पटना : रमजान के महीने में बिहार के विभिन्न राजनीतिक दल इफ्तार पार्टियों का आयोजन कर रहे हैं. इफ्तार पार्टी के आयोजनों पर सूबे में सियासत भी गर्म है. सियासतदां इसी बहाने 'एक दूसरे में बची नमी' को आजमा लेना चाहते हैं. मांझी की ओर से नीतीश, तेजस्वी, तेज प्रताप को भी न्योता भेजा गया है. हाल ही में तेज प्रताप ने लाइव आकर, यूट्यूबर का स्टिंग करते हुए बताया कि मांझी आवास से उनके खिलाफ साजिशें रचीं जाती हैं, उसी आवास में उन्हें इफ्तार पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया (Jitan Ram Manjhi Invite To Tej Pratap ) गया है. वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को लेकर मांझी सॉफ्ट कॉर्नर रखते हैं. मांझी कह चुके हैं कि राजनीति संभावनाओं का खेल है. ऐसे में शुक्रवार का इफ्तारी आयोजन सियासी नजरिए से भी काफी खास होने वाला है.
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इन दिग्गजों को HAM का निमंत्रण : हम के प्रवक्ता ने बताया है कि उनके इफ्तार के आयोजन में सीएम नीतीश कुमार, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, सुशील मोदी, संजय जायसवाल, शाहनवाज हुसैन, अशोक चौधरी और बिहार के कई दूसरे नेताओं और विधायकों को आमंत्रित किया गया है. बता दें कि गुरुवार को जेडीयू की इफ्तार पार्टी में तेजस्वी और तेज प्रताप ने पहुंचकर एक बार फिर सियासी हलचल पैदा कर दी थी.
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तेज प्रताप को निमंत्रण से सियासत गर्म : अभी तक तेज प्रताप की ओर से इस निमंत्रण को ना तो स्वीकार किया है और ना ही मना किया है. तेज प्रताप के आरोप पर HAM पहले ही सफाई दे चुकी है. लालू यादव के बड़े बेटे के आरोपों को हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा निराधार बता चुकी है. बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरजेडी की इफ्तार पार्टी में शामिल होकर बिहार की शांत पड़ी राजनीति में हलचल पैदा करने का काम किया. माना जा रहा है कि जेडीयू की इफ्तार पार्टी में आकर तेजस्वी और तेज प्रताप ने भी पुराने गिले शिकवे दूर कर दिए हैं.
गौरतलब है कि, जब नीतीश ने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था तब तेजस्वी यादव ने उस वक्त दूरी बनाई थी. लेकिन ये दूरी नीतीश कुमार की पहल से खत्म हो गई. इस मामले में अब तरह तरह की प्रतिक्रियाएं आ रहीं हैं. खुद तेज प्रताप भी नीतीश से सीक्रेट चर्चा के आधार पर नई सरकार बनाने का इशारा कर चुके हैं. लालू यादव को भी जमानत मिल चुकी है. जल्द ही वो पटना आएंगे. ऐसे में सभी दलों के बीच की दूरियां भी कम हो चलीं हैं. अब देखना ये होगा कि बिहार में अब किस तरह की राजनीति करवट लेती है.
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