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महिलाओं को जो जिम्मेदारी दी जाती है वो बखूबी निभाती हैं: महिला दिवस पर तेजस्वी यादव

बिहार विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. इस दौरान अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के प्रसंग पर नेता प्रतिपक्ष को बोलने का मौका मिला. उन्होंने सदन में अपनी बात रखी. तेजस्वी ने कहा कि उन्हें गर्व की है कि मां राबड़ी देवी बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री रही हैं. पढ़ें रिपोर्ट.

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव
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Published : Mar 8, 2022, 4:54 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा का बजट सत्र (Budget Session of Bihar Assembly) चल रहा है. मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर अपनी बात रखी (Tejashwi Yadav on International Womens Day). उन्होंने एक दिन की विधानसभा अध्यक्ष बनी बाराचट्टी विधायक ज्योति देवी और मां राबड़ी देवी के बारे में भी बातें की. उनके बोलने से पहले ही कांग्रेस के सदस्य द्वारा महिलाओं पर टिप्पणी करने को लेकर हंगामा भी हुआ.

यह भी पढ़ें- महिला दिवस पर मांझी की समधन ज्योति देवी बनीं एक दिन की स्पीकर, सदन में महिला सदस्यों ने दिए सवालों के जवाब

महिला दिवस के प्रसंग पर बोले नेता प्रतिपक्षः नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि मुझे गर्व है कि मेरी मां बिहार की पहली मुख्यमंत्री रही हैं. आप भी सदन का डिबेट बखूबी चला रही हैं. इससे साबित होता है कि महिलाओं को जो जिम्मेदारी दी जाती है, वे उसी बखूबी निभाती हैं. बिहार की पहली महिला उपमुख्यमंत्री होने के नाते मैं रेणू देवी को बधाई देता हूं. वे अभी बात ही कर रहे थे कि सताधारी नेता अपनी सीट से खड़े होकर हंगामा करने लगे.

विपक्षी दल के नेता करने लगे हंगामाः हंगामा देख विधानसभा अध्यक्ष बनी ज्योति देवी ने पहले तो सत्ताधारी नेता से कहा, कृप्या बैठ जाएं.. नेता प्रतिपक्ष बोल रहे हैं. दो से तीन बार बोलने के बाद भी जब सत्ता पक्ष के सदस्य नहीं बैठे तो उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को बैठने को कहा. इतने में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बस अपनी बात समाप्त कर दूं. लेकिन फिर भी अध्यक्षा ने उनसे बैठने को कह दिया. उसके बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि मैं बैठ जाऊंगा तो मेरे सारे सदस्य खड़े हो जाएंगे. हुआ भी ऐसा ही. उसके बाद सत्तापक्ष और विपक्ष के नेता खड़े होकर हंगामा करने लगे.

कार्यवाही महिलाओं के नाम रहीः आपको बताएं कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Womens Day) के मौके पर मंगलवार को बिहार विधानसभा की कार्यवाही महिलाओं के नाम रही. सदन की कार्यवाही शुरू होने से लेकर समापन तक महिलाओं को वरीयता दी गई है. सदन की दूसरी पाली में बिहार विधानसभा की कार्यवाही के दौरान हम की विधायक ज्योति देवी (Jitan Ram Manjhi Samdhan Jyoti Devi) को अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाया गया. ज्योति देवी पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की समधन हैं. बता दें कि विधानसभा चुनाव के बाद अध्यक्ष का चुनाव होने तक जीतन राम मांझी भी प्रोटेम स्पीकर रह चुके हैं. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस होने के कारण चर्चा में विपक्ष और सत्ता पक्ष की तरफ से महिलाएं ही भाग ले रही हैं.

मांझी की समधन बनीं स्पीकर: दरअसल, विधानसभा संचालन के पहले दिन ही कार्य मंत्रणा की बैठक में तय हो जाता है कि सदन की कार्यवाही चलाने के लिए किस-किस दल से कौन-कौन लोग पीठासीन पदाधिकारी के तौर पर आसन चलाएंगे. इसमें ज्योति देवी का नाम था. अध्यक्ष ने अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए ज्योति देवी को आसन पर बैठाया. इससे पहले सदन की सहमति ली गई थी. ज्योति देवी बाराचट्टी विधानसभा से विधायक हैं. ज्योति देवी वरिष्ठ सदस्य हैं इसलिए उनको आसन में बैठाया गया.

ज्योति देवी ने सदन में कहा: सदन की कार्यवाही के दौरान ज्योति देवी बतौर विधानसभा अध्यक्ष अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाती नजर आईं. महिला विधायक द्वारा जब अपनी बात रखी जा रही थी, उसी दौरान विपक्ष ने बोलना शुरू कर दिया. इस पर ज्योति देवी ने कहा कि कृप्या बीच में मत बोलिए. कम से कम आज तो महिलाओं को छूट दे दीजिए. रोज तो आप लोग बोलते ही हैं. आज कम से कम महिलाओं को पूरा समय बोलने दीजिए. बीच में टोका टोकी कीजिएगा तो यही समझा जाएगा कि यहां भी शोषण है. इसलिए आपलोग कोई टोका टोकी नहीं करेंगे.

शकील अहमद के बयान से हंगामा: हालांकि सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायक शकील अहमद के बयान से हंगामा भी हुआ. शकील अहमद ने सदन में कहा कि ढोल पशु शुद्र नारी ये हैं ताड़न के अधिकारी.. इस बयान के बाद उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने इसका विरोध किया. महिला दिवस के मौके पर इस तरह के बयान के बाद सभी दल की महिला सदस्यों ने इसका जमकर विरोध किया. हालांकि विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने सभी महिलाओं को अपने स्थान पर बैठने का निर्देश दिया. इसके बाद उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना की. यह महाग्रंथ है. पूरे वैश्विक स्तर के लोगों की इसमें आस्था है. सदन में उसके एक चौपाई को गलत ढंग से प्रस्तुत करना उचित नहीं है. किसी के धार्मिक भावना को आहत करना दुर्भाग्यपूर्ण है. यह कार्यवाही का हिस्सा नहीं होगा.

महिलाओं के लिए विशेष आरक्षण की मांग: साथ ही कार्यवाही के दौरान स्थानीय निकायों की तर्ज पर विधानमंडल और लोकसभा व राज्यसभा में भी 50 फीसदी आरक्षण की मांग महिला विधायकों ने उठायी. राजद विधायक अनीता देवी (RJD MLA Anita Devi) और किरण देवी ने कहा महिलाओं को आरक्षण मिलना चाहिए. इस दौरान राजद की महिला विधायकों ने राबड़ी देवी के मुख्यमंत्री के रूप में किये कार्य का भी जिक्र किया. तो वहीं कांग्रेस की विधायक प्रतिमा देवी ने कहा कि हर जिले में महिला हॉस्टल बने साथ ही विधानसभा और विधान परिषद में महिलाओं के लिए विशेष आरक्षण हो.

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस: बता दें कि महिलाओं को मान-सम्मान देने के लिए हर साल 8 मार्च को इंटरनेशनल विमेंस डे के रूप में मनाया जाता है. इस दिन महिलाओं की उपलब्धियों और के लिए इसका जश्न मनाया जाता है. इस खास दिन को मनाने का मकसद उन महिलाओं की उपलब्धियों, उनके जज्बे, उनकी ऐतिहासिक यात्राओं और उनके जीवन को याद करना हैं. पहला आधिकारिक अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 1975 में मनाया गया था जब इसे संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा मान्यता दी गई थी.

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पटना: बिहार विधानसभा का बजट सत्र (Budget Session of Bihar Assembly) चल रहा है. मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर अपनी बात रखी (Tejashwi Yadav on International Womens Day). उन्होंने एक दिन की विधानसभा अध्यक्ष बनी बाराचट्टी विधायक ज्योति देवी और मां राबड़ी देवी के बारे में भी बातें की. उनके बोलने से पहले ही कांग्रेस के सदस्य द्वारा महिलाओं पर टिप्पणी करने को लेकर हंगामा भी हुआ.

यह भी पढ़ें- महिला दिवस पर मांझी की समधन ज्योति देवी बनीं एक दिन की स्पीकर, सदन में महिला सदस्यों ने दिए सवालों के जवाब

महिला दिवस के प्रसंग पर बोले नेता प्रतिपक्षः नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि मुझे गर्व है कि मेरी मां बिहार की पहली मुख्यमंत्री रही हैं. आप भी सदन का डिबेट बखूबी चला रही हैं. इससे साबित होता है कि महिलाओं को जो जिम्मेदारी दी जाती है, वे उसी बखूबी निभाती हैं. बिहार की पहली महिला उपमुख्यमंत्री होने के नाते मैं रेणू देवी को बधाई देता हूं. वे अभी बात ही कर रहे थे कि सताधारी नेता अपनी सीट से खड़े होकर हंगामा करने लगे.

विपक्षी दल के नेता करने लगे हंगामाः हंगामा देख विधानसभा अध्यक्ष बनी ज्योति देवी ने पहले तो सत्ताधारी नेता से कहा, कृप्या बैठ जाएं.. नेता प्रतिपक्ष बोल रहे हैं. दो से तीन बार बोलने के बाद भी जब सत्ता पक्ष के सदस्य नहीं बैठे तो उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को बैठने को कहा. इतने में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बस अपनी बात समाप्त कर दूं. लेकिन फिर भी अध्यक्षा ने उनसे बैठने को कह दिया. उसके बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि मैं बैठ जाऊंगा तो मेरे सारे सदस्य खड़े हो जाएंगे. हुआ भी ऐसा ही. उसके बाद सत्तापक्ष और विपक्ष के नेता खड़े होकर हंगामा करने लगे.

कार्यवाही महिलाओं के नाम रहीः आपको बताएं कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Womens Day) के मौके पर मंगलवार को बिहार विधानसभा की कार्यवाही महिलाओं के नाम रही. सदन की कार्यवाही शुरू होने से लेकर समापन तक महिलाओं को वरीयता दी गई है. सदन की दूसरी पाली में बिहार विधानसभा की कार्यवाही के दौरान हम की विधायक ज्योति देवी (Jitan Ram Manjhi Samdhan Jyoti Devi) को अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाया गया. ज्योति देवी पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की समधन हैं. बता दें कि विधानसभा चुनाव के बाद अध्यक्ष का चुनाव होने तक जीतन राम मांझी भी प्रोटेम स्पीकर रह चुके हैं. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस होने के कारण चर्चा में विपक्ष और सत्ता पक्ष की तरफ से महिलाएं ही भाग ले रही हैं.

मांझी की समधन बनीं स्पीकर: दरअसल, विधानसभा संचालन के पहले दिन ही कार्य मंत्रणा की बैठक में तय हो जाता है कि सदन की कार्यवाही चलाने के लिए किस-किस दल से कौन-कौन लोग पीठासीन पदाधिकारी के तौर पर आसन चलाएंगे. इसमें ज्योति देवी का नाम था. अध्यक्ष ने अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए ज्योति देवी को आसन पर बैठाया. इससे पहले सदन की सहमति ली गई थी. ज्योति देवी बाराचट्टी विधानसभा से विधायक हैं. ज्योति देवी वरिष्ठ सदस्य हैं इसलिए उनको आसन में बैठाया गया.

ज्योति देवी ने सदन में कहा: सदन की कार्यवाही के दौरान ज्योति देवी बतौर विधानसभा अध्यक्ष अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाती नजर आईं. महिला विधायक द्वारा जब अपनी बात रखी जा रही थी, उसी दौरान विपक्ष ने बोलना शुरू कर दिया. इस पर ज्योति देवी ने कहा कि कृप्या बीच में मत बोलिए. कम से कम आज तो महिलाओं को छूट दे दीजिए. रोज तो आप लोग बोलते ही हैं. आज कम से कम महिलाओं को पूरा समय बोलने दीजिए. बीच में टोका टोकी कीजिएगा तो यही समझा जाएगा कि यहां भी शोषण है. इसलिए आपलोग कोई टोका टोकी नहीं करेंगे.

शकील अहमद के बयान से हंगामा: हालांकि सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायक शकील अहमद के बयान से हंगामा भी हुआ. शकील अहमद ने सदन में कहा कि ढोल पशु शुद्र नारी ये हैं ताड़न के अधिकारी.. इस बयान के बाद उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने इसका विरोध किया. महिला दिवस के मौके पर इस तरह के बयान के बाद सभी दल की महिला सदस्यों ने इसका जमकर विरोध किया. हालांकि विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने सभी महिलाओं को अपने स्थान पर बैठने का निर्देश दिया. इसके बाद उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना की. यह महाग्रंथ है. पूरे वैश्विक स्तर के लोगों की इसमें आस्था है. सदन में उसके एक चौपाई को गलत ढंग से प्रस्तुत करना उचित नहीं है. किसी के धार्मिक भावना को आहत करना दुर्भाग्यपूर्ण है. यह कार्यवाही का हिस्सा नहीं होगा.

महिलाओं के लिए विशेष आरक्षण की मांग: साथ ही कार्यवाही के दौरान स्थानीय निकायों की तर्ज पर विधानमंडल और लोकसभा व राज्यसभा में भी 50 फीसदी आरक्षण की मांग महिला विधायकों ने उठायी. राजद विधायक अनीता देवी (RJD MLA Anita Devi) और किरण देवी ने कहा महिलाओं को आरक्षण मिलना चाहिए. इस दौरान राजद की महिला विधायकों ने राबड़ी देवी के मुख्यमंत्री के रूप में किये कार्य का भी जिक्र किया. तो वहीं कांग्रेस की विधायक प्रतिमा देवी ने कहा कि हर जिले में महिला हॉस्टल बने साथ ही विधानसभा और विधान परिषद में महिलाओं के लिए विशेष आरक्षण हो.

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस: बता दें कि महिलाओं को मान-सम्मान देने के लिए हर साल 8 मार्च को इंटरनेशनल विमेंस डे के रूप में मनाया जाता है. इस दिन महिलाओं की उपलब्धियों और के लिए इसका जश्न मनाया जाता है. इस खास दिन को मनाने का मकसद उन महिलाओं की उपलब्धियों, उनके जज्बे, उनकी ऐतिहासिक यात्राओं और उनके जीवन को याद करना हैं. पहला आधिकारिक अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 1975 में मनाया गया था जब इसे संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा मान्यता दी गई थी.

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