पटना : पूरे देश में एक बार फिर से कोरोना ने दस्तक दे दी है. ऐसे में भला बिहार कैसे अछूता रहता. प्रदेश में कोरोना के 2 पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं. हालांकि कौन सा वैरिएंट है यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. वैसे एहतियातन मरीज के परिजनों की भी जांच शुरू कर दी गयी है.
बिहार में कोरोना के मरीज मिले : बिहार के स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार ने कोरोना मरीज पाए जाने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि दोनों मरीज दूसरे प्रदेश से आए हैं. इसमें से एक केरल से आया है, वहीं दूसरा असम से लौटा है. स्वास्थ्य सचिव के अनुसार दोनों मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गयी है.
''दो मरीजों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है. इसमें से एक मरीज के सैंपल की जांच इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान पटना (IGIMS) में हुई, जबकि दूसरे की जांच बिहटा ESIC अस्पताल में हुई. वायरस की पुष्टि होने के बाद उनके परिवार के अन्य सदस्यों की भी जांच कराई जा रही है.''- संजय कुमार सिंह, स्वास्थ्य सचिव सह स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक
कहां के रहने वाले हैं दोनों मरीज : स्वास्थ्य सचिव के अनुसार, जीनोम सिक्वेसिंग के बाद ही पता चलेगा कि यह कोरोना का कौन सा वेरिएंट है. वैसे कोरोना पॉजीटिव जो असम से लौटा है वह बांका का रहने वाला है. वहीं दूसरा मरीज पटना का ही रहने वाला है. वह साइनस के ऑपरेशन के लिए ESIC बिहटा गया था, जहां पर जांच के दौरान कोरोना की पुष्टि हुई.
जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट का इंतजार : स्टेट सर्विलांस ऑफिसर डॉक्टर रंजीत कुमार का कहना है कि दोनों के सैंपल का जीनोम सीक्वेंसिंग कराया जाएगा. इसी के बाद पता चल पाएगा कि यह जेएन.1 वेरिएंट है या कोई और वेरिएंट है. फिलहाल हमलोग इसपर नजर बनाए हुए हैं.
''कोरोना का नया वेरिएंट में संक्रामकता है लेकिन अधिक घातक नहीं है. लेकिन बीमार बुजुर्ग और बच्चों को प्रभावित कर सकता है. ऐसे में इससे बचने के लिए लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल फॉलो करना जरूरी हैं. घबराने की आवश्यकता नहीं है लेकिन लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें और जाते हैं तो चेहरे पर मास्क का प्रयोग करें. हैंड हाइजीन पर ध्यान दें और अस्पताल में यदि आते हैं तो चेहरे पर मास्क जरूर पहनें.''- डॉक्टर मनीष मंडल, अधीक्षक, आईजीआईएमएस
सतर्क रहने की जरूरत : वैसे तो हर परिस्थिति से निबटने के लिए सरकार ने तैयारी कर ली है. पर लोगों को भी सतर्क रहने की जरूरत है. क्योंकि कोरोना की विभिषिका बिहार झेल चुका है. जब दूसरे लहर में श्मशान घाटों पर शवों की लाइन लगी रहती थी.
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