पटना: बिहार में वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) की सही स्थिति का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सर्वे का काम चल रहा है. किस क्षेत्र में किस कम्युनिटी में वैक्सीनेशन की क्या स्थिति है? वैक्सीनेशन के फर्स्ट डोज और सेकेंड डोज की क्या स्थिति है? इन सब जानकारियों का सर्वे के माध्यम से पता लगाया जा रहा है. सर्वे के लिए पंचायत स्तर पर हर वार्ड में दो-दो आशा कार्यकर्ता को लगाया गया है. इसके साथ ही उनकी मॉनिटरिंग एनएम कर रही हैं.
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जब आशा कार्यकर्ता घर-घर जा रही है तो उन्हें लोगों के अजीब सवालों का सामना करना पड़ रहा है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक सर्वे के लिए लोग वैक्सीन नहीं लेने के लिए तरह-तरह के बहाने भी बना रहे हैं. लोग कोरोना के वैक्सीनेशन को लेकर तरह-तरह के सवाल पूछ रहे हैं. अधिकांश लोग सेकेंड डोज लेना नहीं चाह रहे हैं. इसके लिए तरह-तरह के बहाने बना रहे. इससे यह पता लग रहा है कि आखिर फर्स्ट डोज और सेकेंड डोज के बीच प्रदेश में इतना अंतर क्यों है? कई लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने अब तक वैक्सीन का एक भी डोज नहीं लिया है. वैक्सीनेशन के लिए सर्वे कर रही टीम को अजीब सवालों और बहाने का सामना करना पड़ रहा है.
पहला सवाल आशा कार्यकर्ताओं से लोग सबसे ज्यादा पूछ रहे हैं कि कहां है कोरोना? हवा हो गया कोरोना. अब क्यों लें टीका ? इसका जवाब आशा कार्यकर्ता अपने स्तर पर दे रही हैं.
दूसरा सवाल- एक ही डोज से हम ठीक हैं तो दूसरे की जरूरत क्यों? आशा कार्यकर्ता ऐसे लोगों को समझा रही हैं कि कोरोना से जंग लड़ने के लिए हम सभी को कोरोना का टीका लेना जरूरी है. जब तक एक टीका लिया है अधूरा ये दो डोज से ही पूरा होगा.
तीसरा सवाल- पहला डोज लेने पर बुखार आ गया था दूसरे पर आ गया तो? इस सवाल का जवाब सुनकर आशा कार्यकर्ता अपना माथा पकड़ ले रही हैं. जितना समझा रही हैं लोग उतना ही उलझाते जा रहे हैं.
चौथा सवाल- पहला डोज लेने पर शरीर में सुस्ती आ गई थी दूसरे डोज पर क्या होगा? आशा कार्यकर्ता से पूछा जाता है कि इम्यूनिटी बुस्ट करता है तो फिर सुस्ती क्यों आ रही है.
पांचवां सवाल- ये सवाल तो सबसे हैरान करने वाला है. आशा कार्यकर्ता जब टीका लगाने का आग्रह करती हैं तो लोग चुनाव बाद टीका लगवाने का हवाला देते हैं.
छठा सवाल- हमको घर आकर कोई टीका नहीं दिया.
सातवां सवाल- खेत में काम करना है हमारे पास समय नहीं है.
आठवां सवाल- अब तो कोरोना खत्म हो गया है. जब आएगा तब लिया जाएगा.
नौवां सवाल- हमको नहीं होगा कोरोना, वैक्सीन की जरूरत ही नहीं है.
दसवां सवाल- वैक्सीन लेने पर अगर कुछ हो गया तो..? ऐसे ऐसे सवालों से आशा कार्यकर्ता परेशान हैं. इन तमाम सवालों के बावजूद आशा कार्यकर्ता लोगों को कोरोना वैक्सीन के लिए जागरूक कर रही हैं और दोनों डोज लेने के लिए प्रेरित भी कर रही हैं.
पटना जिला सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने बताया कि सर्वे का काम लगभग पूरा हो चुका है. 1-2 ब्लॉक के कुछ वार्डों में थोड़ा बहुत सर्वे का काम अभी बचा हुआ है. जल्द ही पूरा होगा और 1 से 2 दिन में उसका आंकड़ा जब आ जाएगा. सभी रिपोर्ट को देखते हुए वैक्सीनेशन को लेकर आगे की प्लानिंग की जाएगी. यह तैयारी की जाएगी कि जिन लोगों ने अब तक पहला डोज नहीं लिया है उन्हें किस प्रकार पहला डोज लगवाया जाएगा और जिन लोगों के सेकेंड डोज ड्यू हैं उनका जल्द से जल्द वैक्सीनेशन कराया जाए.
सर्वे में यह पता लगाया जा रहा है कि पहला डोज लेने के बाद आखिर किस कारण से समय पर दूसरा डोज नहीं ले रहे हैं. अगर लोग खेत में व्यस्त होने का हवाला दे रहे हैं तो उन्हें जानकारी दिया जा रहा है कि सुबह 9 से रात 9 बजे तक वैक्सीनेशन सेंटर ब्लॉक में है. जिले में 24X7 वैक्सीनेशन सेंटर है. जहां खेत में काम करने के बाद वैक्सीनेशन करा सकते हैं. आशा कार्यकर्ता के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है. अगर दोनों डोज लें लेते हैं तो कोरोना से सुरक्षित रहेंगे और अगर कोरोना होगा भी तो संक्रमण गंभीर नहीं होगा और हॉस्पिटलाइज होने की नौबत नहीं आएगी.