं करना चाहती है. इस बिल का वही लोग विरोध कर रहे हैं जो गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहते हैं. साथ ही भाजपा प्रवक्ता ने कहा है कि इस बिल से जनता के अधिकारों का किसी तरह से हनन नहीं होगा.
क्या है UAPA बिल
1967 ई. में यूएपीए बिल को लााय गया था. इस कानून को लाने का उद्देश्य देश के अंदर गैरकानूनी गतिविधियों और संगठनों को चिन्हित करना था. इस कानून के तहत कुछ संवैधानिक अधिकारों पर उचित प्रतिबंध लगाए जाते हैं. वे हैं:
- अभिव्यक्ति और भाषण की स्वतंत्रता
- शांतिपूर्वक और बिना हथियारों के एकत्र होने के अधिकार तथा
- एसोसिएशन या यूनियन बनाने का अधिकार
इस बिल को पेश करने का उद्देश्य था भारत से अलगाव मांगने वाले किसी भी संगठन की गतिविधियों को रोकने के लिए प्रावधान करना. उस संगठन को गैरकानूनी मानना. इसलिए यह कानून राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भारत के सबसे महत्वपूर्ण कानूनों में से एक बन गया. हलांकि इस कानून के बनने के बाद कई अवसरों पर इसमें संशोधन किए गए हैं.