पटना: खरमास खत्म हो चुका है और बिहार की सियासत में आफत अंगड़ाई लेने लगी है. राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल के संकेत भी मिल रहे हैं. पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह पर कार्रवाई को लेकर राजद और जदयू में ठन (dispute between RJD JDU ) गई है. कोई भी दल अपने स्टैंड से पीछे हटने को तैयार नहीं है.
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राजद और जदयू के बीच तलवारें खींची: बिहार की जनता को खरमास खत्म होने का इंतजार रहता है. खरमास खत्म होने के बाद राज्य में राजनैतिक उलटफेर होते हैं. अपरिहार्य कारणों से महागठबंधन का मकर संक्रांति भोज स्थगित हो गया लेकिन विवादों का स्थगन नहीं हुआ है. राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड के बीच आर पार की लड़ाई है.
रामचरितमानस पर राजद और जदयू में ठनी: बिहार के अंदर महागठबंधन कठिन दौर से गुजर रही है. राजद और जदयू के बीच आर पार की लड़ाई छिड़ गई है. कोई भी दल अपने स्टैंड से पीछे हटने को तैयार नहीं है. तेजस्वी यादव के स्टैंड ने विवाद को और बढ़ा दिया है.
तेजस्वी यादव ने कही थी ये बात: तेजस्वी यादव ने रामचरितमानसे के विवादित बयान पर कहा था कि भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता यहां पर एजेंडा सेट कर रहे हैं. लेकिन, उससे कुछ होने वाला नहीं है. लोग जान रहे हैं कि किस तरह से भ्रम फैलाया जा रहा है. देश में सबसे बड़ा ग्रंथ संविधान है. यह बात सही है कि संविधान भी हमें सिखाता है कि सभी धर्म को सम भाव से देखना चाहिए. कुल मिलाकर तेजस्वी यादव ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को लेकर अपना स्टैंड क्लियर नहीं किया.
आरजेडी के इन दो नेताओं ने बढ़ाई मुसीबत: पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोल रहे हैं. व्यक्तिगत टिप्पणी से भी परहेज नहीं कर रहे हैं. एक ओर सुधाकर सिंह के बयानों पर ब्रेक नहीं लग पा रही है तो दूसरी तरफ शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह ने जदयू नेताओं को मुश्किल में डाल दिया है.
जदयू कर रही कार्रवाई की मांग: रामचरितमानस को विभाजनकारी करार देकर शिक्षा मंत्री ने जदयू के वोट बैंक को खतरे में डाल दिया है. शिक्षा मंत्री के बयान पर जदयू खेमे में नाराजगी है. उपेंद्र कुशवाहा, अशोक चौधरी, संजय सिंह और नीरज कुमार सरीखे नेताओं ने शिक्षा मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
तेजस्वी ने जदयू को किया नाउम्मीद: सबको इंतजार तेजस्वी यादव के लौटने का था. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पटना लौट चुके हैं. जदयू नेताओं को यह लग रहा था कि तेजस्वी यादव बड़बोले नेताओं पर कार्रवाई करेंगे लेकिन तेजस्वी ने भी पूरे मामले को उलझा दिया और कार्रवाई के मामले को एक तरीके से टाल दिया.
"किसी को भी रामचरितमानस पर सवाल खड़ा करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. हमें आश्चर्य है कि अब तक नीतीश कुमार ने शिक्षा मंत्री को हटाया क्यों नहीं है."- अश्विनी चौबे, केंद्रीय मंत्री
"शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह ने लोगों की भावनाओं को आहत किया है, उन्हें माफी मांगनी चाहिए. पार्टी इनके खिलाफ कार्रवाई भी करे."- अभिषेक झा, प्रवक्ता, जदयू
"महागठबंधन में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है. राजनीति कभी भी कोई भी करवट ले सकती है. एक ओर जदयू कार्रवाई की मांग पर अड़ी है तो दूसरी तरफ राजद कार्रवाई ना करने के जिद पर कायम है."- डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का विवादित बयान: शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस पर बोलते हुए कहा था, 'रामचरितमानस ग्रंथ समाज में नफरत फैलाने वाला है. यह समाज में दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है. उन्हें उनका हक दिलाने से रोकता है. मनुस्मृति ने समाज में नफरत का बीज बोया. मनुस्मृति को बाबा साहब अंबेडकर ने इसलिये जलाया क्योंकि वह दलितों और वंचितों के हक छीनने की बातें करती है.' शिक्षा मंत्री के इस बयान के बाद देश की राजनीति में खलबली मची है.