Russia Ukraine War: माइनस 2 डिग्री तापमान में सड़कों पर खड़े हैं छात्र, सरकार से लगायी मदद की गुहार
रूस और यूक्रेन के बीच जंग (Russia Ukraine Conflict) में बिहार के गोपालगंज के 18 छात्र भी फंसे (Gopalganj students of stuck in Ukraine) हुए हैं. वे सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. छात्रों के मुताबिक यहां पर फ्लाइट की व्यवस्था है, लेकिन लगातार हो रही बमबारी के बीच सड़क मार्ग से 700 किलोमीटर का सफर तय कर सभी 18 छात्र भारतीय समय के अनुसार आज सुबह 7 बजे हंगरी बॉर्डर पर पहुंच चुके हैं लेकिन वहां सीमा पार नहीं कर पा रहे हैं.
'समाज सुधार अभियान' यात्रा के दौरान आज बेगूसराय पहुंचे हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
'समाज सुधार अभियान' यात्रा में मुख्यमंत्री शराबबंदी और नशा मुक्ति के साथ दहेज प्रथा और बाल विवाह को लेकर भी जागरुकता लाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री विकास योजनाओं की भी समीक्षा कर रहे हैं.
पीएमसीएच के पुनर्निर्माण प्रक्रिया के दौरान फिर उठी हेरिटेज भवनों के संरक्षण की मांग
पीएमसीएच के पुनर्निर्माण प्रक्रिया (PMCH reconstruction process) के दौरान एक बार फिर ऐतिहासिक भवनों के संरक्षण की मांग उठी है. वरिष्ठ चिकित्सकों का कहना है कि पुनर्निर्माण के साथ ही हेरिटेज भवनों का संरक्षण भी जरूरी है ताकि पीएमसीएच के गौरवशाली इतिहास की अनुभूति कॉलेज छात्र भी महसूस कर सकें. पीएमसीएच के कुछ भवनों का इतिहास पीएमसीएच से भी पुराना है.
यूक्रेन संकट पर बोले गिरिराज सिंह और अश्विनी चौबे- हर हाल में आएंगे भारतीय, मोदी सरकार कर रही है व्यवस्था
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग (Russia Ukraine War Crisis) के चलते बिहार सहित पूरे देश के हजारों लोग वहां फंसे हैं. इसमें अधिकांश मेडिकल की पढ़ाई करने गये छात्र-छात्राएं शामिल हैं. इसके चलते उन छात्रों के परिजन काफी चिंतित हैं. इसे लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और अश्विनी कुमार चौबे ने लोगों को आश्वस्त किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पूरी कोशिश कर रही है. सभी को सुरक्षित लाया जायेगा. पढ़ें पूरी खबर.
यूक्रेन में फंसा है आरा का छात्र कृष्णपाल, परिजनों ने सरकार से बेटे को सकुशल भारत लाने की लगाई गुहार
यूक्रेन और रूस युद्ध के मैदान में आमने-सामने है. ऐसे में यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे बिहार के छात्रों (Bihar Students In Ukraine) के परिजनों की चिंता बढ़ गई है. यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से कई छात्रों से उनके परिजन बात नहीं कर पा रहे हैं. इससे उनकी परेशानी बढ़ गई है. बिहार के आरा का मेडिकल छात्र कृष्णपाल दुर्घध्वज सिंह भी यूक्रेन (Arrah medical student Trapped In Ukraine) में फंसा हुआ है.
बिहार में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर सरकार पर बरसे दो पूर्व मंत्री, कहा- 43 से 13 पर लाकर खड़ी कर देगी जनता
बिहार में लॉ एंड ऑर्डर और रोजगार के मुद्दे पर राज्य के दो पूर्व मंत्रियों नरेंद्र सिंह और विजय प्रकाश ने सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने सरकार से पूछा कि 19 लाख रोजगार देने के वादे का क्या हुआ. कितनों को दिया, जनता सब देख रही है. 43 से 13 पर लाकर खड़ा कर देगी. दोनों पूर्व मंत्रियों ने और क्या कहा, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.
Petrol-Diesel Price Today: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पेट्रोल-डीजल के नए रेट जारी, यहां चेक करें बिहार में तेल की कीमत
यूक्रेन-रूस के बीच युद्ध से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी देखने को मिली है. हालांकि अब तक इसका असर भारत में नहीं देखा गया है. लेकिन मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले दिनों में तेल के कीमतों में भारी उछाल देखी जा सकती है. बिहार में 25 फरवरी को पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Petrol-Diesel Price Today) में मामूली गिरावट देखने को मिला है. कुछ जिलों में कीमतों में मामूली वृद्धि हुई है, तो वहीं कई जिलों में राहत भी मिली है. जानिए क्या है बिहार के अलग-अलग जिलों में तेल की कीमत..
सरकारी स्कूलों में आज से नवीं क्लास की परीक्षा शुरू, 14 लाख छात्र हो रहे हैं शामिल
इस साल प्राइमरी स्कूलों के बच्चे भी परीक्षा देने के बाद ही अगली कक्षा में प्रमोट होंगे. बिहार शिक्षा परियोजना द्वारा जारी शेड्यूल के मुताबिक कक्षा 5 और 8 की परीक्षा 7 से 10 मार्च तक होगी. जबकि कक्षा एक से चार और कक्षा 6 से 7 तक के विद्यार्थियों का स्कूल आधारित वार्षिक मूल्यांकन 25 से 29 मार्च के बीच होगा.
वंशवाद की राजनीति में बिहार एक अपवाद? संघर्ष देखकर सूबे की जनता करती है स्वीकार!
देश में वंशवाद की जड़ें गहरी होती जा रही हैं. आज जो क्षेत्रीय पार्टियों की जड़ें देश में फैली हुईं हैं वो 'वंशवाद की बेल' के सहरे लिपटी हुईं हैं. लेकिन बिहार में वंशवादी राजनीति एक अपवाद के रूप में है. यहां कई चेहरे हैं जो वंशवादी राजनीति के 'आइकन' हैं. पीएम नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर लगातार हमलावर रहते हैं. ईटीवी भारत बिहार के ब्यूरो चीफ अमित भेलारी की रिपोर्ट..
Caste Census : जातीय जनगणना क्यों जरूरी है.. क्यों उठी मांग? एक क्लिक में जानें सब कुछ
भारत की सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था में यह नारा सदियों से लगता रहा है, 'जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी'. यहीं से शुरू होती है सामाजिक न्याय की लड़ाई. अब जबकि ये लड़ाई राजनीतिक दलों को कमजोर होती दिखने लगी है, वोट बैंक खिसकने का खतरा मंडराने लगा है. ऐसे में एक बार फिर जातीय जनगणना (Caste Census in India) का शोर मचाया जाने लगा है. लेकिन आखिर इसकी जरूरत क्या है? आखिरी बार इस तरह की जनगणना कब हुई थी? पहले कब जातिगत जनगणना की मांग हुई है? केंद्र सरकार जातिगत जनगणना से क्यों कतरा रही है? आइए जानते हैं.. बिहार स्टेट हेड सुजीत कुमार झा की रिपोर्ट..
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