पटना: करुणा और भाव केवल इंसान में ही नहीं होता है बल्कि यह जानवरों में भी होते हैं. अगर आप किसी जानवर के साथ प्यार, मोहब्बत और इंसानियत से पेश आते हैं तो वह जानवर भी आपके लिए जान देने को तैयार रहता है. लोग अपने घरों में कई तरह के जानवरों को पालते हैं लेकिन एक ऐसा भी वक्त आता है कि जिस जानवर पर लोग जान छिड़कते हैं, उसे ही छोड़ कर चले जाते हैं. छोड़ दिए जाने के बाद यह जानवर बिल्कुल बेसहारा हो जाते हैं. राजधानी पटना में युवाओं का अपना फाउंडेशन (Youth Apna Foundation in Patna) है जिनके काम को अगर आप देखें तो बिना सलाम किए नहीं रह सकते हैं. इन युवाओं ने इंसानियत की एक ऐसी मिसाल पेश की है, जिसे सुन कर हर कोई इनकी कर रहा है.
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शेल्टर होम में हैं कई जानवर: दरअसल राजधानी पटना के युवा वर्षा, आशीष और अंकित ने इंसानियत की एक ऐसी मिसाल पेश की है जो शायद ही कोई कर पाए. हालांकि यह युवा अभी पढ़ते हैं, कोचिंग करके अपना खर्च निकालते हैं लेकिन इन युवाओं ने अपने कोचिंग के खर्च से ही पशुओं को स्थान देने के लिए अपना खुद का शेल्टर होम खोल रखा है. इस शेल्टर होम में युवाओं के द्वारा रेस्क्यू करके लाए गए कई पशु हैं. इनमें गाय, बिल्ली, कुत्ते शामिल है. इन युवाओं ने अपना एक संगठन भी बनाया हुआ है. इस संगठन का नाम अपना फाउंडेशन है. टीम के मेंबर आशीष रंजन बताते हैं कि 2020 में जब कोरोना की लहर थी, लॉक डाउन लगा हुआ था तब लोग खुद को ही बचाने में लगे हुए थे. पशुओं पर कोई ध्यान नहीं देता था उसी वक्त हम लोगों ने इस काम को शुरू किया. हम लोग न केवल गाय बल्कि कुत्ते, सांप, घोड़ा और बत्तख को भी रेस्क्यू कर चुके हैं.
"साल 2020 में जब कोरोना की लहर थी, लॉक डाउन लगा हुआ था तब लोग खुद को ही बचाने में लगे हुए थे. पशुओं पर कोई ध्यान नहीं देता था उसी वक्त हम लोगों ने इस काम को शुरू किया. हम लोग न केवल गाय बल्कि कुत्ते, सांप, घोड़ा और बत्तख को भी रेस्क्यू कर चुके हैं."-आशीष रंजन, मेंबर, अपना फाउंडेशन
डोनेशन से जानवरों का भोजन: आशीष बताते हैं, इन पशुओं के खाने के लिए अपने स्तर से तो यह लोग इंतजाम करते ही हैं. कई बार लोग भी डोनेट कर देते हैं. जब जरूरत पड़ती है तो क्राउडफंडिंग भी करना पड़ जाता है. टीम की प्रमुख मेंबर वर्षा एक स्टेज सिंगर है. वो अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा इन पशुओं की देखभाल में लगा देती है. ये शेल्टर होम पटना के सगुना मोड़ इलाके में है. आशीष बताते हैं कि इनमें से कई ऐसे पशु है जो पैरालाइसिस के शिकार हो चुके हैं और वह चलने-फिरने में सक्षम नहीं है. उनका विशेष ख्याल रखना होता है. टीम के मेंबर ने एक ऐसी गाय को जीवनदान दिया है जिसका खुर सड़ गया था और उसके मालिक ने उसे छोड़ दिया था। लक्ष्मी नाम की गाय आज की तारीख में पूरी तरह से स्वस्थ हो चुकी है और इस शेल्टर होम की शोभा बढ़ा रही है.
शेल्टर होम को सजाया: इन सभी युवाओं ने इस शेल्टर होम को व्यवस्थित रूप से बना कर रखा है ताकि किसी भी पशु को परेशानी न हो. इन्होंने जहां कुत्तों के लिए अलग रूम बनाया है, वहीं गाय के लिए गौशाला बनाया है. समय-समय पर खाना पीना और उनकी देखभाल करना सब की इस जिम्मेदारी होती है. जिसे सभी पूरा करते हैं. ग्रुप के सदस्य हाल ही में राजधानी के शास्त्रीनगर इलाके में हुए अग्निकांड में झुलस चुके पशुओं का भी इलाज कर रहे हैं. इनके इलाज के लिए भी इन सभी ने अपने जेब से ही पैसे खर्च किए हैं, कुछ लोगों ने डोनेशन भी दिया है.