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जहरीली शराब कांड: भाकपा माले शनिवार और रविवार को मनाएगी विरोध दिवस - भाकपा माले का दो दिवसीय विरोध दिवस

जहरीली शराब से मौत के खिलाफ भाकपा माले प्रदेश में 2 दिन शनिवार और रविवार यानी 6 और 7 अक्टूबर को विरोध दिवस मनाएगी. साथ ही मृतकों के परिजनों के लिए भाकपा माले के राज्य सचिव ने 20-20 लाख रुपये के मुआवजे की मांग भी की गई है. पढ़ें पूरी खबर..

CPI-ML against Death Due to Drinking Poisonous Liquor
CPI-ML against Death Due to Drinking Poisonous Liquor
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Published : Nov 5, 2021, 6:44 PM IST

पटना: प्रदेश में दीपावली के दिन गोपालगंज और बेतिया में जहरीली शराब (Death Due to Drinking Poisonous Liquor in Bihar) पीने से 33 लोगों की जान जा चुकी है. बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद भी जहरीली शराब से मौत के मामले दो जिलों से सामने आए हैं. उसको लेकर शराबबंदी के दावे की कलई खुल गई है. जहरीली शराब से मौत मामले पर भाकपा माले (CPI-ML) ने सरकार से डिमांड किया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उत्पाद मंत्री सुनील कुमार को अविलंब बर्खास्त करें.

यह भी पढ़ें- जहरीली शराब मामले में उत्पाद मंत्री की सफाई- 'सच्चाई सबके सामने है... छुपाने जैसी कोई बात नहीं है'

भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने बताया कि जहरीली शराब का कारोबार सरकार के संरक्षण में चल रहा है और अब तक प्रदेश में 3 दर्जन से अधिक लोगों की जहरीली शराब से मौत की सूचना है. कुणाल ने कहा कि जहरीली शराब से इस साल प्रदेश में 100 लोगों से अधिक की मौत हुई है.

यह भी पढ़ें- बेतिया में जहरीली शराब पीने से 15 लोगों की मौत, परिजनों से मिले नीतीश के मंत्री

"जहरीली शराब से मौत का सिलसिला जारी है. छुटपुट घटनाओं के मामले सामने नहीं आते हैं. ऐसे में वास्तविक संख्या इसकी काफी अधिक है. शराब का काला कारोबार सरकार के संरक्षण के बिना नहीं चल सकता है. अवैध शराब की जितने भी मामले आए हैं सरकार ने कभी भी बड़े शराब माफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं की है."- कुणाल, राज्य सचिव, भाकपा माले

यह भी पढ़ें- बिहार में जहरीली शराब पीने से 33 की मौत, गोपालगंज में परिजनों ने चोरी छिपे किया दाह-संस्कार

भाकपा माले के राज्य सचिव ने कहा कि शराबबंदी के बाद नए कानून के तहत जहरीली शराब से जो पीड़ित लोग हैं, उनको मुआवजा भी नहीं मिलता और ऊपर से उनके ऊपर प्राथमिकी भी दर्ज हो जाती है. उन्होंने कहा कि गोपालगंज और बेतिया वाली घटना को लेकर उनकी पहली मांग है कि सरकार अविलंब उत्पाद मंत्री सुनील कुमार को बर्खास्त करें. दूसरी मांग यह है कि सभी मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए. इसको लेकर सरकार अपने कानून में संशोधन करे.

RAW

यह भी पढ़ें- जहरीली शराब से मौत पर बिफरा विपक्ष, CM नीतीश कुमार से मांगा इस्तीफा

भाकपा माले की ओर से गोपालगंज और बेतिया में हुए जहरीली शराब कांड को लेकर विधानसभा कि समिति के तहत जांच की भी मांग की गई है. ताकि जो दोषी हैं उन पर कड़ी कार्रवाई हो सके. कुणाल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजनेताओं, अधिकारियों और शराब माफियाओं का जो एक गठजोड़ चल रहा है वह खुलकर सबके सामने आ गया है. उन्होंने कहा कि इस मसले पर भाकपा माले प्रदेश में 2 दिन शनिवार और रविवार यानी 6 और 7 अक्टूबर को पूरे प्रदेश भर में विरोध दिवस मनाएगी.

नोट: अगर आपको शराब की अवैध खरीद-बिक्री, उपभोग की जानकारी मिलती है तो मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के टॉल फ्री नंबर 15545 एवं 18003456268 पर शिकायत करें.

पटना: प्रदेश में दीपावली के दिन गोपालगंज और बेतिया में जहरीली शराब (Death Due to Drinking Poisonous Liquor in Bihar) पीने से 33 लोगों की जान जा चुकी है. बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद भी जहरीली शराब से मौत के मामले दो जिलों से सामने आए हैं. उसको लेकर शराबबंदी के दावे की कलई खुल गई है. जहरीली शराब से मौत मामले पर भाकपा माले (CPI-ML) ने सरकार से डिमांड किया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उत्पाद मंत्री सुनील कुमार को अविलंब बर्खास्त करें.

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भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने बताया कि जहरीली शराब का कारोबार सरकार के संरक्षण में चल रहा है और अब तक प्रदेश में 3 दर्जन से अधिक लोगों की जहरीली शराब से मौत की सूचना है. कुणाल ने कहा कि जहरीली शराब से इस साल प्रदेश में 100 लोगों से अधिक की मौत हुई है.

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"जहरीली शराब से मौत का सिलसिला जारी है. छुटपुट घटनाओं के मामले सामने नहीं आते हैं. ऐसे में वास्तविक संख्या इसकी काफी अधिक है. शराब का काला कारोबार सरकार के संरक्षण के बिना नहीं चल सकता है. अवैध शराब की जितने भी मामले आए हैं सरकार ने कभी भी बड़े शराब माफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं की है."- कुणाल, राज्य सचिव, भाकपा माले

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भाकपा माले के राज्य सचिव ने कहा कि शराबबंदी के बाद नए कानून के तहत जहरीली शराब से जो पीड़ित लोग हैं, उनको मुआवजा भी नहीं मिलता और ऊपर से उनके ऊपर प्राथमिकी भी दर्ज हो जाती है. उन्होंने कहा कि गोपालगंज और बेतिया वाली घटना को लेकर उनकी पहली मांग है कि सरकार अविलंब उत्पाद मंत्री सुनील कुमार को बर्खास्त करें. दूसरी मांग यह है कि सभी मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए. इसको लेकर सरकार अपने कानून में संशोधन करे.

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भाकपा माले की ओर से गोपालगंज और बेतिया में हुए जहरीली शराब कांड को लेकर विधानसभा कि समिति के तहत जांच की भी मांग की गई है. ताकि जो दोषी हैं उन पर कड़ी कार्रवाई हो सके. कुणाल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजनेताओं, अधिकारियों और शराब माफियाओं का जो एक गठजोड़ चल रहा है वह खुलकर सबके सामने आ गया है. उन्होंने कहा कि इस मसले पर भाकपा माले प्रदेश में 2 दिन शनिवार और रविवार यानी 6 और 7 अक्टूबर को पूरे प्रदेश भर में विरोध दिवस मनाएगी.

नोट: अगर आपको शराब की अवैध खरीद-बिक्री, उपभोग की जानकारी मिलती है तो मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के टॉल फ्री नंबर 15545 एवं 18003456268 पर शिकायत करें.

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