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'नौकरी देना तो दूर हर महीने 1.3 करोड़ लोगों के रोजगार छीन रही सरकार'- तेजस्वी यादव का PM मोदी पर हमला

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Published : Jul 9, 2022, 4:33 PM IST

आर्थिक शोध संस्थान सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (CMIE) के आंकड़ों के मुताबिक देश में बेरोजगारी दर बढ़कर 7.80 प्रतिशत हो गयी है. 1.3 करोड़ लोगों को रोजगार से हाथ धोना (1.3 Crore People Unemployed Every Month) पड़ा है. इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है. पढ़ें पूरी खबर..

Tejashwi Yadav targets PM Modi over unemployment
Tejashwi Yadav targets PM Modi over unemployment

पटना: देश में बेरोजगारी दर जून में बढ़कर 7.80 प्रतिशत पर पहुंच गई. पिछले महीने विशेषकर कृषि क्षेत्र में 1.3 करोड़ लोगों को रोजगार (Unemployment Rate Increased In India) से हाथ धोना पड़ा, जिसके कारण बेरोजगारी बढ़ी है. इस पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav On Unemployment) ने हमला किया है. शनिवार को अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर के उन्होंने केन्द्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि नौकरी देने का सरकार ने जनता से वादा किया था लेकिन नौकरी देना तो दूर निक्कमी सरकार हर महीने 1.3 करोड़ लोगों के रोजगार छीन रही है.

पढ़ें- बेरोजगारी दर जून में बढ़कर 7.80 प्रतिशत दर्ज की गई: CMIE

सीएमआईई की रिपोर्ट खोल रही बेरोजगारी की पोल: बता दें कि आर्थिक शोध संस्थान सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (CMIE) के आंकड़ों के अनुसार, जून महीने में रोजगार में कमी से ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर बढ़कर 8.03 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो मई में 7.30 प्रतिशत थी. शहरी क्षेत्रों में स्थिति कुछ बेहतर रही और बेरोजगारी दर 7.3 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि मई में यह 7.12 प्रतिशत थी.

तेजस्वी का मोदी सरकार पर हमला: इस पर तेजस्वी ने कहा कि भाजपा ने बिहार में 19 लाख युवाओं को नौकरी देने वादा किया था. केंद्र सरकार ने प्रति वर्ष दो करोड़ नौकरी देने का वादा किया था.प्रधानमंत्री जी ने 2022 तक 80 करोड़ नौकरी/रोजगार देने का संकल्प लिया था. नौकरी देना तो दूर यह निकम्मी सरकार हर महीने 1.3 करोड़ लोगों का रोजगार छीन (Unemployment Rate Increased In Bihar) रही है.

'कृषि क्षेत्र में गतिविधियां सुस्त': सीएमआईई के प्रबंध निदेशक महेश व्यास ने कहा, 'बिना लॉकडाउन वाले महीने में रोजगार में इतनी कमी सबसे बड़ी गिरावट है. यह मुख्य रूप से गांवों में और मौसमी है. गांवों में कृषि क्षेत्र में गतिविधियां सुस्त हैं और जुलाई में बुवाई शुरू होने के साथ स्थिति पलटने की पूरी उम्मीद है.' उन्होंने कहा कि आलोच्य महीने में 1.3 करोड़ रोजगार घटे लेकिन बेरोजगारी में केवल 30 लाख का इजाफा हुआ. व्यास ने कहा कि अन्य कामगार श्रम बाजार से बाहर हुए. कार्यबल में एक करोड़ की कमी आई.

बेरोजगारी में हरियाणा अव्वल: जून में वेतनभोगी नौकरियों में कमी को लेकर भी चिंता बढ़ी है. सरकार ने सशस्त्र बलों की मांग को कम कर दिया और निजी इक्विटी-वित्त पोषित नौकरियों में अवसर भी कम होने लगे. केवल अच्छे मॉनसून से ये नौकरियां नहीं बच सकतीं. अर्थव्यवस्था को इस तरह की नौकरियों को बचाने और उत्पन्न करने के लिए निकट भविष्य में तेज गति से वृद्धि की जरूरत है. आंकड़ों के अनुसार, बेरोजगारी की सबसे ऊंची दर हरियाणा में 30.6 प्रतिशत रही. इसके बाद क्रमश: राजस्थान में 29.8 प्रतिशत, असम में 17.2 प्रतिशत, जम्मू-कश्मीर में 17.2 प्रतिशत और बिहार में 14 प्रतिशत रही.

पटना: देश में बेरोजगारी दर जून में बढ़कर 7.80 प्रतिशत पर पहुंच गई. पिछले महीने विशेषकर कृषि क्षेत्र में 1.3 करोड़ लोगों को रोजगार (Unemployment Rate Increased In India) से हाथ धोना पड़ा, जिसके कारण बेरोजगारी बढ़ी है. इस पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav On Unemployment) ने हमला किया है. शनिवार को अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर के उन्होंने केन्द्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि नौकरी देने का सरकार ने जनता से वादा किया था लेकिन नौकरी देना तो दूर निक्कमी सरकार हर महीने 1.3 करोड़ लोगों के रोजगार छीन रही है.

पढ़ें- बेरोजगारी दर जून में बढ़कर 7.80 प्रतिशत दर्ज की गई: CMIE

सीएमआईई की रिपोर्ट खोल रही बेरोजगारी की पोल: बता दें कि आर्थिक शोध संस्थान सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (CMIE) के आंकड़ों के अनुसार, जून महीने में रोजगार में कमी से ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर बढ़कर 8.03 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो मई में 7.30 प्रतिशत थी. शहरी क्षेत्रों में स्थिति कुछ बेहतर रही और बेरोजगारी दर 7.3 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि मई में यह 7.12 प्रतिशत थी.

तेजस्वी का मोदी सरकार पर हमला: इस पर तेजस्वी ने कहा कि भाजपा ने बिहार में 19 लाख युवाओं को नौकरी देने वादा किया था. केंद्र सरकार ने प्रति वर्ष दो करोड़ नौकरी देने का वादा किया था.प्रधानमंत्री जी ने 2022 तक 80 करोड़ नौकरी/रोजगार देने का संकल्प लिया था. नौकरी देना तो दूर यह निकम्मी सरकार हर महीने 1.3 करोड़ लोगों का रोजगार छीन (Unemployment Rate Increased In Bihar) रही है.

'कृषि क्षेत्र में गतिविधियां सुस्त': सीएमआईई के प्रबंध निदेशक महेश व्यास ने कहा, 'बिना लॉकडाउन वाले महीने में रोजगार में इतनी कमी सबसे बड़ी गिरावट है. यह मुख्य रूप से गांवों में और मौसमी है. गांवों में कृषि क्षेत्र में गतिविधियां सुस्त हैं और जुलाई में बुवाई शुरू होने के साथ स्थिति पलटने की पूरी उम्मीद है.' उन्होंने कहा कि आलोच्य महीने में 1.3 करोड़ रोजगार घटे लेकिन बेरोजगारी में केवल 30 लाख का इजाफा हुआ. व्यास ने कहा कि अन्य कामगार श्रम बाजार से बाहर हुए. कार्यबल में एक करोड़ की कमी आई.

बेरोजगारी में हरियाणा अव्वल: जून में वेतनभोगी नौकरियों में कमी को लेकर भी चिंता बढ़ी है. सरकार ने सशस्त्र बलों की मांग को कम कर दिया और निजी इक्विटी-वित्त पोषित नौकरियों में अवसर भी कम होने लगे. केवल अच्छे मॉनसून से ये नौकरियां नहीं बच सकतीं. अर्थव्यवस्था को इस तरह की नौकरियों को बचाने और उत्पन्न करने के लिए निकट भविष्य में तेज गति से वृद्धि की जरूरत है. आंकड़ों के अनुसार, बेरोजगारी की सबसे ऊंची दर हरियाणा में 30.6 प्रतिशत रही. इसके बाद क्रमश: राजस्थान में 29.8 प्रतिशत, असम में 17.2 प्रतिशत, जम्मू-कश्मीर में 17.2 प्रतिशत और बिहार में 14 प्रतिशत रही.

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