पटना: केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आज ट्रेड यूनियनों की देशभर में हड़ताल है. बिहार में भी इसका असर दिख रहा है.यूनियन के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार सुबह पटना के मसौढ़ी में पलामू और जनशताब्दी एक्सप्रेस रोककर विरोध प्रदर्शन किया.
मसौढ़ी के तारेगना रेलवे स्टेशन पर आंदोलनकारियों ने ट्रेन रोककर घंटों विरोध प्रदर्शन किया. 15 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलनकारी सुबह से ही सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
आंदोलनकारियों ने कहा कि वे सरकार से समान काम के लिए समान वेतन लागू करने, अनिवार्य सेवा निवृत्ति आदेश रद्द करने, एनपीएस हटाने और फुटपाथी दुकानदारों को अस्थाई सरकारी दुकान की व्यवस्था करने की मांग कर रहे हैं. हमारी मांग है कि रोजगार की गारंटी मिले, महंगाई पर रोक लगे, श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी संशोधन में बदलाव किया जाए.
"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार किसान, मजदूर और छात्र विरोधी नीति लाई है. नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हम कोरोना की चुनौती को अवसर में बदलेंगे. उन्होंने इसे कंपनी के मालिकों और पूंजीपतियों के लिए अवसर में बदल दिया. काम के घंटे को 8 की जगह 12 कर दिया. 50 साल की उम्र में ही लोगों को रिटायर्ड कर दिया जाएगा. देश की संपत्ति को बेचा जा रहा है. हमलोग इसके खिलाफ विरोध के लिए सड़क पर उतरे हैं."- कमलेश कुमार, जिला सचिव, एक्टू, मसौढी
इन मांगों को लेकर है हड़ताल
- नई पेंशन नीति को वापस लेकर पुरानी पेंशन योजना लागू हो
- अंतिम वेतन निकासी का 50 प्रतिशत न्यूनतम पेंशन मिले
- अव्यवहारिक टार्गेट के नाम पर कर्मचारी का शोषण बंद हो
- डाकघरों में कॉमन सर्विस सेंटर के प्रस्ताव पर रोक लगे
- डाकघर एवं आरएमएस में 5 दिन का कार्य सप्ताह लागू हो
- निजीकरण और निगमीकरण पर रोक लगे
- रोके गए मंहगाई भत्ते को पुनः जारी किया जाए
- कोरोना के कारण ऑफिस नहीं आने वाले और जान गंवाने वाले को तुरंत राहत दी जाए
- ड्यूटी अवधि में कोरोना के संक्रमण से जिन कर्मचारियों की मौत हुई है उनके आश्रितों को तुरंत अनुकम्पा के आधार पर नौकरी मिले