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पटना के अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में है रेबीज वैक्सीन, कुत्ते के काटने पर लें तुरंत उपचार

प्रदेश में कुछ दिनों पहले लोगों को रेबीज वैक्सीन की समस्या से दो चार होना पड़ रहा था. और राज्य के अस्पतालों में वैक्सीन की आपूर्ति बाधित हो गई थी जिसके बाद से बीएमएसआईसीएल ने फिर से रेबीज वैक्सीन की आपूर्ति सुचारू कर दी है. और अब राजधानी पटना के सभी अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में रेबीज वैक्सीन मौजूद है.

anti rabies injection in hospitals in patna
anti rabies injection in hospitals in patna
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Published : Mar 11, 2021, 3:02 PM IST

Updated : Mar 11, 2021, 3:35 PM IST

पटना: पटनावासियों के लिए राहत भरी खबर है. अब उन्हें रेबीज इंजेक्शन के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. क्योंकि रेबीज वैक्सीन के सप्लाई में जो दिक्कतें थीं उन्हें दूर कर लिया गया है. बीएमएसआईसीएल (बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉर्पोरेशन लिमिटेड) ने फिर से रेबीज वैक्सीन की आपूर्ति सुचारू कर दी है और अब राजधानी पटना के सभी अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में रेबीज वैक्सीन मौजूद है.

देखें रिपोर्ट

यह भी पढ़ें- महाशिवरात्रि पर ऐसे करें भोलेनाथ को प्रसन्न, जानें, राशि के अनुसार पूजा की विधि

पर्याप्त संख्या में रेबीज वैक्सीन
राजधानी पटना में प्रतिदिन ढाई सौ से तीन सौ के करीब रेबीज का वैक्सीनेशन होता है. यानी शहर में प्रतिदिन ढाई सौ से 300 कुत्ते काटने के मामले सामने आते हैं. ईटीवी भारत ने जब पटना शहर के प्रतिष्ठित अस्पतालों में रेबीज वैक्सीन के स्टॉक के बारे में जानकारी ली, तो पाया कि सभी अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में रेबीज वैक्सीन मौजूद है.

anti rabies injection in hospitals in patna
ग्राफिक्स

अब आसानी से मिलेगा इंजेक्शन
सभी अनुमंडलीय अस्पतालों में प्रतिदिन 20 से 50 की संख्या में रेबीज वैक्सीन का वैक्सीनेशन होता है. पीएमसीएच जैसे बड़े अस्पताल में रोजाना 50 से 100 के बीच में रेबीज वैक्सीनेशन होता है और पीएमसीएच में भी अभी के समय में पर्याप्त संख्या में रेबीज का वैक्सीन मौजूद है. पीएमसीएच में रेबीज वैक्सीन की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता को लेकर हाल ही में पटना के प्रमंडलीय आयुक्त ने एक समीक्षा बैठक की थी. और निर्देश भी दिया था कि अस्पताल प्रबंधन यह सुनिश्चित करें कि किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को अस्पताल से बिना रेबीज का टीका लिए ना लौटना पड़े.

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ग्राफिक्स

अस्पताल में वैक्सीन मौजूद है और यहां 2रूपये का ओपीडी पर्ची कटाने के बाद रेबीज वैक्सीन के पांच डोज का निशुल्क वैक्सीनेशन होता है.-परमेश्वर गुप्ता, स्थानीय

anti rabies injection in hospitals in patna
कुत्तों के आतंक से परेशान लोग

अस्पताल में रेबीज वैक्सीनेशन के लिए कोई दिक्कत नहीं हो रही है. यहां जख्म देखकर तुरंत रेबीज का वैक्सीनेशन किया जाता है और यह निशुल्क होता है.- लाल बाबू, स्थानीय

निशुल्क है रेबीज वैक्सीन
प्राइवेट केंद्रों पर रेबीज वैक्सीन की एक डोज का कीमत लगभग 400 रूपये पड़ता है और पांचों डोज के वैक्सीनेशन के लिए प्राइवेट केंद्र पर लोगों को लगभग 2300 से 2500 रुपए का खर्च आता है. ऐसे में अस्पतालों में रेबीज इंजेक्शन की व्यवस्था हो जाने से लोगों को बड़ी राहत मिली है.

anti rabies injection in hospitals in patna
ग्राफिक्स

अस्पताल में पर्याप्त संख्या में अभी के समय में रेबीज वैक्सीन का स्टॉक उपलब्ध है और यहां प्रतिदिन 30 से 50 की संख्या में रेबीज का वैक्सीनेशन होता है. जनवरी के महीने में रेबीज वैक्सीन के सप्लाई में कुछ दिक्कतें जरूर आ गई थी. मगर अब सब दिक्कतें दूर हो गई हैं.- डॉ मनोज सिन्हा,अधीक्षक,न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल

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डॉ मनोज सिन्हा,अधीक्षक,न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल

क्यों है जरूरी रेबीज वैक्सीन

  • रेबीज के मामले में दो टीका का टीकाकरण होता है.
  • पहला होता है एंटी रेबीज वैक्सीन जिसे एआरवी कहते हैं.
  • दूसरा होता है रेबीज इम्यूनोग्लोबुलीन वैक्सीन जिसे आरआई कहते हैं.
  • कुत्ते के काटने के बाद जितना जल्द हो सके लोगों को वैक्सीन ले लेना चाहिए.
  • रेबीज इम्यूनोग्लोबुलीन का वैक्सीन लोगों को पैसिव इम्यूनिटी के लिए दिया जाता है.
  • 24 घंटे के अंदर यह अगर पड़ जाता है तो जो डॉग बाइट का टॉक्सिन जो बॉडी से ब्रेन में चला जाता है उसे रोकता है.
  • सबसे पहले रेबीज इम्यूनोग्लोबुलीन दिया जाता है क्योंकि एंटी रेबीज वैक्सीन एआरवी को बॉडी में एक्टिवेट होने में तीन से चार दिन का समय लगता है.

रेबीज के लक्षण

  • दर्द होना.
  • थकावट महसूस करना.
  • सिरदर्द होना.
  • बुखार आना.
  • मांसपेशियों में जकड़न होना.
  • घूमना-फिरना ज्यादा हो जाता है.
  • चिड़चिड़ा होना.
  • उग्र स्वभाव होना.
  • व्याकुल होना.
  • पानी से डर (हाईड्रोफोबिया)

कुत्ता काटने पर क्या करें

  • कुत्ते के काटने पर जख्म को जितना हो सके गुनगुने पानी से धोते रहें.
  • इसके अलावा घाव को कभी भी ढकें नहीं.
  • जख्म पर पट्टी नहीं करना चाहिए, और ना ही इसके लिए टांके लगवाएं.

शहर में आवारा कुत्तों को हटाने के लिए नगर निगम की तरफ से निरंतर अंतराल पर ड्राइव चलते रहते हैं. और नगर निगम का प्रयास रहता है कि जितना हो सके शहर में आवारा कुत्तों का आतंक कम हो. साथ ही लोगों को आवारा कुत्तों के कारण परेशानी का सामना ना करना पड़े.- इंद्रदीप चंद्रवंशी, सदस्य, सशक्त स्थाई समिति, पटना नगर निगम

कुत्तों के आतंक से परेशान लोग
कोरोना काल के बाद अनलॉक होने के बाद राजधानी पटना में जनजीवन फिर से सामान्य हो गया है. और चौक चौराहों पर खाद्य पदार्थों के ठेले पहले की तरह ही लगने शुरू हो गए हैं. ऐसे में जो इन ठेलों से खाद्य पदार्थ की गंदगी निकलती है, इसके आसपास काफी संख्या में आवारा कुत्ते मंडराते हैं. और कई बार यह लोगों को काट भी लेते हैं.

पटना: पटनावासियों के लिए राहत भरी खबर है. अब उन्हें रेबीज इंजेक्शन के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. क्योंकि रेबीज वैक्सीन के सप्लाई में जो दिक्कतें थीं उन्हें दूर कर लिया गया है. बीएमएसआईसीएल (बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉर्पोरेशन लिमिटेड) ने फिर से रेबीज वैक्सीन की आपूर्ति सुचारू कर दी है और अब राजधानी पटना के सभी अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में रेबीज वैक्सीन मौजूद है.

देखें रिपोर्ट

यह भी पढ़ें- महाशिवरात्रि पर ऐसे करें भोलेनाथ को प्रसन्न, जानें, राशि के अनुसार पूजा की विधि

पर्याप्त संख्या में रेबीज वैक्सीन
राजधानी पटना में प्रतिदिन ढाई सौ से तीन सौ के करीब रेबीज का वैक्सीनेशन होता है. यानी शहर में प्रतिदिन ढाई सौ से 300 कुत्ते काटने के मामले सामने आते हैं. ईटीवी भारत ने जब पटना शहर के प्रतिष्ठित अस्पतालों में रेबीज वैक्सीन के स्टॉक के बारे में जानकारी ली, तो पाया कि सभी अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में रेबीज वैक्सीन मौजूद है.

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ग्राफिक्स

अब आसानी से मिलेगा इंजेक्शन
सभी अनुमंडलीय अस्पतालों में प्रतिदिन 20 से 50 की संख्या में रेबीज वैक्सीन का वैक्सीनेशन होता है. पीएमसीएच जैसे बड़े अस्पताल में रोजाना 50 से 100 के बीच में रेबीज वैक्सीनेशन होता है और पीएमसीएच में भी अभी के समय में पर्याप्त संख्या में रेबीज का वैक्सीन मौजूद है. पीएमसीएच में रेबीज वैक्सीन की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता को लेकर हाल ही में पटना के प्रमंडलीय आयुक्त ने एक समीक्षा बैठक की थी. और निर्देश भी दिया था कि अस्पताल प्रबंधन यह सुनिश्चित करें कि किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को अस्पताल से बिना रेबीज का टीका लिए ना लौटना पड़े.

anti rabies injection in hospitals in patna
ग्राफिक्स

अस्पताल में वैक्सीन मौजूद है और यहां 2रूपये का ओपीडी पर्ची कटाने के बाद रेबीज वैक्सीन के पांच डोज का निशुल्क वैक्सीनेशन होता है.-परमेश्वर गुप्ता, स्थानीय

anti rabies injection in hospitals in patna
कुत्तों के आतंक से परेशान लोग

अस्पताल में रेबीज वैक्सीनेशन के लिए कोई दिक्कत नहीं हो रही है. यहां जख्म देखकर तुरंत रेबीज का वैक्सीनेशन किया जाता है और यह निशुल्क होता है.- लाल बाबू, स्थानीय

निशुल्क है रेबीज वैक्सीन
प्राइवेट केंद्रों पर रेबीज वैक्सीन की एक डोज का कीमत लगभग 400 रूपये पड़ता है और पांचों डोज के वैक्सीनेशन के लिए प्राइवेट केंद्र पर लोगों को लगभग 2300 से 2500 रुपए का खर्च आता है. ऐसे में अस्पतालों में रेबीज इंजेक्शन की व्यवस्था हो जाने से लोगों को बड़ी राहत मिली है.

anti rabies injection in hospitals in patna
ग्राफिक्स

अस्पताल में पर्याप्त संख्या में अभी के समय में रेबीज वैक्सीन का स्टॉक उपलब्ध है और यहां प्रतिदिन 30 से 50 की संख्या में रेबीज का वैक्सीनेशन होता है. जनवरी के महीने में रेबीज वैक्सीन के सप्लाई में कुछ दिक्कतें जरूर आ गई थी. मगर अब सब दिक्कतें दूर हो गई हैं.- डॉ मनोज सिन्हा,अधीक्षक,न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल

anti rabies injection in hospitals in patna
डॉ मनोज सिन्हा,अधीक्षक,न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल

क्यों है जरूरी रेबीज वैक्सीन

  • रेबीज के मामले में दो टीका का टीकाकरण होता है.
  • पहला होता है एंटी रेबीज वैक्सीन जिसे एआरवी कहते हैं.
  • दूसरा होता है रेबीज इम्यूनोग्लोबुलीन वैक्सीन जिसे आरआई कहते हैं.
  • कुत्ते के काटने के बाद जितना जल्द हो सके लोगों को वैक्सीन ले लेना चाहिए.
  • रेबीज इम्यूनोग्लोबुलीन का वैक्सीन लोगों को पैसिव इम्यूनिटी के लिए दिया जाता है.
  • 24 घंटे के अंदर यह अगर पड़ जाता है तो जो डॉग बाइट का टॉक्सिन जो बॉडी से ब्रेन में चला जाता है उसे रोकता है.
  • सबसे पहले रेबीज इम्यूनोग्लोबुलीन दिया जाता है क्योंकि एंटी रेबीज वैक्सीन एआरवी को बॉडी में एक्टिवेट होने में तीन से चार दिन का समय लगता है.

रेबीज के लक्षण

  • दर्द होना.
  • थकावट महसूस करना.
  • सिरदर्द होना.
  • बुखार आना.
  • मांसपेशियों में जकड़न होना.
  • घूमना-फिरना ज्यादा हो जाता है.
  • चिड़चिड़ा होना.
  • उग्र स्वभाव होना.
  • व्याकुल होना.
  • पानी से डर (हाईड्रोफोबिया)

कुत्ता काटने पर क्या करें

  • कुत्ते के काटने पर जख्म को जितना हो सके गुनगुने पानी से धोते रहें.
  • इसके अलावा घाव को कभी भी ढकें नहीं.
  • जख्म पर पट्टी नहीं करना चाहिए, और ना ही इसके लिए टांके लगवाएं.

शहर में आवारा कुत्तों को हटाने के लिए नगर निगम की तरफ से निरंतर अंतराल पर ड्राइव चलते रहते हैं. और नगर निगम का प्रयास रहता है कि जितना हो सके शहर में आवारा कुत्तों का आतंक कम हो. साथ ही लोगों को आवारा कुत्तों के कारण परेशानी का सामना ना करना पड़े.- इंद्रदीप चंद्रवंशी, सदस्य, सशक्त स्थाई समिति, पटना नगर निगम

कुत्तों के आतंक से परेशान लोग
कोरोना काल के बाद अनलॉक होने के बाद राजधानी पटना में जनजीवन फिर से सामान्य हो गया है. और चौक चौराहों पर खाद्य पदार्थों के ठेले पहले की तरह ही लगने शुरू हो गए हैं. ऐसे में जो इन ठेलों से खाद्य पदार्थ की गंदगी निकलती है, इसके आसपास काफी संख्या में आवारा कुत्ते मंडराते हैं. और कई बार यह लोगों को काट भी लेते हैं.

Last Updated : Mar 11, 2021, 3:35 PM IST
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