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तेजस्वी ने स्पीकर को बताया 'सरकार की कठपुतली' तो बोली BJP- बहुमत का कद्र नहीं करता विपक्ष - बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि स्पीकर महज नीतीश कुमार की कठपुतली बनकर रह गए हैं. सीएम जैसा चाहते हैं, वैसा होता है.

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Published : Jul 27, 2021, 10:01 PM IST

पटना: बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र (Monsoon Session) के दूसरे दिन विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. 23 मार्च की मारपीट की घटना के विरोध में तमाम विपक्षी सदस्यों ने एकजुट होकर सदन के बहिष्कार का निर्णय लिया है. वहीं बाहर निकलकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने स्पीकर विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) को 'सरकार की कठपुतली' करार दिया. उधर मंत्री प्रमोद कुमार (Pramod Kumar) ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष बहुमत का कद्र करना नहीं जानता.

ये भी पढ़ें- विपक्ष का 30 जुलाई तक सदन का बहिष्कार, अब आगे क्या? RJD विधायक दल की बैठक जारी

तेजस्वी यादव सदन से बाहर निकलकर मीडिया से बातचीत करते हुए काफी आक्रामक नजर आए. उन्होंने कहा कि हम सदन में बहस चाहते थे, लेकिन वहां विपक्षी सदस्यों की आवाज को दबाई जाती है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मैं कहना नहीं चाहता हूं लेकिन जो हालत स्पीकर की दिख रही है. उससे साफ लग रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष सरकार की कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

"हमने आसन पर विश्वास भी जताया, लेकिन अब कहीं न कहीं से हमको संदेह हो रहा है कि स्पीकर महोदय मात्र नीतीश कुमार की कठपुतली बनकर रह गए हैं. सीएम जैसा चाहते हैं, वैसा होता है. हमको ये बात नहीं कहना चाहिए, लेकिन अब ये बात आई है."- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष

ये भी पढ़ें- विपक्ष के सदन बहिष्कार पर भड़के नीरज, कहा- 'माफी मांगना तो तेजस्वी के DNA में है'

वहीं, बीजेपी नेता और सरकार के मंत्री प्रमोद कुमार ने विपक्ष पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि बिहार में बहुमत की सरकार है, लेकिन विपक्ष बहुमत का कद्र करना नहीं जानता है. तेजस्वी यादव भी नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाना नहीं जानते हैं. यही कारण है कि चर्चा करने के बजाय बहिष्कार का रास्ता अपनाते हैं.

"बहुत प्रतिपक्ष होते हैं, जो बात सरकार की सुनते हैं और उनके अंदर साहस होता है तो जवाब भी देते हैं. विधानसभा प्रक्रिया नियमावली है. जिसके अंदर साहस नहीं होता है, वह वाक आउट होकर चले जाते हैं "- प्रमोद कुमार, मंत्री

आपको बताएं कि सदन के अंदर मारपीट की घटना को लेकर विपक्ष के तेवर काफी तल्ख हैं. विपक्षी सदस्यों ने एकजुट होकर सदन के बहिष्कार का निर्णय लिया है. इनका साफ कहना है कि जबतक सरकार उनकी बात नहीं सुनेगी, सदन का बहिष्कार करेंगे. इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रस्ताव भी दिया था, लेकिन उनके प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया गया.

पटना: बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र (Monsoon Session) के दूसरे दिन विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. 23 मार्च की मारपीट की घटना के विरोध में तमाम विपक्षी सदस्यों ने एकजुट होकर सदन के बहिष्कार का निर्णय लिया है. वहीं बाहर निकलकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने स्पीकर विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) को 'सरकार की कठपुतली' करार दिया. उधर मंत्री प्रमोद कुमार (Pramod Kumar) ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष बहुमत का कद्र करना नहीं जानता.

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तेजस्वी यादव सदन से बाहर निकलकर मीडिया से बातचीत करते हुए काफी आक्रामक नजर आए. उन्होंने कहा कि हम सदन में बहस चाहते थे, लेकिन वहां विपक्षी सदस्यों की आवाज को दबाई जाती है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मैं कहना नहीं चाहता हूं लेकिन जो हालत स्पीकर की दिख रही है. उससे साफ लग रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष सरकार की कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

"हमने आसन पर विश्वास भी जताया, लेकिन अब कहीं न कहीं से हमको संदेह हो रहा है कि स्पीकर महोदय मात्र नीतीश कुमार की कठपुतली बनकर रह गए हैं. सीएम जैसा चाहते हैं, वैसा होता है. हमको ये बात नहीं कहना चाहिए, लेकिन अब ये बात आई है."- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष

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वहीं, बीजेपी नेता और सरकार के मंत्री प्रमोद कुमार ने विपक्ष पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि बिहार में बहुमत की सरकार है, लेकिन विपक्ष बहुमत का कद्र करना नहीं जानता है. तेजस्वी यादव भी नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाना नहीं जानते हैं. यही कारण है कि चर्चा करने के बजाय बहिष्कार का रास्ता अपनाते हैं.

"बहुत प्रतिपक्ष होते हैं, जो बात सरकार की सुनते हैं और उनके अंदर साहस होता है तो जवाब भी देते हैं. विधानसभा प्रक्रिया नियमावली है. जिसके अंदर साहस नहीं होता है, वह वाक आउट होकर चले जाते हैं "- प्रमोद कुमार, मंत्री

आपको बताएं कि सदन के अंदर मारपीट की घटना को लेकर विपक्ष के तेवर काफी तल्ख हैं. विपक्षी सदस्यों ने एकजुट होकर सदन के बहिष्कार का निर्णय लिया है. इनका साफ कहना है कि जबतक सरकार उनकी बात नहीं सुनेगी, सदन का बहिष्कार करेंगे. इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रस्ताव भी दिया था, लेकिन उनके प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया गया.

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