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पटना एयरपोर्ट से राेजाना हजारों मजदूरों का पलायन, कहा- बिहार में नहीं है रोजगार - Patna News

कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के कारण बिहार में लागू लॉकडाउन (Lockdown In Bihar) धीरे-धीरे हटने के बाद एक बार से फिर भारी संख्या में मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है. रोजगार के लिए देश के अन्य शहरों में जाने वालों की भीड़ पटना एयरपोर्ट (Patna Airport) पर रोजाना उमड़ रही है.

patna airport
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Published : Jun 28, 2021, 5:50 PM IST

पटना: बिहार में लॉकडाउन (Lockdown) खत्म होने के बाद लगातार पटना एयरपोर्ट (Patna Airport) पर यात्रियों की संख्या बढ़ रही है. रोजगार के लिए देश के अन्य शहरों में भारी संख्या में मजदूरों का पलायन हो रहा है. फिलहाल पटना एयरपोर्ट से 48 जोड़ी विमानों का परिचालन विभिन्न शहरों के लिए किया जा रहा है. पिछले साल की तरह इस बार भी सबसे ज्यादा संख्या में प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के चलते बिहार लौटे थे. ऐसे में जब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है. अब वे अपने काम पर अन्य शहरों को जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: पटना जंक्शन पर कन्फर्म टिकट को लेकर रोजाना धक्का-मुक्की, वेटिंग लिस्ट से यात्री परेशान

मजबूरी में रोजगार के लिए पलायन
''बिहार में रोजगार का कोई साधन नहीं है. इसीलिए बेंगलुरु जा रहे हैं. यहां पर कुछ रोजगार की कोशिश की थी लेकिन सफलता नहीं मिली. रोजगार के लिए अन्य शहरों में जाना हमारी मजबूरी है.''- राजेश कुमार, मोतिहारी से बेंगलुरु जा रहे यात्री
''बिहार में अगर रोजगार रहता तो हमें पलायन नहीं करना पड़ता. रोजगार के लिए कौन शौक से बाहर जाना चाहता है? बिहार में रोजगार नहीं है, इसलिए बेंगलुरु जा रहे हैं. वहां पर एक फैक्ट्री में काम करते हैं. कोरोना संक्रमण का डर तो है पर परिवार और अपना पेट भी पालना है.''- अमन कुमार, दरभंगा से बंगलुरु जा रहे यात्री

देखें रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: लॉकडाउन खत्म होने के बाद पटना एयरपोर्ट पर बढ़ने लगी भीड़, विमानों का परिचालन भी समय पर

यहां बता दें कि मजदूरों और श्रमिकों का पलायन बिहार सरकार के उस दावे की पोल खोलती है जिसमें उन्होंने प्रवासी मजदूरों काे रोजगार देने की बात कही थी.

सीएम नीतीश ने की थी घोषणा
इसी साल मई महीने में बिहार सरकार ने कहा था सबसे बड़ी चुनौती घर लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराना है. सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने घोषणा की थी कि जो भी काम मांगेगा, उसे काम दिया जाए. इसके लिए मनरेगा में राशि की कमी नहीं होने दी जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा था कि शहरी क्षेत्र में भी जो दिहाड़ी मजदूर काम मांगेगा, उसे काम दिया जाएगा. शहरी क्षेत्र के मजदूरों को सफाई, छिड़काव, निर्माण का कार्य दिया जाएगा. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों को पंचायती राज विभाग द्वारा नली गली पक्कीकरण अधूरे कार्य को पूरा करने का का काम दिया जाएगा.

पटना
पटना एयरपोर्ट पर इंतजार करते मजदूर

मंत्री ने कहा था- नहीं होगी बाहर जाने की मजबूरी नहीं
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार (Minister Shravan Kumar) ने कहा था, ''काम के अभाव में किसी गरीब को राज्य के बाहर जाने की मजबूरी नहीं होगी. इसके लिए राशि की भी कमी नहीं होगी. राज्य सरकार आने वाले लोगों को उनके स्किल के आधार पर भी रोजगार मुहैया कराने की कोशिश कर रही है. पिछले वर्ष के अनुभव इस बार काफी काम आएंगें और उस आधार पर काम किया जाएगा.''

पटना: बिहार में लॉकडाउन (Lockdown) खत्म होने के बाद लगातार पटना एयरपोर्ट (Patna Airport) पर यात्रियों की संख्या बढ़ रही है. रोजगार के लिए देश के अन्य शहरों में भारी संख्या में मजदूरों का पलायन हो रहा है. फिलहाल पटना एयरपोर्ट से 48 जोड़ी विमानों का परिचालन विभिन्न शहरों के लिए किया जा रहा है. पिछले साल की तरह इस बार भी सबसे ज्यादा संख्या में प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के चलते बिहार लौटे थे. ऐसे में जब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है. अब वे अपने काम पर अन्य शहरों को जा रहे हैं.

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मजबूरी में रोजगार के लिए पलायन
''बिहार में रोजगार का कोई साधन नहीं है. इसीलिए बेंगलुरु जा रहे हैं. यहां पर कुछ रोजगार की कोशिश की थी लेकिन सफलता नहीं मिली. रोजगार के लिए अन्य शहरों में जाना हमारी मजबूरी है.''- राजेश कुमार, मोतिहारी से बेंगलुरु जा रहे यात्री
''बिहार में अगर रोजगार रहता तो हमें पलायन नहीं करना पड़ता. रोजगार के लिए कौन शौक से बाहर जाना चाहता है? बिहार में रोजगार नहीं है, इसलिए बेंगलुरु जा रहे हैं. वहां पर एक फैक्ट्री में काम करते हैं. कोरोना संक्रमण का डर तो है पर परिवार और अपना पेट भी पालना है.''- अमन कुमार, दरभंगा से बंगलुरु जा रहे यात्री

देखें रिपोर्ट

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यहां बता दें कि मजदूरों और श्रमिकों का पलायन बिहार सरकार के उस दावे की पोल खोलती है जिसमें उन्होंने प्रवासी मजदूरों काे रोजगार देने की बात कही थी.

सीएम नीतीश ने की थी घोषणा
इसी साल मई महीने में बिहार सरकार ने कहा था सबसे बड़ी चुनौती घर लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराना है. सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने घोषणा की थी कि जो भी काम मांगेगा, उसे काम दिया जाए. इसके लिए मनरेगा में राशि की कमी नहीं होने दी जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा था कि शहरी क्षेत्र में भी जो दिहाड़ी मजदूर काम मांगेगा, उसे काम दिया जाएगा. शहरी क्षेत्र के मजदूरों को सफाई, छिड़काव, निर्माण का कार्य दिया जाएगा. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों को पंचायती राज विभाग द्वारा नली गली पक्कीकरण अधूरे कार्य को पूरा करने का का काम दिया जाएगा.

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पटना एयरपोर्ट पर इंतजार करते मजदूर

मंत्री ने कहा था- नहीं होगी बाहर जाने की मजबूरी नहीं
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार (Minister Shravan Kumar) ने कहा था, ''काम के अभाव में किसी गरीब को राज्य के बाहर जाने की मजबूरी नहीं होगी. इसके लिए राशि की भी कमी नहीं होगी. राज्य सरकार आने वाले लोगों को उनके स्किल के आधार पर भी रोजगार मुहैया कराने की कोशिश कर रही है. पिछले वर्ष के अनुभव इस बार काफी काम आएंगें और उस आधार पर काम किया जाएगा.''

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