पटना: प्रवासियों के आगमन के बाद से लगातार बिहार में लगातार कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है. राज्य सरकार संक्रमण से निपटने का दावा कर रही है. लेकिन, कोरोनाकाल के बीच अब जलजमाव की परेशानी भी आन खड़ी हुई है. पटना का कोविड अस्पतालों में जलजमाव का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में फिलहाल सरकार के पास मुकम्मल रोडमैप भी नहीं है.
पिछले साल हुए जलजमाव और बाढ़ के कारण बिहार में काफी तबाही हुई थी. इस साल तो बिहार पहले ही कोरोना का प्रकोप झेल रहा है. संक्रमण का ताजा आंकड़ा 5 हजार 500 पार कर चुका है. सरकार और प्रशासन लगातार दावा कर रहा है कि स्थिति भयावह नहीं होगी लेकिन, बीते दिनों हुई हल्की बारिश ने ही जलजमाव के हालात पैदा कर दिए थे.
बिहार में मानसून की दस्तक
हर साल एनएमसीएच जलमग्न हो जाता है. हर साल की तरह अगर इस साल भी बारिश हुई तो अस्पताल परिसर के साथ-साथ कोरोना वार्ड भी जलमग्न होगा. बता दें कि मौसम विभाग ने आने वाले कुछ दिनों में मानसून की दस्तक की बात कही है.
'हालात के लिए पिछली सरकार जिम्मेदार'
बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने मौजूदा हालात को लेकर चिंता जाहिर की है. लेकिन, इसके लिए वे कांग्रेस की सरकार को दोषी मानते हैं. मंगल पांडे ने कहा कि कांग्रेस की सरकार अगर लोलैंड इलाके में अस्पताल नहीं बनाती तो आज यह नौबत नहीं आती. हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया है कि बिहार सरकार हालात से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.
एनएमसीएच अधीक्षक ने दी जानकारी
एनएमसीएच अस्पताल के अधीक्षक डॉ. निर्मल कुमार सिन्हा ने कहा है कि हम यह तो नहीं कह सकते कि अस्पताल परिसर और वार्ड में पानी नहीं आएगा. लेकिन, इस बार हम तैयार हैं. वार्ड में अगर पानी आएगा भी तो उसे जल्द बाहर निकाल दिया जाएगा. बढ़ते कोरोना आंकड़ों के साथ एनएमसीएच पर मरीजों का दवाब बढ़ेगा. फिलहाल, सरकार के पास वैसे हालात से निपटने के लिए कोई रोडमैप नहीं है.