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Upendra Kushwaha Meeting : आज से उपेंद्र कुशवाहा की दो दिवसीय बैठक, मजबूत 'दावेदारी' पर होगा मंथन - Upendra Kushwaha angry with Nitish Kumar

क्या उपेंद्र कुशवाहा जेडीयू से अलग होंगे? पिछले कुछ दिनों से बिहार की सियासत में इसकी चर्चा खूब हो रही है. मुमकिन है कि आने वाले कुछ घंटों में इसका जवाब भी मिल जाए, क्योंकि आज से दो दिनों तक कुशवाहा अपने भरोसेमंद साथियों के साथ बैठक करने वाले हैं. जहां वह अपने सियासी भविष्य को लेकर रणनीति पर मंथन करेंगे और फिर उसके आधार पर नई राह पर चलने के लिए कोई फैसला ले सकते हैं.

जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा
जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा
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Published : Feb 19, 2023, 9:04 AM IST

Updated : Feb 19, 2023, 9:20 AM IST

जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा

पटना: जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा (JDU Leader Upendra Kushwaha) ने काफी पहले ही 2 दिवसीय बैठक की घोषणा की थी. जिसके तहत पटना स्थित सिन्हा लाइब्रेरी हॉल में आज और कल यानी 19 और 20 फरवरी को पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे. उन्होंने जेडीयू कार्यकर्ताओं और महात्मा फुले परिषद के सदस्यों को खुला पत्र जारी कर बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था. इस खुले अधिवेशन में कुशवाहा न केवल आरजेडी के साथ हुई जेडीयू की 'डील' को लेकर भरोसेमंद साथियों के साथ चर्चा करेंगे, बल्कि पार्टी में अपनी भूमिका और भविष्य को लेकर भी विचार-विमर्श करेंगे.

ये भी पढ़ें: Bihar Politics: उपेंद्र कुशवाहा की चेतावनी, 'लव-कुश समाज की माताओं की कोख अभी सूनी नहीं हुई है नीतीश जी'

"जदयू के जो भी समर्पित और निष्ठावान साथी हैं, जिनके मन में इस बात की चिंता है कि पार्टी को कैसे बचाया जाए उनको बुलाया है. उनके साथ बैठकर मंथन करेंगे. हमने किसी को भी विशेष रूप से आमंत्रित नहीं किया है, जो आना चाहते हैं उनका स्वागत है"- उपेंद्र कुशवाहा, अध्यक्ष, जेडीयू संसदीय बोर्ड

बैठक पर होगी जेडीयू की नजर: हालांकि उपेंद्र कुशवाहा ने जो बैठक बुलाई है, वह जेडीयू की आधिकारिक बैठक नहीं है. सीएम नीतीश कुमार से लेकर प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा तक पहले ही कह चुके हैं कि जो कोई भी इस बैठक में शामिल होगा, उसके खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल होने और अनुशासनहीनता की कार्रवाई होगी. उमेश कुशवाहा के मुताबिक उपेंद्र कुशवाहा के पास पार्टी की बैठक बुलाने का कोई अधिकार नहीं है. लिहाजा अगर कोई नेता इसमें शामिल होता है तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.

नीतीश कुमार से उपेंद्र कुशवाहा नाराज: दरअसल, उपेंद्र कुशवाहा पिछले कुछ दिनों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं. उनका कहना है कि पार्टी में उनकी नहीं सुनी जाती है. जेडीयू संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष तो बना दिया गया लेकिन कभी कोई बैठक ही नहीं होती. टिकट बंटवारे से लेकर गठबंधन पर निर्णय या संगठन मजबूत करने को लेकर भी उनसे कोई राय नहीं ली जाती. कुशवाहा के मुताबिक उन्हें सीएम ने 'झुनझुना' थमा दिया है. साथ ही एमएलसी का पद भी उनके लिए लॉलीपॉप की तरह है, जबकि वह चाहते हैं कि पार्टी को मजबूत किया जाए लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं. जिस वजह से पार्टी लगातार कमजोर होती जा रही है.

क्यों नाराज हैं उपेंद्र कुशवाहा?: माना जाता है कि 2020 के बिहार विधानसभा के बाद जब उपेंद्र कुशवाहा ने आरएलएसपी का जेडीयू में विलय किया था, तब उनको 'नीतीश कुमार का राजनीतिक उत्तराधिकारी' माना गया था लेकिन जैसे ही पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि 2025 का चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा, कुशवाहा उखड़ गए. पहले से ही मंत्री नहीं बनने की कसक तो उनके मन में थी ही, ऊपर से सीएम की घोषणा ने उनकी रही-सही उम्मीदों पर पूरी तरह से पानी फेर दिया. इसी के बाद से वह लगातार मुखर हैं. आरजेडी-जेडीयू में कथित डील का मुद्दा भी वह जोर-शोर से उठा रहे हैं. बीजेपी में जाने की भी चर्चा है लेकिन वह बार-बार कहते हैं कि मैं कहीं नहीं जाऊंगा. उनका मकसद सिर्फ जेडीयू को बचाना है. हालांकि वह 'बड़े भाई' से 'पुरखों की संपत्ति' में हिस्सेदारी की बात जरूर करते हैं. ऐसे में वह क्या करेंगे, इस लिहाजा से अगला दो दिन बेहद अहम होने वाला है.

जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा

पटना: जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा (JDU Leader Upendra Kushwaha) ने काफी पहले ही 2 दिवसीय बैठक की घोषणा की थी. जिसके तहत पटना स्थित सिन्हा लाइब्रेरी हॉल में आज और कल यानी 19 और 20 फरवरी को पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे. उन्होंने जेडीयू कार्यकर्ताओं और महात्मा फुले परिषद के सदस्यों को खुला पत्र जारी कर बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था. इस खुले अधिवेशन में कुशवाहा न केवल आरजेडी के साथ हुई जेडीयू की 'डील' को लेकर भरोसेमंद साथियों के साथ चर्चा करेंगे, बल्कि पार्टी में अपनी भूमिका और भविष्य को लेकर भी विचार-विमर्श करेंगे.

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"जदयू के जो भी समर्पित और निष्ठावान साथी हैं, जिनके मन में इस बात की चिंता है कि पार्टी को कैसे बचाया जाए उनको बुलाया है. उनके साथ बैठकर मंथन करेंगे. हमने किसी को भी विशेष रूप से आमंत्रित नहीं किया है, जो आना चाहते हैं उनका स्वागत है"- उपेंद्र कुशवाहा, अध्यक्ष, जेडीयू संसदीय बोर्ड

बैठक पर होगी जेडीयू की नजर: हालांकि उपेंद्र कुशवाहा ने जो बैठक बुलाई है, वह जेडीयू की आधिकारिक बैठक नहीं है. सीएम नीतीश कुमार से लेकर प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा तक पहले ही कह चुके हैं कि जो कोई भी इस बैठक में शामिल होगा, उसके खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल होने और अनुशासनहीनता की कार्रवाई होगी. उमेश कुशवाहा के मुताबिक उपेंद्र कुशवाहा के पास पार्टी की बैठक बुलाने का कोई अधिकार नहीं है. लिहाजा अगर कोई नेता इसमें शामिल होता है तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.

नीतीश कुमार से उपेंद्र कुशवाहा नाराज: दरअसल, उपेंद्र कुशवाहा पिछले कुछ दिनों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं. उनका कहना है कि पार्टी में उनकी नहीं सुनी जाती है. जेडीयू संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष तो बना दिया गया लेकिन कभी कोई बैठक ही नहीं होती. टिकट बंटवारे से लेकर गठबंधन पर निर्णय या संगठन मजबूत करने को लेकर भी उनसे कोई राय नहीं ली जाती. कुशवाहा के मुताबिक उन्हें सीएम ने 'झुनझुना' थमा दिया है. साथ ही एमएलसी का पद भी उनके लिए लॉलीपॉप की तरह है, जबकि वह चाहते हैं कि पार्टी को मजबूत किया जाए लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं. जिस वजह से पार्टी लगातार कमजोर होती जा रही है.

क्यों नाराज हैं उपेंद्र कुशवाहा?: माना जाता है कि 2020 के बिहार विधानसभा के बाद जब उपेंद्र कुशवाहा ने आरएलएसपी का जेडीयू में विलय किया था, तब उनको 'नीतीश कुमार का राजनीतिक उत्तराधिकारी' माना गया था लेकिन जैसे ही पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि 2025 का चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा, कुशवाहा उखड़ गए. पहले से ही मंत्री नहीं बनने की कसक तो उनके मन में थी ही, ऊपर से सीएम की घोषणा ने उनकी रही-सही उम्मीदों पर पूरी तरह से पानी फेर दिया. इसी के बाद से वह लगातार मुखर हैं. आरजेडी-जेडीयू में कथित डील का मुद्दा भी वह जोर-शोर से उठा रहे हैं. बीजेपी में जाने की भी चर्चा है लेकिन वह बार-बार कहते हैं कि मैं कहीं नहीं जाऊंगा. उनका मकसद सिर्फ जेडीयू को बचाना है. हालांकि वह 'बड़े भाई' से 'पुरखों की संपत्ति' में हिस्सेदारी की बात जरूर करते हैं. ऐसे में वह क्या करेंगे, इस लिहाजा से अगला दो दिन बेहद अहम होने वाला है.

Last Updated : Feb 19, 2023, 9:20 AM IST
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