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सरकार की नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों का भारत बंद, राज्य में दिखा मिला-जुला असर

देशभर के ट्रेड यूनियनों ने अपनी मांगों के लेकर बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया था. बिहार के ट्रेड यूनियनों ने भी भारत बंद का समर्थन किया था. इस दौरान राज्य के कई शहरों में भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला. लोग हाथों में पोस्टर और बैनर लेकर प्रर्दशन करते नजर आए.

trade unions
ट्रेड यूनियनों का भारत बंद
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Published : Jan 8, 2020, 11:29 PM IST

पटना: देशभर के ट्रेड यूनियनों ने अपनी मांगों को लेकर बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया था. जानकारी के मुताबिक 10 सेंट्रल ट्रेड यूनियन ने बड़े स्तर पर भारत बंद में हिस्सा लिया. इन संगठनों ने अपनी 13 सूत्रों मांगों को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है. यह हड़ताल सरकार की नीतियों के खिलाफ है.

पटना में कई जगहों पर हुआ प्रदर्शन
मजदूर यूनियन ने अपनी 13 सूत्री मांगों को लेकर बुधवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की. हड़ताल में डाक बंगला चौराहे पर हजारों की संख्या में ट्रेड यूनियन के कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने चौराहे पर सरकार विरोधी नारे लगाए और घंटो तक पूरे सड़क को जाम कर प्रदर्शन किया.

पटना में कई जगहों पर हुआ प्रदर्शन

अशोक राजपथ पर प्रर्दशन
राजधानी में श्रमिक संगठनों की ओर से अशोक राजपथ पर भी प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन का नेतृत्व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की इकाई के अध्यक्ष देव रत्न प्रसाद ने किया. उन्होंने कहा कि आज देश की स्थिति काफी भयावह है. उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार की ओर से कर्मचारियों की छंटनी और संस्थानों का निजीकरण करने से पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है. देश की जनता त्राहि-त्राहि कर रही है. बावजूद इसके सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही. वहीं, इसके अलावा बंद में जिला ऑटो संघ भी शामिल हुआ. महानगर ऑटो संघ के महासचिव राजेश चौबे ने बताया कि वे संघ की कुछ मांगों को लेकर बंद में शामिल हुए हैं. उन्होंने परमिट ट्रांसफर प्रक्रिया को अविलंब चालू करने की मांग की. इसके साथ ही उन्होंने परिवहन विभाग से सीएनजी ऑटो चालकों को पटना में ऑटो चलाने के लिए परमिट देने की भी मांग की.

अशोक राजपथ पर प्रर्दशन

मधेपुरा में बंद का व्यापक असर
देशभर के ट्रेड यूनियनों ने अपनी मांगों को लेकर आज भारत बंद का आह्वान किया था. मधेपुरा में इसका व्यापक असर देखने को मिला. यूनियन के लोग हाथों में पोस्टर और बैनर लेकर सरकार के खिलाफ सड़कों पर विरोध करते नजर आए. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार नए-नए कानून लाकर मजदूरों को लाभ से वंचित करने की साजिश कर रही है. जिसका ट्रेड यूनियन विरोध कर रहा है. प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों की अच्छी खासी भीड़ देखी गई.

मधेपुरा में बंद का व्यापक असर

बांका में बंद समर्थक और पुलिस में तीखी बहस
बांका में भी वाम दल और किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने हाथ में बैनर लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. यहां प्रदर्शनकारियों ने शहर में जगह-जगह घूम कर दुकानों को बंद कराया और गांधी चौक पर एकत्रित होकर वाहनों की आवाजाही को पूरी तरह से रोक दिया. इसको लेकर बंद समर्थक और पुलिस में तीखी बहस भी हुई.

बांका में बंद समर्थक और पुलिस में तीखी बहस

पटना: देशभर के ट्रेड यूनियनों ने अपनी मांगों को लेकर बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया था. जानकारी के मुताबिक 10 सेंट्रल ट्रेड यूनियन ने बड़े स्तर पर भारत बंद में हिस्सा लिया. इन संगठनों ने अपनी 13 सूत्रों मांगों को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है. यह हड़ताल सरकार की नीतियों के खिलाफ है.

पटना में कई जगहों पर हुआ प्रदर्शन
मजदूर यूनियन ने अपनी 13 सूत्री मांगों को लेकर बुधवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की. हड़ताल में डाक बंगला चौराहे पर हजारों की संख्या में ट्रेड यूनियन के कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने चौराहे पर सरकार विरोधी नारे लगाए और घंटो तक पूरे सड़क को जाम कर प्रदर्शन किया.

पटना में कई जगहों पर हुआ प्रदर्शन

अशोक राजपथ पर प्रर्दशन
राजधानी में श्रमिक संगठनों की ओर से अशोक राजपथ पर भी प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन का नेतृत्व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की इकाई के अध्यक्ष देव रत्न प्रसाद ने किया. उन्होंने कहा कि आज देश की स्थिति काफी भयावह है. उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार की ओर से कर्मचारियों की छंटनी और संस्थानों का निजीकरण करने से पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है. देश की जनता त्राहि-त्राहि कर रही है. बावजूद इसके सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही. वहीं, इसके अलावा बंद में जिला ऑटो संघ भी शामिल हुआ. महानगर ऑटो संघ के महासचिव राजेश चौबे ने बताया कि वे संघ की कुछ मांगों को लेकर बंद में शामिल हुए हैं. उन्होंने परमिट ट्रांसफर प्रक्रिया को अविलंब चालू करने की मांग की. इसके साथ ही उन्होंने परिवहन विभाग से सीएनजी ऑटो चालकों को पटना में ऑटो चलाने के लिए परमिट देने की भी मांग की.

अशोक राजपथ पर प्रर्दशन

मधेपुरा में बंद का व्यापक असर
देशभर के ट्रेड यूनियनों ने अपनी मांगों को लेकर आज भारत बंद का आह्वान किया था. मधेपुरा में इसका व्यापक असर देखने को मिला. यूनियन के लोग हाथों में पोस्टर और बैनर लेकर सरकार के खिलाफ सड़कों पर विरोध करते नजर आए. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार नए-नए कानून लाकर मजदूरों को लाभ से वंचित करने की साजिश कर रही है. जिसका ट्रेड यूनियन विरोध कर रहा है. प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों की अच्छी खासी भीड़ देखी गई.

मधेपुरा में बंद का व्यापक असर

बांका में बंद समर्थक और पुलिस में तीखी बहस
बांका में भी वाम दल और किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने हाथ में बैनर लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. यहां प्रदर्शनकारियों ने शहर में जगह-जगह घूम कर दुकानों को बंद कराया और गांधी चौक पर एकत्रित होकर वाहनों की आवाजाही को पूरी तरह से रोक दिया. इसको लेकर बंद समर्थक और पुलिस में तीखी बहस भी हुई.

बांका में बंद समर्थक और पुलिस में तीखी बहस
Intro:दस केंद्रीय श्रमिक संगठन एवम कई बामपंथी दलों द्वारा आज भारत बंद के दौरान आज पटना सिटी के कई जगहों को जाम कर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी किया।श्रमिक संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग किया कि सरकारी संस्थानों को निजीकरण करना बंद करे साथ सरकारी कर्मचारी की छटनी से पूरा देश त्राहि त्राहि कर रहा है देश की आर्थिक स्तिथि शून्य हो गया है लेकिन केंद्र सरकार अपनी जिद्द से देश को खोखली कर रही है।


Body:स्टोरी:-भारत बंद।
रिपोर्ट:-पटनासिटी से अरुण कुमार।
दिनांक:-08-01-2020.
एंकर:-पटनासिटी,केंद्र सरकार द्वारा सरकारी संस्थान को निजी करण साथ ही सरकारी कर्मचारी की छंटनी से पूरे देश की आर्थिक स्तिथि संकट में चला गयाI दस केंद्रीय श्रमिक संगठन समेत कई बामपंथी पार्टियों ने कई मांगो के साथ अशोक राजपथ पर प्रदर्शन किया साथ ही केंद्रसरकार के खिलाफ नारेबाजी की।प्रदर्शन का नेतृत्व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी पटना सिटी इकाई के अध्यक्ष देव रत्न प्रसाद ने किया और बताया कि आज देश की स्तिथि काफी भयावह हो गई है देश की आर्थिक स्तिथि काफी ख़स्ता हो गया है सरकारी कर्मचारी की छंटनी और सरकारी संस्थान का निजीकरण से पूरे देश मे हड़कम मच गई है।देश की जनता त्राहि त्राहि कर रही है और सरकार के कानों में जु तक नही रेंग रहा है।इसलिय केंद्र सरकार अपनी नीति को बापस ले नही तो सभी राजनीति पार्टियां और श्रमिक संगठन एक जुट होकर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलकर उग्र आंदोलन करेगी।जिसका जवाब केंद्रसरकार को देना होगा
बाईट(देवरत्न प्रसाद-सीपीआई नेता)


Conclusion:आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिस उम्मीद से जनता ने उन्हें देश का बागडोर दिया था आज देश के प्रधानमंत्री ने पूरी देश को जँझोर कर रख दिया है देश के सरकारी संस्थान को निजीकरण और सरकारी कर्मचारियों को छटनी कर लोगो को मायूस कर दिया इसलिय आज मजबूर होकर सरकारी श्रमिक संगठनों ने राजनीति बामपंथी पार्टियों के साथ मिलकर भारत बंद का आवाहन किया।
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