पटना: पटना मेट्रो के लिए सुरंग बनाने की दिशा में काम शुरू हो गया. सोमवार से मोइनुल हक स्टेडियम स्थित मेट्रो स्टेशन में सुरंग बनाने का काम शुरू हुआ. पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के 4 टनल बोरिंग मशीनों में पहला टनल बोरिंग मशीन 'महावीर' को (Patna Metro Tunnel Boring Machine Mahavir) सोमवार को मोइनुल हक स्टेडियम स्थित मेट्रो स्टेशन में उतारा गया. टनल बोरिंग मशीन (TBM) का वजन लगभग 420 मीट्रिक टन है. इससे पटना मेट्रो परियोजना में अंडरग्राउंड टनलिंग का काम किया जाएगा.
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जमीन पर असेंबल किया गया: TBM के अन्य भाग को जोड़ने के बाद मलबा हटाने का काम किया जाएगा. पटना मेट्रो की ओर से जानकारी दी गई है कि टीबीएम को पूरी तरह से जोड़ने की प्रक्रिया में लगभग 2 से 3 सप्ताह का समय लगता है. पटना मेट्रो का कार्य दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन कर रही है. DMRC ने बताया कि दिल्ली के बाद पटना मेट्रो में यह दूसरा मौका है जब TBM को पहले जमीन पर असेंबल किया गया और उसे क्रैडल पर मेगा लिफ्ट की मदद से उतारा गया.
जमीन के स्तर से 16 मीटर नीचेः DMRC की ओर से जानकारी दी गई के मुताबिक टीबीएम असेंबली को 325 मीट्रिक टन क्षमता वाले स्ट्रैंड जैक का उपयोग करके केज के साथ उतारा गया. एमयूएच पर TBM को कम करने के लिए चार स्ट्रैंड जैक का इस्तेमाल किया जा रहा है. मेगा लिफ्ट क्रैडल को उठाएगी और फिर इसे TBM लोअरिंग पोजीशन (लॉन्चिंग शाफ्ट) तक धीरे-धीरे ले जाएगी. फिर TBM को शाफ्ट में उतारा जाएगा जो स्किडिंग के बाद जमीन के स्तर से 16 मीटर नीचे है.
TBM का डिजाइन और निर्माण कैसे किया गया:डीएमआरसी ने जानकारी दी है कि पटना पूर्व में गंगा नदी के दक्षिणी तट पर स्थित है जिसमें जलोढ़ मिट्टी है. भूजल स्तर भी काफी ऊंचा है और मिट्टी के स्तर के अनुसार सीआरसीएचआई (चीन रेलवे निर्माण भारी उद्योग निगम लिमिटेड) द्वारा पटना मेट्रो के लिए नरम मिट्टी और जमीन के दबाव संतुलन को देखते हुए TBM का डिजाइन और निर्माण किया गया है. इस TBM के प्रत्येक रिंग के लिए लगभग 49 घन मीटर जमीन में खनन किया जाएगा. इसके बाद ग्राफ्टिंग यह सुनिश्चित करने के लिए की जाएगी की TBM के पीछे से निकलने पर रिंगों को तत्काल समर्थन दिया जाए.