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Hartalika Teej 2022, पटना में सैकड़ों महिलाओं ने एक साथ बैठकर लगवाई हाथों में मेहंदी - Hartalika Teej Vrat

आज हरितालिका तीज है. आज के दिन सुहागन महिलाएं अपने सुहाग की दीर्घायु की कामना के साथ चौबीस घंटे का व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करेंगी. इससे पहले पटना की सैकड़ों महिलाओं ने एक साथ बैठकर कारीगरों से हाथों में मेहंदी लगवाई.

महिलाओं ने लगवाई हाथों में मेहंदी
महिलाओं ने लगवाई हाथों में मेहंदी
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Published : Aug 30, 2022, 7:13 AM IST

Updated : Aug 30, 2022, 7:35 AM IST

पटनाः आज पति की लंबी आयु के लिए हरितालिका तीज पर्व मनाया जा रहा है. बिहार में भी इसे लेकर काफी उत्साह (Hartalika Teej In Patna) है. ऐसे में तीज की पूर्व संध्या पर राजधानी पटना में महिलाओं ने अपने हाथों में मेहंदी लगवाई और तीज की तैयारी (Women Apply Mehndi In Hands On Hartalika Teej) शुरू की. मान्यता है कि भगवान शिव को पाने के लिए माता पार्वती ने हरितालिका व्रत तीज रखा था. इस दिन महिलाएं अपनी पति की लंबी आयु की कामना और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार हरितालिका तीज भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है.

ये भी पढ़ेंः मां पार्वती और भगवान शिव को समर्पित है हरतालिका तीज, जानें कथा

सैकड़ों महिलाओं ने रचाई हाथों में मेहंदीः राजधानी पटना के नाला रोड इलाके में सैकड़ों महिलाएं मेहंदी रचाने वाले कारीगरों को बुलाकर अपने हाथों में एक से एक डिजाइन की मेहंदी बनवाने में लगी रहीं. महिलाओं ने बताया कि तीज सुहागिन महिलाएं करती हैं और निर्जला उपवास सहती है. रुबीना कुमारी ने बताया कि तीज में मेहंदी का बहुत महत्व है क्योंकि यह 16 शृंगार में आता है और सभी सुहागिन महिलाएं कभी किसी दिन मेहंदी लगवाए या ना लगवाएं तीज के दिन जरूर लगाती हैं.

"तीज सुहागिन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण पर्व है और इस दिन भगवान शंकर और पार्वती की पूजा की जाती है. भगवान शंकर और पार्वती से पति के लंबी उम्र की कामना की जाती है और जो सच्चे दिल से व्रत रखता है उसे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इस दिन सभी महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं, जिसमें मेहंदी लगाना महत्वपूर्ण होता है"- ज्योति बाला, स्थानीय महिला

"तीज में मेहंदी का बहुत महत्व है क्योंकि तीज में महिलाएं पूरा श्रृंगार करती है, मेहंदी सबसे प्रमुख श्रृंगार है इसलिए सभी सुहागिन महिलाएं दोनों हाथों में मेहंदी रचा कर तीज व्रत रखती हैं"- पूनम कुमारी, स्थानीय महिला

सुहागिन महिलाओं को करना चाहिए यह व्रतः वहीं, नीलम सिंह ने कहा कि तीज का बहुत महत्व है और हर सुहागिन महिलाओं को यह व्रत करना चाहिए. सुहागिन महिलाओं के लिए तीज बहुत महत्वपूर्ण व्रत है और यह पति की लंबी आयु के लिए की जाती है. इसलिए इसे सच्चे दिल से निर्जला व्रत करना पड़ता है. तीज में सभी महिलाएं मेहंदी लगवाती है क्योंकि मेहंदी सिंगार का प्रमुख सामान है. कहा जाता है कि मेहंदी जिसके हाथों में अधिक रचता है उसका पति उसे उतना ही अधिक प्यार करता है.

कैसे करें हरितालिका तीज व्रतः आपको बता दें कि हरतालिका तीज का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक है. इस व्रत में अन्न और जल का त्याग किया जाता है. तीज की पूजा रात में की जाती है. इस व्रत के दौरान महिलाओं को मन में शुद्ध विचार रखना चाहिए. भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान लगाना चाहिए. व्रत के बाद अगले दिन पारण का विधान है. कहा जाता है कि हरतालिका तीज व्रत एक बार शुरू करने पर इसे छोड़ा नहीं जाता है. प्रत्येक वर्ष इस व्रत को विधि-विधान से करना चाहिए. हरतालिका तीज व्रत के दिन रात्रि जागरण किया जाता है. रात में भजन-कीर्तन करना चाहिए.

पूजन में चढ़ाई जाती है ये सामग्रीः इस पूजा में माता पार्वती को सुहाग की सामग्री चढ़ाई जाती है, जिसमें मेहंदी, चूड़ी, बिछिया, काजल, बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, कंघी, महावल आदि शामिल हैं.

हरितालिका तीज पूजा विधिः हरतालिका तीज के लिए भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की बालू की प्रतिमा बना लें. इसके बाद पूजास्थल को फूलों से सजा लें. फिर सभी देवताओं का आह्वान करते हुए भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश का पूजन करें. सुहाग की वस्तुएं माता पार्वती को चढ़ाएं और शिव जी को धोती और अंगोछा चढ़ाया जाता है. इस सुहाग सामग्री को किसी ब्राह्मणी और ब्राह्मण को दान कर दें. पूजन के बाद हरतालिका तीज व्रत कथा पढ़ें या सुने और रात्रि में जागरण करें. फिर अगले दिन सुबह माता पार्वती को सिन्दूर चढ़ाएं व खीरा या ककड़ी का भोग लगाकर पारण कर लें.



ये भी पढ़ेंः मनाया जा रहा अखंड सुहाग का व्रत हरतालिका तीज, महिलाओं ने पति की लंबी आयु का मांगा वरदान

पटनाः आज पति की लंबी आयु के लिए हरितालिका तीज पर्व मनाया जा रहा है. बिहार में भी इसे लेकर काफी उत्साह (Hartalika Teej In Patna) है. ऐसे में तीज की पूर्व संध्या पर राजधानी पटना में महिलाओं ने अपने हाथों में मेहंदी लगवाई और तीज की तैयारी (Women Apply Mehndi In Hands On Hartalika Teej) शुरू की. मान्यता है कि भगवान शिव को पाने के लिए माता पार्वती ने हरितालिका व्रत तीज रखा था. इस दिन महिलाएं अपनी पति की लंबी आयु की कामना और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार हरितालिका तीज भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है.

ये भी पढ़ेंः मां पार्वती और भगवान शिव को समर्पित है हरतालिका तीज, जानें कथा

सैकड़ों महिलाओं ने रचाई हाथों में मेहंदीः राजधानी पटना के नाला रोड इलाके में सैकड़ों महिलाएं मेहंदी रचाने वाले कारीगरों को बुलाकर अपने हाथों में एक से एक डिजाइन की मेहंदी बनवाने में लगी रहीं. महिलाओं ने बताया कि तीज सुहागिन महिलाएं करती हैं और निर्जला उपवास सहती है. रुबीना कुमारी ने बताया कि तीज में मेहंदी का बहुत महत्व है क्योंकि यह 16 शृंगार में आता है और सभी सुहागिन महिलाएं कभी किसी दिन मेहंदी लगवाए या ना लगवाएं तीज के दिन जरूर लगाती हैं.

"तीज सुहागिन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण पर्व है और इस दिन भगवान शंकर और पार्वती की पूजा की जाती है. भगवान शंकर और पार्वती से पति के लंबी उम्र की कामना की जाती है और जो सच्चे दिल से व्रत रखता है उसे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इस दिन सभी महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं, जिसमें मेहंदी लगाना महत्वपूर्ण होता है"- ज्योति बाला, स्थानीय महिला

"तीज में मेहंदी का बहुत महत्व है क्योंकि तीज में महिलाएं पूरा श्रृंगार करती है, मेहंदी सबसे प्रमुख श्रृंगार है इसलिए सभी सुहागिन महिलाएं दोनों हाथों में मेहंदी रचा कर तीज व्रत रखती हैं"- पूनम कुमारी, स्थानीय महिला

सुहागिन महिलाओं को करना चाहिए यह व्रतः वहीं, नीलम सिंह ने कहा कि तीज का बहुत महत्व है और हर सुहागिन महिलाओं को यह व्रत करना चाहिए. सुहागिन महिलाओं के लिए तीज बहुत महत्वपूर्ण व्रत है और यह पति की लंबी आयु के लिए की जाती है. इसलिए इसे सच्चे दिल से निर्जला व्रत करना पड़ता है. तीज में सभी महिलाएं मेहंदी लगवाती है क्योंकि मेहंदी सिंगार का प्रमुख सामान है. कहा जाता है कि मेहंदी जिसके हाथों में अधिक रचता है उसका पति उसे उतना ही अधिक प्यार करता है.

कैसे करें हरितालिका तीज व्रतः आपको बता दें कि हरतालिका तीज का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक है. इस व्रत में अन्न और जल का त्याग किया जाता है. तीज की पूजा रात में की जाती है. इस व्रत के दौरान महिलाओं को मन में शुद्ध विचार रखना चाहिए. भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान लगाना चाहिए. व्रत के बाद अगले दिन पारण का विधान है. कहा जाता है कि हरतालिका तीज व्रत एक बार शुरू करने पर इसे छोड़ा नहीं जाता है. प्रत्येक वर्ष इस व्रत को विधि-विधान से करना चाहिए. हरतालिका तीज व्रत के दिन रात्रि जागरण किया जाता है. रात में भजन-कीर्तन करना चाहिए.

पूजन में चढ़ाई जाती है ये सामग्रीः इस पूजा में माता पार्वती को सुहाग की सामग्री चढ़ाई जाती है, जिसमें मेहंदी, चूड़ी, बिछिया, काजल, बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, कंघी, महावल आदि शामिल हैं.

हरितालिका तीज पूजा विधिः हरतालिका तीज के लिए भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की बालू की प्रतिमा बना लें. इसके बाद पूजास्थल को फूलों से सजा लें. फिर सभी देवताओं का आह्वान करते हुए भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश का पूजन करें. सुहाग की वस्तुएं माता पार्वती को चढ़ाएं और शिव जी को धोती और अंगोछा चढ़ाया जाता है. इस सुहाग सामग्री को किसी ब्राह्मणी और ब्राह्मण को दान कर दें. पूजन के बाद हरतालिका तीज व्रत कथा पढ़ें या सुने और रात्रि में जागरण करें. फिर अगले दिन सुबह माता पार्वती को सिन्दूर चढ़ाएं व खीरा या ककड़ी का भोग लगाकर पारण कर लें.



ये भी पढ़ेंः मनाया जा रहा अखंड सुहाग का व्रत हरतालिका तीज, महिलाओं ने पति की लंबी आयु का मांगा वरदान

Last Updated : Aug 30, 2022, 7:35 AM IST
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