पटना: कोरोना काल (Corona Pandemic) में कई डॉक्टरों की मौत हुई थी. इसको लेकर इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) में आज एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. इस दौरान आईजीआईएमएस के डायरेक्टर एनआर विश्वास, अधीक्षक मनीष मंडल सहित दर्जनों डॉक्टर ने 5 मिनट तक मौन रखकर श्रद्धांजलि दी.
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"हम लोगों ने पहले से ही सोचा था कि डॉक्टर्स डे पर कोई कार्यक्रम नहीं किया जाएगा. सिर्फ और सिर्फ श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा. हम वैसे डॉक्टरों को आज नमन कर रहे हैं, जो मरीजों की जान बचा कर खुद संक्रमित होकर शहीद हो गए. वैसे कोरोना वारियर्स को हमलोगों ने आज याद किया है. पूरे भारत में कोरोना संक्रमण से डॉक्टरों की मौत हुई है. कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा डॉक्टर की मौत बिहार में ही हुई है"- मनीष मंडल, अधीक्षक, आईजीआईएमएस
कई चिकित्सक की मौत
अधीक्षक मनीष मंडल ने कहा कि 100 से ज्यादा डॉक्टर मरीजों का इलाज करते-करते संक्रमित हो गये और उनकी मौत हो गई. ऐसे डॉक्टरों को आज हमने याद कर श्रद्धांजलि दी है. बता दें कि 1 जुलाई को विश्व चिकित्सक दिवस (World Doctor Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिन कई सामाजिक संस्थाएं चिकित्सकों को समाज में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित करती है.
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डॉक्टरों की भूमिका याद रखने योग्य
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान समाज ने चिकित्सकों के योगदान का लोहा माना है. डॉक्टर्स को हमेशा से भगवान का दर्जा दिया जाता रहा है. ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि वो हमेशा अपने वक्त और जान की परवाह किए बगैर अपने मरीजों की जान बचाने की जी-तोड़ कोशिश करते हैं.
कोरोना काल में डॉक्टर्स ने जिस मुस्तैदी के साथ कोरोना वारियर्स की भूमिका निभायी है वो वास्तविकता में याद रखने योग्य है. कोरोना काल में डॉक्टरों द्वारा दिए गए योगदान को दुनिया सलाम कर रही है.
सम्मान समारोह का आयोजन
बता दें कि पटना में राष्ट्रीय डॉक्टर्स-डे ( National Doctors Day ) के अवसर पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) द्वारा कोरोना काल में योगदान देने वाले डॉक्टरों का सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ( health minister mangal pandey ) ने किया. बिहार के कुल 122 डॉक्टरों को सम्मानित किया गया. जिसमें पटना के वरीय चिकित्सकों के साथ युवा डॉक्टरों को भी सम्मानित किया गया.