पटना: त्रेता युग से शुरू हुए अक्षय तृतीया का महापर्व आज है. इस महापर्व पर 16 साल बाद विशेष योग बन रहा है. इस बार पांच ग्रह सूर्य, चंद्र, शुक्र, राहू और केतु अपने उच्च स्थान की ओर जा रहे हैं. अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम का भी जन्म हुआ था.
आज राशियों के अनुसार खरीदारी करने में अति शुभ योग बन रहा है. इस बार मृगशिरा नक्षत्र और अतिगंड योग के सहयोग से इच्छापूर्ति योग भी बन रहा है. बता दें कि अक्षय तृतीया के दिन मांगलिक कार्य, शादी-विवाह, बहू का प्रथम बार चौका छूना, मुंडन, छेदन और व्यापार का प्रारंभ सारे शुभ कार्य किए जाते हैं.
त्योहार के पीछे की कहानी
वैशाख में शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया के रूप में मनाया जाता है. इसके पीछे की कहानी कुछ यूं है कि एक बार लक्ष्मी जी ने विष्णु जी से कहा कि समस्त शुभ कार्य किसी न किसी मुहूर्त में होते हैं. मान लीजिए किसी से भूलवश मुहूर्त के दिन शुभ कार्य ना हो पाए तो. प्रभु इसके लिए कुछ तो होना चाहिए.
इसके बाद विष्णु जी ने अपने अवतार दिवस यानी परशुराम जयंती पर अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त की संज्ञा दे दी. नाम के अनुरूप अक्षय तृतीया पर धन का क्षय नहीं होता. इस दिन स्वर्ण-रजत खरीदने की परंपरा है.
अन्नपूर्णा का पूजन
इस दिन मां अन्नपूर्णा का जन्मदिन भी मनाया जाता है. मां अन्नपूर्णा के पूजन से किचन तथा भोजन स्वाद बढ़ जाता है. इसलिए, चावल और गेहूं अवश्य खरीदना चाहिए. रसोई से जुड़ा कोई भी आइटम खरीदना शुभ माना गया है. आज बिना किसी पंचांग के विवाह कार्य किया जा सकता है.
अक्षय तृतीया- पूजन का मुहूर्त
- सुबह 6:50 से दोपहर 12:36 बजे तक
सोना खरीदने के लिए शुभ मुहूर्त-
- सुबह 11:30 से रात 9:45 बजे तक