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गंगा नदी पर बन रहे दो मेगा प्रोजेक्ट लेटलतीफी का शिकार.. फिर भी कंपनी पर मेहरबान है सरकार

गंगा ड्राइव परियोजना 2013 में शुरू हुई थी और 2017 में पूरी होनी थी, लेकिन निर्माण कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है. वहीं ताजपुर बख्तियारपुर ब्रिज 2011 में शुरू हुआ और अभी भी आधा ही काम किया गया है. जाने इसके पीछे का कारण.

अधर में लटकी परियोजनाएं
अधर में लटकी परियोजनाएं
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Published : Sep 14, 2021, 8:37 PM IST

पटना: बिहार की 2 मेगा प्रोजेक्ट लेटलतीफी का शिकार है. गंगा नदी पर बन रहे बख्तियारपुर-ताजपुर पुल (Bakhtiyarpur-Tajpur Bridge) पिछले 10 सालों में भी बनकर तैयार नहीं हुआ. वहीं गंगा किनारे बन रहा गंगा ड्राइव 8 सालों में पूरा नहीं हुआ. खास बात है कि दोनों को बनाने वाली कंपनी हैदराबाद की नवयुग इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड है. सरकार इस एजेंसी पर मेहरबान है.

ये भी पढ़ें: बिहार में बन रहे मेगा ब्रिज प्रोजेक्ट्स लेटलतीफी के शिकार, निर्माण लागत भी कई गुणा बढ़े

बता दें कि पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन को जब पथ निर्माण मंत्री का प्रभार मिला था, तो उन्होंने समीक्षा के बाद कहा था कि एजेंसी से काम लिया जाएगा. लेकिन बाद में नितिन नवीन भी पलट गए. अब फिर उसी एजेंसी से काम पूरा कराने की तैयारी हो रही है.

देखें रिपोर्ट

राजधानी पटना के गंगा किनारे गंगा ड्राइव भी अभी आधा-अधूरा है. कुछ हिस्सा जरूर दूसरी एजेंसी को दिया गया है. लेकिन मुख्य हिस्सा अभी भी नवयुग कंपनी के पास ही है और दोनों का निर्माण कब पूरा होगा, पथ निर्माण विभाग बताने की स्थिति में आज भी नहीं है.

ताजपुर बख्तियारपुर पुल की 2010 में कैबिनेट ने स्वीकृति दी थी. जून 2011 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्माण कार्य शुरू करवाया था. 5.5 किलोमीटर की लंबाई में चार लेन का पुल बनना है. पहले 2016 में बनकर तैयार होना था, अब 2023 तक लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए 900 करोड़ के करीब राशि खर्च हो चुकी है. अभी 50% काम भी मुश्किल से ही पूरा हुआ है. ऐसे में इसकी लागत काफी बढ़ने की संभावना है.

इसी तरह गंगा ड्राइव की बात करें तो पटना के गंगा किनारे बन रहे 20.5 किलोमीटर गंगा पथ का निर्माण 2013 में शुरू हुआ था. 2017 तक निर्माण पूरा करना था, लेकिन कई कारणों से यह योजना अब तक पूरी नहीं हुई है.

हालांकि सरकार ने एजेंसी के रवैये पर इसका कुछ हिस्सा दूसरी एजेंसी को दे दिया गया है. यह लगभग 700 करोड़ के आसपास है. जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड को यह काम दिया गया है, वहीं कुछ हिस्सा गावर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड को दिया गया है. जिसमें पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल से गंगा पथ को जोड़ना है और इस पर लगभग 300 खर्च होंगे. लेकिन मुख्य हिस्सा अभी भी नवयुग इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के पास ही है.

पटना में बन रहे हैं गंगा ड्राइव

  • 11 अक्टूबर 2013 को गंगा ड्राइव का हुआ शिलान्यास
  • दीघा से दीदारगंज तक 2017 तक निर्माण कार्य पूरा करने का रखा गया है लक्ष्य
  • 3160 करोड़ का था दीदारगंज गंगा ड्राइव प्रोजेक्ट
  • प्रोजेक्ट तैयार होने से अशोक राजपथ पर जाम से मिलेगा छुटकारा
  • विलंब होने के कारण 5000 करोड़ से अधिक इस प्रोजेक्ट पर खर्च होने की संभावना
  • गंगा ड्राइव की लंबाई 20.5 किलोमीटर है, जिसमें 8.80 किलोमीटर तटबंध पर सड़क बनेगी
  • 11.70 किलोमीटर एलिवेटेड सड़क होगा
  • गंगा ड्राइव की 20 किलोमीटर से अधिक लंबाई में बनेगी सड़क
  • सिटी इलाके में अशोक राजपथ से गायघाट, कंगन घाट, पटना घाट और दीदारगंज में जुड़ेगा इसके अलावा गायघाट, कांजेकला, कंगना घाट और पटना घाट में फुटओवर ब्रिज भी बनाया जाएगा
  • 4 फुटओवर ब्रिज और सात अंडर पास इसमें बनाया जाना है

ताजपुर बख्तियारपुर पुल की मुख्य बातें

  • 2010 में कैबिनेट ने दी थी स्वीकृति.
  • जून 2011 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुरू कराया था निर्माण का कार्य.
  • 5.5 किलोमीटर की लंबाई में चार लेन का पुल बनाना है.
  • 1600 करोड़ की लागत की परियोजना.
  • पहले 2016 में बनकर होना था तैयार, अब 2023 तक रखा गया है लक्ष्य.
  • पीपीपी मोड में इस पुल हो रहा है निर्माण.
  • 52 फीसदी काम अब तक हुआ है पूरा साथ ही 272 पिलर का निर्माण हो चुका है.
  • पुल के तैयार होने से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच आवागमन हो सकेगा आसान.
  • पुल को लेकर मुख्यमंत्री भी स्थल पर जाकर कर चुके हैं निरीक्षण.
  • 46 किलोमीटर दोनों छोर पर एप्रोच रोड भी बनाया जाएगा.
  • पुल तैयार होने के बाद टोल प्लाजा से एजेंसी बैंक और सरकार निर्माण कार्य की राशि वसूल करेगी.
  • अब तक 900 करोड़ के करीब राशि खर्च हो चुकी है. लागत बढ़ने की भी संभावना.
  • पुल का निर्माण हैदराबाद की नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड कर रही है.

'प्रोजेक्ट के लेट होने से एक तो उसका कॉस्ट काफी बढ़ता है. सरकार की मुश्किलें भी बढ़ती है. लोगों की परेशानी भी तय समय में पूरा नहीं होने से बढ़ जाती है. प्रोजेक्ट की क्वालिटी पर भी असर पड़ता है' -डॉ. विद्यार्थी विकास, प्रोफेसर, एएन सिन्हा शोध संस्थान

'गंगा पाथवे का काम तेजी से चल रहा है लेट हुआ है. कुछ तकनीकी कारणों से देरी हो रही थी. कुछ हिस्सा दूसरी एजेंसी को भी दिया गया है. ताजपुर बख्तियारपुर को लेकर भी सरकार गंभीर है. बैंक के साथ भी बैठक हुई है. बैंक एजेंसी और सरकार तीनों मिलकर उसे जल्द से जल्द बनाने की कोशिश में लगे हैं. जल्द ही अच्छी खबर देंगे. इतना लेट होने पर भी एजेंसी पर कार्रवाई करने से सरकार बचती रही है.' -नितिन नवीन, पथ निर्माण मंत्री

'सरकार चहेते लोगों के इशारे पर चुनिंदा कंपनियों को ही काम देती है. इसलिए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक बार 56 घोटाले का जिक्र किया था. जांच होगी तो कई घोटाले सामने आएंगे.' -सागरिका पासवान, प्रवक्ता, आरजेडी

बता दें कि पटना किनारे बन रहे गंगा ड्राइव राजधानी के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा. वहीं पर दीघा से सिटी तक लोगों को जाम से भी छुटकारा मिलेगा. सबसे खास एम्स-दीघा एलिवेटेड रोड, जेपी सेतु और आर ब्लॉक दीघा डबल डेकर एलिवेटेड रोड से इसे कनेक्ट किया जाएगा. जिससे राजधानी के बड़े हिस्से में आना-जाना आसान हो जाएगा. लेकिन लगातार योजना में हो रहे विलंब से लोगों को फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद कम ही है.

दूसरी तरफ ताजपुर-बख्तियारपुर पुल के बन जाने से उत्तर बिहार से दक्षिण बिहार आवागमन काफी सुलभ होगा. काफी समय की बचत होगी. लेकिन यह योजना भी लोगों को लंबा इंतजार करा रही है. दोनों बड़े प्रोजेक्ट हैदराबाद की नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी के पास होने के बाद भी सरकार उस पर कार्रवाई करने से बच रही है.

यह भी पढ़ें- 10 सालों से बन रहे ताजपुर-बख्तियारपुर पुल का निर्माण कार्य पुन: शुरू होने की उम्मीद, 2023 तक रखा गया लक्ष्य

पटना: बिहार की 2 मेगा प्रोजेक्ट लेटलतीफी का शिकार है. गंगा नदी पर बन रहे बख्तियारपुर-ताजपुर पुल (Bakhtiyarpur-Tajpur Bridge) पिछले 10 सालों में भी बनकर तैयार नहीं हुआ. वहीं गंगा किनारे बन रहा गंगा ड्राइव 8 सालों में पूरा नहीं हुआ. खास बात है कि दोनों को बनाने वाली कंपनी हैदराबाद की नवयुग इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड है. सरकार इस एजेंसी पर मेहरबान है.

ये भी पढ़ें: बिहार में बन रहे मेगा ब्रिज प्रोजेक्ट्स लेटलतीफी के शिकार, निर्माण लागत भी कई गुणा बढ़े

बता दें कि पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन को जब पथ निर्माण मंत्री का प्रभार मिला था, तो उन्होंने समीक्षा के बाद कहा था कि एजेंसी से काम लिया जाएगा. लेकिन बाद में नितिन नवीन भी पलट गए. अब फिर उसी एजेंसी से काम पूरा कराने की तैयारी हो रही है.

देखें रिपोर्ट

राजधानी पटना के गंगा किनारे गंगा ड्राइव भी अभी आधा-अधूरा है. कुछ हिस्सा जरूर दूसरी एजेंसी को दिया गया है. लेकिन मुख्य हिस्सा अभी भी नवयुग कंपनी के पास ही है और दोनों का निर्माण कब पूरा होगा, पथ निर्माण विभाग बताने की स्थिति में आज भी नहीं है.

ताजपुर बख्तियारपुर पुल की 2010 में कैबिनेट ने स्वीकृति दी थी. जून 2011 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्माण कार्य शुरू करवाया था. 5.5 किलोमीटर की लंबाई में चार लेन का पुल बनना है. पहले 2016 में बनकर तैयार होना था, अब 2023 तक लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए 900 करोड़ के करीब राशि खर्च हो चुकी है. अभी 50% काम भी मुश्किल से ही पूरा हुआ है. ऐसे में इसकी लागत काफी बढ़ने की संभावना है.

इसी तरह गंगा ड्राइव की बात करें तो पटना के गंगा किनारे बन रहे 20.5 किलोमीटर गंगा पथ का निर्माण 2013 में शुरू हुआ था. 2017 तक निर्माण पूरा करना था, लेकिन कई कारणों से यह योजना अब तक पूरी नहीं हुई है.

हालांकि सरकार ने एजेंसी के रवैये पर इसका कुछ हिस्सा दूसरी एजेंसी को दे दिया गया है. यह लगभग 700 करोड़ के आसपास है. जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड को यह काम दिया गया है, वहीं कुछ हिस्सा गावर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड को दिया गया है. जिसमें पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल से गंगा पथ को जोड़ना है और इस पर लगभग 300 खर्च होंगे. लेकिन मुख्य हिस्सा अभी भी नवयुग इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के पास ही है.

पटना में बन रहे हैं गंगा ड्राइव

  • 11 अक्टूबर 2013 को गंगा ड्राइव का हुआ शिलान्यास
  • दीघा से दीदारगंज तक 2017 तक निर्माण कार्य पूरा करने का रखा गया है लक्ष्य
  • 3160 करोड़ का था दीदारगंज गंगा ड्राइव प्रोजेक्ट
  • प्रोजेक्ट तैयार होने से अशोक राजपथ पर जाम से मिलेगा छुटकारा
  • विलंब होने के कारण 5000 करोड़ से अधिक इस प्रोजेक्ट पर खर्च होने की संभावना
  • गंगा ड्राइव की लंबाई 20.5 किलोमीटर है, जिसमें 8.80 किलोमीटर तटबंध पर सड़क बनेगी
  • 11.70 किलोमीटर एलिवेटेड सड़क होगा
  • गंगा ड्राइव की 20 किलोमीटर से अधिक लंबाई में बनेगी सड़क
  • सिटी इलाके में अशोक राजपथ से गायघाट, कंगन घाट, पटना घाट और दीदारगंज में जुड़ेगा इसके अलावा गायघाट, कांजेकला, कंगना घाट और पटना घाट में फुटओवर ब्रिज भी बनाया जाएगा
  • 4 फुटओवर ब्रिज और सात अंडर पास इसमें बनाया जाना है

ताजपुर बख्तियारपुर पुल की मुख्य बातें

  • 2010 में कैबिनेट ने दी थी स्वीकृति.
  • जून 2011 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुरू कराया था निर्माण का कार्य.
  • 5.5 किलोमीटर की लंबाई में चार लेन का पुल बनाना है.
  • 1600 करोड़ की लागत की परियोजना.
  • पहले 2016 में बनकर होना था तैयार, अब 2023 तक रखा गया है लक्ष्य.
  • पीपीपी मोड में इस पुल हो रहा है निर्माण.
  • 52 फीसदी काम अब तक हुआ है पूरा साथ ही 272 पिलर का निर्माण हो चुका है.
  • पुल के तैयार होने से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच आवागमन हो सकेगा आसान.
  • पुल को लेकर मुख्यमंत्री भी स्थल पर जाकर कर चुके हैं निरीक्षण.
  • 46 किलोमीटर दोनों छोर पर एप्रोच रोड भी बनाया जाएगा.
  • पुल तैयार होने के बाद टोल प्लाजा से एजेंसी बैंक और सरकार निर्माण कार्य की राशि वसूल करेगी.
  • अब तक 900 करोड़ के करीब राशि खर्च हो चुकी है. लागत बढ़ने की भी संभावना.
  • पुल का निर्माण हैदराबाद की नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड कर रही है.

'प्रोजेक्ट के लेट होने से एक तो उसका कॉस्ट काफी बढ़ता है. सरकार की मुश्किलें भी बढ़ती है. लोगों की परेशानी भी तय समय में पूरा नहीं होने से बढ़ जाती है. प्रोजेक्ट की क्वालिटी पर भी असर पड़ता है' -डॉ. विद्यार्थी विकास, प्रोफेसर, एएन सिन्हा शोध संस्थान

'गंगा पाथवे का काम तेजी से चल रहा है लेट हुआ है. कुछ तकनीकी कारणों से देरी हो रही थी. कुछ हिस्सा दूसरी एजेंसी को भी दिया गया है. ताजपुर बख्तियारपुर को लेकर भी सरकार गंभीर है. बैंक के साथ भी बैठक हुई है. बैंक एजेंसी और सरकार तीनों मिलकर उसे जल्द से जल्द बनाने की कोशिश में लगे हैं. जल्द ही अच्छी खबर देंगे. इतना लेट होने पर भी एजेंसी पर कार्रवाई करने से सरकार बचती रही है.' -नितिन नवीन, पथ निर्माण मंत्री

'सरकार चहेते लोगों के इशारे पर चुनिंदा कंपनियों को ही काम देती है. इसलिए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक बार 56 घोटाले का जिक्र किया था. जांच होगी तो कई घोटाले सामने आएंगे.' -सागरिका पासवान, प्रवक्ता, आरजेडी

बता दें कि पटना किनारे बन रहे गंगा ड्राइव राजधानी के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा. वहीं पर दीघा से सिटी तक लोगों को जाम से भी छुटकारा मिलेगा. सबसे खास एम्स-दीघा एलिवेटेड रोड, जेपी सेतु और आर ब्लॉक दीघा डबल डेकर एलिवेटेड रोड से इसे कनेक्ट किया जाएगा. जिससे राजधानी के बड़े हिस्से में आना-जाना आसान हो जाएगा. लेकिन लगातार योजना में हो रहे विलंब से लोगों को फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद कम ही है.

दूसरी तरफ ताजपुर-बख्तियारपुर पुल के बन जाने से उत्तर बिहार से दक्षिण बिहार आवागमन काफी सुलभ होगा. काफी समय की बचत होगी. लेकिन यह योजना भी लोगों को लंबा इंतजार करा रही है. दोनों बड़े प्रोजेक्ट हैदराबाद की नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी के पास होने के बाद भी सरकार उस पर कार्रवाई करने से बच रही है.

यह भी पढ़ें- 10 सालों से बन रहे ताजपुर-बख्तियारपुर पुल का निर्माण कार्य पुन: शुरू होने की उम्मीद, 2023 तक रखा गया लक्ष्य

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