पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में दाखिले को लेकर बड़ा फैसला लिया है. ओबीसी (OBC) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के छात्रों के लिए आरक्षण को मंजूरी मिल गई है. इसके तहत अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को 27 फीसदी और आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के छात्रों को 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा. इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा कि यह छात्रों के 4 साल के संघर्ष का नतीजा है.
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तेजस्वी यादव ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया है, लेकिन वास्तव में यह छात्रों के 4 सालों के संघर्ष का परिणाम है. तमाम छात्रों ने सड़कों पर आंदोलन किया है, जिसके बाद आखिरकार केंद्र सरकार को ये फैसला लेना पड़ा है.
"मेरा मानना है कि बीजेपी और आरएसएस के लोग आरक्षण के विरोधी हैं. अगर ये लोग सच में हितैषी होते तो 4 साल तक इसे रोक कर नहीं रखते. इस पर पहले ही फैसला कर देना चाहिए था. लोगों को अपने हक के लिए लड़ना पड़ा और अब उसी का नतीजा सामने है"- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ये ऐतिहासिक तब होगा, जब कि ओबीसी फेकल्टी में बैकलॉक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकारी की ओर से पूरा करा जाएगा. उन्होंने कहा कि असली ऐतिहासिक कदम तो तब होगा, जब जातीय जनगणना कराई जाएगी और लोगों को उनका वाजिब अधिकार मिलेगा.
आपको बताएं कि केंद्र के इस फैसले के बाद अब अंडरग्रैजुएट और पोस्टग्रैजुएट के सभी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में अखिल भारतीय कोटा योजना के तहत ओबीसी वर्ग के 27% और ईडब्ल्यूएस वर्ग के 10% छात्रों को आरक्षण मिलेगा.
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सरकार के इस निर्णय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, "हमारी सरकार ने वर्तमान शैक्षणिक वर्ष 2021-22 से अंडरग्रैजुएट और पोस्टग्रैजुएट मेडिकल, डेंटल कोर्स में ऑल इंडिया कोटे के अंतर्गत अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण प्रदान करने का ऐतिहासिक फैसला किया है." पीएम मोदी ने एक और ट्वीट कर लिखा, "हर साल इससे हमारे हज़ारों युवाओं को बेहतर अवसर प्राप्त करने के साथ ही यह देश में सामाजिक न्याय की एक नई मिसाल बनाएगा."