पटना: बीपीएससी पीटी परीक्षा में पेपर लीक होने के बाद रद्द कर दिया गया है लेकिन इस पर सियासत शुरू है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने 67वीं बीपीएससी परीक्षा पेपर लीक (67th BPSC Paper Leak) मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav On BPSC Paper Leak) ने कहा कि पेपर लीक होना दुर्भाग्यपूर्ण है, निंदनीय है. हम सबको छात्रों के साथ जो भी हुआ उसका दर्द है. जब बीपीएससी का पेपर लीक हो रहा है तो कल्पना कीजिए कि और संस्थानों का क्या हाल होगा.
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'दोषीयों पर कार्रवाई करे सरकार': तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार बोर्ड का भी प्रश्न पत्र लीक होता है. हम लोगों ने कई बार सदन में भी इस मामले को उठाया है लेकिन सरकार में बैठे लोग ध्यान नहीं देते हैं. निश्चित तौर पर बिहार के नौजवानों, छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. जो भी दोषी हैं टीम गठित कर कार्रवाई करनी चाहिए दोषियों को सजा देनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी गलती फिर से ना हो.
'दूर दराज से छात्र परीक्षा देने आए थे. ऐसे छात्रों को सरकार 5000 रुपये अविलंब मुआवजा देने का काम करे. बीपीएससी का नाम ही बदल देना चाहिए. हमने तो पहले भी कहा था बिहार राज्य लीक आयोग के नाम से इसका नाम रख देना चाहिए. बीपीएससी की कोई भी परीक्षा शेड्यूल पर नहीं होती है. बार-बार रद्द कर दिया जाता है. अब तो परीक्षा प्रश्न पत्र ही लीक हो गया. इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है. इससे बड़ी दुखद घटना क्या हो सकती है. सिस्टम में कोई ना कोई आदमी बैठा है जो बार-बार इस तरह की घटना को अंजाम दे रहा है.'- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष
'बीजेपी की नजर में यही है विकास की परिभाषा': उन्होंने कहा कि हमने सरकार को पहले भी कहा है और अब भी कह रहे हैं सुधर जाइए वरना देश के नौजवान देख रहे हैं और इसका अंजाम बुरा होगा. जब तेजस्वी से पूछा गया कि सीएम को घटना की जानकारी ही नहीं थी इसपर उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जानकारी किस चीज की होनी चाहिए, सभी को सब पता रहता है. यह सब कुछ दर्शाता है कि सरकार इस सवाल के प्रति गंभीर नहीं है. वह अपनी चिंता में है. बिहार के नौजवानों के भविष्य बर्बाद होने की कोई चिंता नहीं है जबकि सरकार में दो-दो उपमुख्यमंत्री भी हैं. बिहार और केंद्र में दोनों जगह इनकी सरकार हैं. यही न्यू इंडिया बना? यही न्यू बिहार बना? देश में महंगाई, बेरोजगारी, अपराध भ्रष्टाचार, पेपर लीक ये बीजेपी की नजर में विकास होता है. विकास की सही परिभाषा डबल इंजन वालों के लिए शायद यही है.
परीक्षा से पहले पेपर हुआ था वायरल: गौरतलब है कि पटना में 55,710 परीक्षार्थियों के लिए 83 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. 802 पदों के लिए पहली बार रिकार्ड छह लाख से अधिक आवेदन परीक्षा के लिए आए थे. परीक्षा दोपहर 12 बजे से दो बजे तक आयोजित हुई. आयोग के संयुक्त सचिव सह परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार ने बताया कि इस परीक्षा के लिए 6,02,221 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था. सभी परीक्षा केंद्रों पर जिला प्रशासन की ओर से धारा 144 लागू की गई थी. बहरहाल, पेपर रद्द होने के चलते छात्रों में मायूसी है. अभ्यर्थी पेपर लीक मामले में आयोग को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं. प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने पर अभ्यर्थियों ने रोष जताया है.
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