पटना: लॉक डाउन के दौरान मनुष्य के लिए राहत शिविर चलाया जा रहा है. लेकिन स्ट्रीट डॉग्स और बेजुबान जानवरों के लिए सरकार या निजी संगठनों के तरफ से कोई पहल नहीं की गई है. लॉक डाउन के वजह से रेस्टोरेंट होटल बंद पड़े हैं. जिस वजह से स्ट्रीट डॉग्स के भोजन पर संकट मंडरा रहा है. ऐसे तो लॉक डाउन का असर हर किसी के जीवन पर पड़ा है. हर कोई कोई किसी न किसी तरह की परेशानी झेल रहा है. ऐसे में कई समाजसेवी जरुरतमंदों की मदद कर रहे हैं. कोई फूड पैकेट से मदद कर रहा है तो कोई माक्स बांटकर. लेकिन समाज में बेजुबान जानवर भी हैं जो ऐसी मदद की राह देख रहे हैं.
बेजुबानों की मदद के लिए आए आगे
पटना में एक और शख्स रोहित कुमार भी इन बेजुबानों की मदद के लिए आगे आए हैं. प्राइवेट नौकरी से अपना गुजर-बसर करने वाले रोहित को पशुओं से शुरू से ही दिलचस्पी रही है. वे उनका दर्द हमेशा से अपना समझते हैं और इसलिए इस मुसीबत की घड़ी में भी आम इंसान के साथ पशुओं की भी तकलीफ कम करने में जुटे हुए हैं. वे उन्हें खाना उपलब्ध करा रहे हैं. स्वास्थ्य की देखभाल भी कर रहे हैं रोहित और विवेक जैसे लोग हमारे समाज के समक्ष एक मिसाल कायम कर रहे हैं.
बेजुबान जानवरों के लिए अपने घरों में रखें रोटी
विवेक और विकास ने ईटीवी भारत के माध्यम से सभी लोगों से अपील की है कि बेजुबान जानवरों के लिए अपने घरों के बाहर एक रोटी जरूर निकालें. वहीं, इस बात से हम सभी वाकिफ हैं कि लॉक डाउन की अवधि बढ़ने की उम्मीद है. ऐसे में विवेक, विकास और रोहित का कार्य सराहनीय है. लेकिन ऐसे में जब तक सरकार और निजी संगठन इन बेजुबानों की मदद के लिए आगे नहीं आएगा तब तक यह समस्या और बड़ी बन सकती है.