पटना: राजधानी के गंगा किनारे बन रहे गंगा पाथ-वे, जिसे लोक नायक के नाम से तैयार किया जा रहा है. उसके निर्माण में अभी 2 साल का वक्त और लगेगा. 2015 में जब नीतीश कुमार ने इसका शिलान्यास किया था, तो 2017 प्रकाश पर्व के समय इसके तैयार होने की बात कही गई थी. जिससे सिख श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सके. लेकिन 2019 में भी गंगा पाथ-वे आधा अधूरा पड़ा है.
साल 2015 में की गई थी शुरुआत
गंगा किनारे बन रहा गंगा पाथ-वे दीघा से दीदारगंज तक 20 किलोमीटर से अधिक लंबा होगा. ये पाथ-वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है. इसके निर्माण की शुरुआत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2015 अप्रैल में कराई थी. उस समय इसका बजट 3160 करोड़ रखा गया था. लेकिन अब यह बढ़कर 5000 करोड़ से अधिक का हो चुका है. वहीं, जिस प्रकार से इसके निर्माण में लगातार विलंब हो रहा है, ये राशि और बढ़नी तय है.
निर्माण में लगेंगे और 2 साल
पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने बताया कि गंगा पाथ वे के निर्माण में अभी 2 साल और लगेंगे. नंदकिशोर यादव का ये भी कहना है कि जमीन की समस्या अब इसके निर्माण में बाधा नहीं आएगी. क्योंकि जिन इलाकों में जमीन की समस्या थी, वहां एलिवेटेड सड़क का निर्माण किया जा रहा है. गंगा पाथ-वे में 163 से अधिक पिलर और 140 से अधिक स्पैन, जिस पर सुपरस्ट्रक्चर रखा जाएगा. वह अभी काफी संख्या में तैयार नहीं हुआ है. गंगा में पानी घटने के बाद इसके निर्माण कार्य में तेजी आएगी.
कई कारणों से रहा है विवादों में
गंगा पाथ-वे कई कारणों से विवादों में भी रहा है. नीतीश सरकार ने इसे प्रधानमंत्री पैकेज में शामिल करने की मांग कई बार की थी. लेकिन केंद्र ने स्वीकृति नहीं दी. इसको लेकर भी कई बार सवाल खड़े होते रहे हैं. जिसकी वजह से इसके निर्माण में और विलंब होता रहा. वहीं, निर्माण एजेंसी की ओर से कुछ समय तक काम इसलिए ठप कर दिया गया. क्योंकि सुरक्षा मांगने पर भी सरकार की ओर से सुरक्षा नहीं दी गई.
एजेंसी की ओर से ये कहा गया था कि उनसे रंगदारी की मांग की जाती है. उस समय भी गंगा पाथ वे विवाद में आया था. फिर जमीन अधिग्रहण का भी मामला फंसा. लेकिन बाद में इसके डिजाइन में भी परिवर्तन किया गया है. अब इसके निर्माण का रास्ता साफ बताया जा रहा है. ऐसे में देखना है कि 2 साल में भी ये बनकर तैयार होता है या नहीं. क्योंकि इसका निर्माण होने पर राजधानी के लोगों को जाम से मुक्ति मिलेगी और खासकर सिटी के लोगों को राजधानी के दूसरे हिस्से में आने-जाने में काफी आसानी होगी.