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Patna News: ऐतिहासिक गोलघर पर महीने के अंत से चढ़ सकेंगे पर्यटक, देख पाएंगे पटना का नजारा - Golghar in Patna

राजधानी पटना में स्थित गोलघर को देखने आने वाले पर्यटकों के लिए खुशखबरी है. अब एक बार फिर सरकार ने गोलघर के ऊपर चढ़कर शहर का नजारा देखने की अनुमति दे दी है. इसके रेनोवेशन और पुनर्निर्माण का काम पूरा हो गया है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

पटना का ऐतिहासिक गोलघर
पटना का ऐतिहासिक गोलघर
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Published : May 27, 2023, 10:14 AM IST

पटना का ऐतिहासिक गोलघर

पटना: राजधानी पटना का ऐतिहासिक गोलघर जल्द ही राजधानी वासियों के साथ-साथ सैलानियों के लिए भी खोल दिया जाएगा. पिछले 6 सालों से लोग गोलघर पर नहीं चढ़ पा रहे थे लेकिन वह दिन दूर नहीं, जब लोग एक बार फिर से गोलघर के घुमावदार सीढ़ियों से ऊपर चढ़कर पूरे पटना का नजारा देखेंगे. गोलघर के रेनोवेशन और पुनर्निर्माण का काम चल रहा था जिसे पूरा कर लिया गया है. अब इस महीने के अंत तक इसे लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. कला संस्कृति विभाग की सचिव वंदना प्रेयषि विगत दिनों काम का जायजा लेने पहुंची थी जहां उन्होंने कुछ और दिशा निर्देश दिए है और जल्द से जल्द पूरा करने को भी कहा है.

पढ़ें-खुद की पहचान खो रहा पटना को पहचान देने वाला ऐतिहासिक गोलघर

पर्यटकों के लिए होगा लेजर शो: साल 2017 में कला संस्कृति विभाग के द्वारा इसके रेनोवेशन कार्य को लेकर आम लोगों के लिए इस पर चढ़ने के लिए रोक लगा दी गई थी. लगभग 96 लाख के खर्च के बाद इसे पूरी तरीके से ठीक कर दिया गया है और कला संस्कृति मंत्रालय के अधिकारी का कहना है कि बहुत जल्द गोलघर पर चढ़ कर लोगों को राजधानी देखने का मौका मिलेगा. अधिकारियों का अभी कहना है कि पिछले कोरोना संक्रमण काल के कारण लेजर शो को बंद कर दिया गया था लेकिन अब गोलघर के साथ-साथ लोगों को लेजर शो का आनंद भी मिलेगा. इसमें बिहार की संस्कृति और इतिहास को दिखाया जाएगा.

लाइटों से सजेगा गोलघर: गोलघर का टिकट लेकर आज भी लोग प्रवेश तो कर रहे हैं लेकिन पार्क में बैठकर आनंद लेते हैं. हालांकि अब गोलघर पर चढ़ने का मौका भी पर्यटकों को मिलेगा. राज्य के विभिन्न जिलों से राजधानी पहुंचने वाले लोगों के मन में रहता है कि पटना जाएंगे तो गोलघर घूमने चढ़ेंगे. अब लोग आसानी से गोलघर पर चढ़कर नजारा ले सकेंगे. बता दें कि लाइट लगाने का भी काम दो दिनों में पूरा कर लिया जाएगा. इसके बाद रात्रि में गोलघर सतरंगी लाइटों से चमक उठेगा जिसे देखकर लोगों में काफी खुशी का महौल रहेगा.

1770 में हुआ था निर्माण: वहीं कुछ प्रेमी जोड़े ऐतिहासिक गोलघर की दीवाल पर अपने प्यार का इजहार भी करते नजर आते हैं. जिससे दीवाल पूरी तरह गंदा हो जाता है. इसे लेकर अभी रंगाई नहीं कि गई है. गोलघर की टोटल 142 सीढ़िया है और इसे 1770 में जब अकाल पड़ा था तो उस समय अनाज के भंडारण के लिए बनाने का निर्णय लिया गया था. 1786 में गोलघर बनकर तैयार हुआ था, जहां पर अनाज का भंडारण किया जाता था. गोलघर को लोग जरूर आज दूर से देख रहे हैं लेकिन अब फिर से सीढ़ियों से चढ़ कर शहर का नजारा देखने को मिलेगा.

पटना का ऐतिहासिक गोलघर

पटना: राजधानी पटना का ऐतिहासिक गोलघर जल्द ही राजधानी वासियों के साथ-साथ सैलानियों के लिए भी खोल दिया जाएगा. पिछले 6 सालों से लोग गोलघर पर नहीं चढ़ पा रहे थे लेकिन वह दिन दूर नहीं, जब लोग एक बार फिर से गोलघर के घुमावदार सीढ़ियों से ऊपर चढ़कर पूरे पटना का नजारा देखेंगे. गोलघर के रेनोवेशन और पुनर्निर्माण का काम चल रहा था जिसे पूरा कर लिया गया है. अब इस महीने के अंत तक इसे लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. कला संस्कृति विभाग की सचिव वंदना प्रेयषि विगत दिनों काम का जायजा लेने पहुंची थी जहां उन्होंने कुछ और दिशा निर्देश दिए है और जल्द से जल्द पूरा करने को भी कहा है.

पढ़ें-खुद की पहचान खो रहा पटना को पहचान देने वाला ऐतिहासिक गोलघर

पर्यटकों के लिए होगा लेजर शो: साल 2017 में कला संस्कृति विभाग के द्वारा इसके रेनोवेशन कार्य को लेकर आम लोगों के लिए इस पर चढ़ने के लिए रोक लगा दी गई थी. लगभग 96 लाख के खर्च के बाद इसे पूरी तरीके से ठीक कर दिया गया है और कला संस्कृति मंत्रालय के अधिकारी का कहना है कि बहुत जल्द गोलघर पर चढ़ कर लोगों को राजधानी देखने का मौका मिलेगा. अधिकारियों का अभी कहना है कि पिछले कोरोना संक्रमण काल के कारण लेजर शो को बंद कर दिया गया था लेकिन अब गोलघर के साथ-साथ लोगों को लेजर शो का आनंद भी मिलेगा. इसमें बिहार की संस्कृति और इतिहास को दिखाया जाएगा.

लाइटों से सजेगा गोलघर: गोलघर का टिकट लेकर आज भी लोग प्रवेश तो कर रहे हैं लेकिन पार्क में बैठकर आनंद लेते हैं. हालांकि अब गोलघर पर चढ़ने का मौका भी पर्यटकों को मिलेगा. राज्य के विभिन्न जिलों से राजधानी पहुंचने वाले लोगों के मन में रहता है कि पटना जाएंगे तो गोलघर घूमने चढ़ेंगे. अब लोग आसानी से गोलघर पर चढ़कर नजारा ले सकेंगे. बता दें कि लाइट लगाने का भी काम दो दिनों में पूरा कर लिया जाएगा. इसके बाद रात्रि में गोलघर सतरंगी लाइटों से चमक उठेगा जिसे देखकर लोगों में काफी खुशी का महौल रहेगा.

1770 में हुआ था निर्माण: वहीं कुछ प्रेमी जोड़े ऐतिहासिक गोलघर की दीवाल पर अपने प्यार का इजहार भी करते नजर आते हैं. जिससे दीवाल पूरी तरह गंदा हो जाता है. इसे लेकर अभी रंगाई नहीं कि गई है. गोलघर की टोटल 142 सीढ़िया है और इसे 1770 में जब अकाल पड़ा था तो उस समय अनाज के भंडारण के लिए बनाने का निर्णय लिया गया था. 1786 में गोलघर बनकर तैयार हुआ था, जहां पर अनाज का भंडारण किया जाता था. गोलघर को लोग जरूर आज दूर से देख रहे हैं लेकिन अब फिर से सीढ़ियों से चढ़ कर शहर का नजारा देखने को मिलेगा.

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