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आयुर्वेद कॉलेज में इस सत्र से शुरू होंगे दो नए कोर्स, PM मोदी की पहल पर शुरू हुई कवायद

राजकीय आयुर्वेद कॉलेज में मास्टर इन योगा साइंस और पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन मेडिसिनल प्लांट दो नए कोर्स शुरू होने जा रहे हैं. इस बारे में कॉलेज प्राचार्य ने विस्तार से जानकारी दी. पढ़ें पूरी खबर...

बिहार की ताजा खबर
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Published : Jun 28, 2020, 8:45 PM IST

पटना: राजधानी पटना के कदमकुंआ स्थित राजकीय आयुर्वेद कॉलेज आयुष चिकित्सा के क्षेत्र में बिहार का काफी पुराना मेडिकल कॉलेज है. आगामी सत्र से कॉलेज में दो नए कोर्सेज की शुरुआत करने पर विचार किया जा रहा है. कॉलेज के प्राचार्य की मानें, तो पीएम नरेंद्र मोदी ने मेडिसिनल प्लांट्स (औषधीय पौधों) को लेकर जोर दिया है. इसके चलते दो नए कोर्स शुरू करने की कवायद हो रही है.

कॉलेज में मास्टर इन योगा साइंस और पैरामेडिकल के लिए पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन मेडिसिनल प्लांट जैसे कोर्स की शुरुआत करने का प्रयास किया जा रहा है. आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दिनेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि कॉलेज में मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए 200 की लगभग संख्या में सीट हैं. जिनमें बैचलर्स, मास्टर्स और पैरामेडिकल के कोर्सेज शामिल हैं. उन्होंने बताया कि कॉलेज में बीएएमएस यानी स्नातक कोर्सेज में 100 की संख्या में सीट हैं. ये पिछले साल से शुरू हुआ है. इसके पहले 40 सीटें थीं.

पटना से कष्ण नंदन की रिपोर्ट

14 में से 8 विषयों की पढ़ाई
डॉ. दिनेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि आयुष चिकित्सा के क्षेत्र में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज में 14 विषय होते हैं, जिनमें 8 विषय की पढ़ाई कॉलेज में चल रही है और बाकी छह विषयों में पढ़ाई शुरू करने की तैयारी चल रही है. उम्मीद है अगले वर्ष से यह पढ़ाई भी शुरू हो जाए. उन्होंने बताया कि पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज में जिन 8 विषयों में कॉलेज में पढ़ाई चल रही है, उनमें सभी विषय में 5-5 सीटों पर एडमिशन होता है.

आयुर्वेद के लिए वरदान है कॉलेज
आयुर्वेद के लिए वरदान है कॉलेज

200 से ज्यादा होंगे एडमिशन
प्राचार्य ने बताया कि कॉलेज में पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा में जिन विषयों की पढ़ाई चल रही है. उनमें एक पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन योगा साइंसेज और दूसरा पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन पंचकर्म टेक्निक है. उन्होंने बताया कि दोनों सब्जेक्ट में 20-20 की संख्या में सीटें हैं. वर्तमान में कॉलेज में लगभग 300 की संख्या में स्टूडेंट्स है और आगामी सत्र से प्रत्येक वर्ष विभिन्न कोर्सों में लगभग 200 एडमिशन किए जाएंगे.

आयुष चिकित्सा की पढ़ाई
होती है आयुष चिकित्सा की पढ़ाई

मेडिसिनल प्लांट के चलते बढ़ेगी डिमांड
प्राचार्य डॉ. दिनेश्वर प्रसाद ने बताया कि इस सत्र से कॉलेज में दो नए कोर्सेज की पढ़ाई शुरू करने जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि कॉलेज में जो पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन योगा साइंस चल रहा है, उसमें एमएस इन योगा साइंस चलाने का प्रयास कर रहे हैं. समय की मांग के अनुसार योगा साइंस में भी पीजी कोर्सेज शुरू होने चाहिए क्योंकि भारत सरकार और प्रधानमंत्री का मेडिसिनल प्लांट पर विशेष जोर है, इसके लिए 400 करोड़ रुपये का आवंटन भी हुआ है. इसलिए पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन मेडिसिनल प्लांट का कोर्स आगामी सत्र से शुरू करने जा रहे हैं. मेडिसिनल प्लांट के कल्टीवेशन, स्टोरेज, प्रिजर्वेशन और मार्केटिंग के उद्देश्य से यह कोर्सेज शुरू कर रहे हैं.

पटना: राजधानी पटना के कदमकुंआ स्थित राजकीय आयुर्वेद कॉलेज आयुष चिकित्सा के क्षेत्र में बिहार का काफी पुराना मेडिकल कॉलेज है. आगामी सत्र से कॉलेज में दो नए कोर्सेज की शुरुआत करने पर विचार किया जा रहा है. कॉलेज के प्राचार्य की मानें, तो पीएम नरेंद्र मोदी ने मेडिसिनल प्लांट्स (औषधीय पौधों) को लेकर जोर दिया है. इसके चलते दो नए कोर्स शुरू करने की कवायद हो रही है.

कॉलेज में मास्टर इन योगा साइंस और पैरामेडिकल के लिए पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन मेडिसिनल प्लांट जैसे कोर्स की शुरुआत करने का प्रयास किया जा रहा है. आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दिनेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि कॉलेज में मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए 200 की लगभग संख्या में सीट हैं. जिनमें बैचलर्स, मास्टर्स और पैरामेडिकल के कोर्सेज शामिल हैं. उन्होंने बताया कि कॉलेज में बीएएमएस यानी स्नातक कोर्सेज में 100 की संख्या में सीट हैं. ये पिछले साल से शुरू हुआ है. इसके पहले 40 सीटें थीं.

पटना से कष्ण नंदन की रिपोर्ट

14 में से 8 विषयों की पढ़ाई
डॉ. दिनेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि आयुष चिकित्सा के क्षेत्र में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज में 14 विषय होते हैं, जिनमें 8 विषय की पढ़ाई कॉलेज में चल रही है और बाकी छह विषयों में पढ़ाई शुरू करने की तैयारी चल रही है. उम्मीद है अगले वर्ष से यह पढ़ाई भी शुरू हो जाए. उन्होंने बताया कि पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज में जिन 8 विषयों में कॉलेज में पढ़ाई चल रही है, उनमें सभी विषय में 5-5 सीटों पर एडमिशन होता है.

आयुर्वेद के लिए वरदान है कॉलेज
आयुर्वेद के लिए वरदान है कॉलेज

200 से ज्यादा होंगे एडमिशन
प्राचार्य ने बताया कि कॉलेज में पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा में जिन विषयों की पढ़ाई चल रही है. उनमें एक पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन योगा साइंसेज और दूसरा पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन पंचकर्म टेक्निक है. उन्होंने बताया कि दोनों सब्जेक्ट में 20-20 की संख्या में सीटें हैं. वर्तमान में कॉलेज में लगभग 300 की संख्या में स्टूडेंट्स है और आगामी सत्र से प्रत्येक वर्ष विभिन्न कोर्सों में लगभग 200 एडमिशन किए जाएंगे.

आयुष चिकित्सा की पढ़ाई
होती है आयुष चिकित्सा की पढ़ाई

मेडिसिनल प्लांट के चलते बढ़ेगी डिमांड
प्राचार्य डॉ. दिनेश्वर प्रसाद ने बताया कि इस सत्र से कॉलेज में दो नए कोर्सेज की पढ़ाई शुरू करने जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि कॉलेज में जो पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन योगा साइंस चल रहा है, उसमें एमएस इन योगा साइंस चलाने का प्रयास कर रहे हैं. समय की मांग के अनुसार योगा साइंस में भी पीजी कोर्सेज शुरू होने चाहिए क्योंकि भारत सरकार और प्रधानमंत्री का मेडिसिनल प्लांट पर विशेष जोर है, इसके लिए 400 करोड़ रुपये का आवंटन भी हुआ है. इसलिए पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन मेडिसिनल प्लांट का कोर्स आगामी सत्र से शुरू करने जा रहे हैं. मेडिसिनल प्लांट के कल्टीवेशन, स्टोरेज, प्रिजर्वेशन और मार्केटिंग के उद्देश्य से यह कोर्सेज शुरू कर रहे हैं.

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