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संक्रमण संकट के बाद बाजारों में लौटी रौनक.. ग्राहकों में उत्साह, बेहतर कारोबार की उम्मीद - BUSINESS news

कोरोना संकट के बाद लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है. बाजार में सुधार को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि धनतेरस पर जमकर कारोबार होगा. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Oct 30, 2021, 10:37 PM IST

Updated : Oct 30, 2021, 10:48 PM IST

पटनाः कोरोना संक्रमण संकट के बाद पहली बार दीपावाली के बाजार (Diwali In Patna) में रौनक दिख रही है. बिहार में सरकार की ओर से कोविड प्रोटोकॉल में राहत मिलने से लोगों में दीपावाली में बाजार गुलजार हो रहा. इसी बीच बाजार में हर तरफ दीपावाली ऑफर की भरमार है. वहीं, ग्राहक अपने लिए बेहतरीन ऑफरों की तालाश कर खरीददारी में जुट गये हैं.

इन्हें भी पढ़ें- पटना: दीपावली पर मिट्टी के दीयों की बढ़ी मांग, कुम्हारों को मुनाफे की जगी आस

इस बार धनतेरस 2 नवंबर को और दीपावाली 4 नवंबर को है. इसी के साथ सोना-चांदी, बर्तन, शेयर, प्रोपर्टी कारोबारियों में काफी उत्साह है. बाजार के जानकारों के अनुसार इस साल सैकड़ों करोड़ के कारोबार की उम्मीद है. सर्राफा कारोबारी अनुज गुप्ता बताते हैं कि पिछले साल के दौरान कोरोना संक्रमण का असर सर्राफा बाजार पूरी तरह से ठप पड़ गया था.

देखें वीडियो..

अनुज गुप्ता ने आगे कहा कि इस वर्ष संक्रमण में कमी आने के बाद लोग उत्साहित होकर बाजारों में निकल रहे हैं. ऐसे में सर्राफा कारोबारियों ने भी अपने दुकानों में ग्राहकों को लुभाने वाले नए डिजाइन के आभूषणों के रेंज को रखा है. वहीं ग्राहकों के लिए कई खरीददारी स्कीम भी है.

इन्हें भी पढ़ें- दिवाली-छठ पर महंगा हुआ हवाई टिकट, बिहार आने के लिए चुकाना होगा दो से ढाई गुना ज्यादा दाम

वहीं, दूसरी ओर दीपावली के लिए घरौंदा का बाजार भी गुलजार है. ऐसी मान्यता है कि दीपावली के दिन घर में घरौंदा भरने से सुख और समृद्धि आती है. ऐसे में इस वर्ष घरौंदों पर भी आधुनिकता का रंग चढ़ा हुआ नजर आ रहा है. पुरानी मान्यता है कि दीपावली के दिन लोग अपने हाथों से मिट्टी का घरौंदा बनाते थे और उसे सजा कर कुलिया-चुकिया में धान के लावे और मिठाईयां रखा जाता था.

घरौंदों से घर में सुख-समृद्धि आती थी. अब धीरे-धीरे आधुनिक दौर में यह मिट्टी का घरौंदा लकड़ी का रूप लेता जा रहा है. इस वर्ष राजधानी पटना के बाजारों में थर्मोकोल के घेरौंदों की डिमांड बढ़ी हुई नजर आ रही है. इससे जुड़े दुकानदार कहते हैं कि जैसे-जैसे दीपावली नजदीक आ रही है. बाजारों में इन घरौंदों के खरीदार पहुंच रहे हैं. हालांकि लकड़ी के घेरौदे खरीदने वाले लोगों की संख्या भी कम नहीं है.

पटनाः कोरोना संक्रमण संकट के बाद पहली बार दीपावाली के बाजार (Diwali In Patna) में रौनक दिख रही है. बिहार में सरकार की ओर से कोविड प्रोटोकॉल में राहत मिलने से लोगों में दीपावाली में बाजार गुलजार हो रहा. इसी बीच बाजार में हर तरफ दीपावाली ऑफर की भरमार है. वहीं, ग्राहक अपने लिए बेहतरीन ऑफरों की तालाश कर खरीददारी में जुट गये हैं.

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इस बार धनतेरस 2 नवंबर को और दीपावाली 4 नवंबर को है. इसी के साथ सोना-चांदी, बर्तन, शेयर, प्रोपर्टी कारोबारियों में काफी उत्साह है. बाजार के जानकारों के अनुसार इस साल सैकड़ों करोड़ के कारोबार की उम्मीद है. सर्राफा कारोबारी अनुज गुप्ता बताते हैं कि पिछले साल के दौरान कोरोना संक्रमण का असर सर्राफा बाजार पूरी तरह से ठप पड़ गया था.

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अनुज गुप्ता ने आगे कहा कि इस वर्ष संक्रमण में कमी आने के बाद लोग उत्साहित होकर बाजारों में निकल रहे हैं. ऐसे में सर्राफा कारोबारियों ने भी अपने दुकानों में ग्राहकों को लुभाने वाले नए डिजाइन के आभूषणों के रेंज को रखा है. वहीं ग्राहकों के लिए कई खरीददारी स्कीम भी है.

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वहीं, दूसरी ओर दीपावली के लिए घरौंदा का बाजार भी गुलजार है. ऐसी मान्यता है कि दीपावली के दिन घर में घरौंदा भरने से सुख और समृद्धि आती है. ऐसे में इस वर्ष घरौंदों पर भी आधुनिकता का रंग चढ़ा हुआ नजर आ रहा है. पुरानी मान्यता है कि दीपावली के दिन लोग अपने हाथों से मिट्टी का घरौंदा बनाते थे और उसे सजा कर कुलिया-चुकिया में धान के लावे और मिठाईयां रखा जाता था.

घरौंदों से घर में सुख-समृद्धि आती थी. अब धीरे-धीरे आधुनिक दौर में यह मिट्टी का घरौंदा लकड़ी का रूप लेता जा रहा है. इस वर्ष राजधानी पटना के बाजारों में थर्मोकोल के घेरौंदों की डिमांड बढ़ी हुई नजर आ रही है. इससे जुड़े दुकानदार कहते हैं कि जैसे-जैसे दीपावली नजदीक आ रही है. बाजारों में इन घरौंदों के खरीदार पहुंच रहे हैं. हालांकि लकड़ी के घेरौदे खरीदने वाले लोगों की संख्या भी कम नहीं है.

Last Updated : Oct 30, 2021, 10:48 PM IST
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