पटना: बिहार में जातीय जनगणना पर हाईकोर्ट की तरफ से रोक लगाए जाने के बाद बिहार में सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की मंशा ही नहीं थी गणना करवाने की. इस पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि सबको पता है यह जाति आधारित सर्वे था, जातीय जनगणना नहीं. ये लोग खुशी मना रहे हैं. अगर ये लोग सच में जाति आधारित जनगणना करवाने के पक्ष में हैं तो बीजेपी शासित राज्यों में गणना क्यों नहीं करवा रहे हैं?
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'सर्वे कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है': तेजस्वी यादव ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले को पहले सरकार पढ़ेगी, उसके बाद तय करेगी कि अगला कदम क्या होगा. सभी लोगों को यह पता था कि यह जाति आधारित गणना हो रही है ना कि कास्ट सेंसस हो रहा था. ये सरकार का आखिरी या पहला सर्वे नहीं है. इसे करवाने के लिए नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार प्रतिबद्ध है. तेजस्वी यादव ने इस गणना को बिहार की जनता के हित में बताया और कहा कि यह जनता की मांग थी कि सर्वे होना चाहिए.
इससे गरीबी दूर होती, पिछड़ापन दूर होता और समाज के अंतिम पायदान तक के लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिलता. हमारी सरकार यह काम पूरा करेगी. फिलहाल कोर्ट के डिटेल ऑर्डर का इंतजार है.- तेजस्वी यादव, डिप्टी सीएम, बिहार
'आज नहीं तो कल बिहार में होकर रहेगा': वहीं सम्राट चौधरी और तारकिशोर प्रसाद के हमले पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि पहले भी इस तरह की याचिका पर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई और हम लोग जाते रहे है. हमने पक्ष रखा था. तेजस्वी यादव ने कहा कि बिना आदेश पढ़े बीजेपी वाले बोल रहे हैं, यह लोग नहीं होने पर खुशी मना रहे हैं. बीजेपी के लोग कह रहे हैं कि वो चाहते हैं कि जनगणना हो लेकिन महागठबंधन की सरकार अच्छे से नहीं कर रही है तो बीजेपी शासित राज्यों में गणना शुरू करवाए. केंद्र सरकार ने क्यों मना कर दिया? किसी भी बीजेपी शासित राज्य में नहीं कराया गया. आज नहीं तो कल ये बिहार में होकर रहेगा.
पटना हाईकोर्ट ने लगाई रोक: बिहार में जातीय जनगणना पर पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. अब मामले की अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी. वहीं बीजेपी ने कोर्ट के आदेश को लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साधा है. तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि सरकार ने अपना पक्ष ठीक से नहीं रखा. वहीं सम्राट चौधरी ने कहा कि कोर्ट का यह फैसला सीएम नीतीश कुमार की गलती का नतीजा है.