पटना: बिहार में नई सरकार को बने हुए एक महीना बीत चुका है. सुशासन का दावा करने वाले सीएम नीतीश कुमार के लिए सबसे बड़ी चुनौती राज्य की कानून व्यवस्था ही बनी हुई है. नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कानून व्यवस्था के मुद्दे पर घेरा है.
तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा- 'मुख्यमंत्री जी, विपक्ष के तर्क व तथ्यपूर्ण सवालों का कभी भी उत्तर नहीं देते क्योंकि उनके पास जवाब ही नहीं होता. अगर विपक्ष का जवाब देने में किसी प्रकार की बची-खुची प्रतिष्ठा का क्षरण होता है तो अपने सबसे बड़े सहयोगी और उनके मंत्रियों की शंकाओं का ही लोकहित में जवाब दे दीजिये.'
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मुख्यमंत्री जी, विपक्ष के तर्क व तथ्यपूर्ण सवालों का कभी भी उत्तर नहीं देते क्योंकि उनके पास जवाब ही नहीं होता। अगर विपक्ष का जवाब देने में किसी प्रकार की बची-खुची प्रतिष्ठा का क्षरण होता है तो अपने सबसे बड़े सहयोगी और उनके मंत्रियों की शंकाओं का ही लोकहित में जवाब दे दिजीए।
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— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 16, 2020मुख्यमंत्री जी, विपक्ष के तर्क व तथ्यपूर्ण सवालों का कभी भी उत्तर नहीं देते क्योंकि उनके पास जवाब ही नहीं होता। अगर विपक्ष का जवाब देने में किसी प्रकार की बची-खुची प्रतिष्ठा का क्षरण होता है तो अपने सबसे बड़े सहयोगी और उनके मंत्रियों की शंकाओं का ही लोकहित में जवाब दे दिजीए।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 16, 2020
इससे पहले तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा- 'डकैती, झूठ, लूट, छल, प्रपंच और फ़रेब से बनी बिहार सरकार को आज एक महीना हो गया है. सरकार में दो उपमुख्यमंत्री और सबसे अधिक मंत्री, विधायक वाली BJP के MP, MLA और मंत्री ही प्रतिदिन अपनी लुटेरी सरकार, CM और पार्टी पर सवाल उठाते है.'
लॉ एंड ऑर्डर पर मुख्यमंत्री की बैठक
बता दें कि बीते एक महीने में मुख्यमंत्री ने तीन बार कानून व्यवस्था मामले पर समीक्षा बैठक की. लेकिन बीते महीने में शायद ही कोई दिन हो जिस दिन राज्य के किसी न किसी जिले में हत्या या लूट का मामला नहीं हुआ. अब इस मामले पर राजनीति भी गरमाने लगी है. कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष आमने सामने है.
तीन बार हुई लॉ एंड आर्डर पर बैठक
28 नवंबर : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली बार कानून व्यवस्था पर बैठक बुलाई थी. नीतीश कुमार ने बैठक में अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा था कि हर हाल में कानून व्यवस्था बनाए रखें. किसी भी स्तर पर किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी.
9 दिसंबर : नीतीश कुमार ने दूसरी बार कानून व्यवस्था पर बैठक बुलाई और अधिकारियों को पेशेवर अपराधियों पर सख्ती बरतने के निर्देश दिए.
12 दिसंबर : नीतीश कुमार ने तीसरी समीक्षा बैठक बुलाई और अपराध नियंत्रण के लिए पदाधिकारी को मजबूती से काम करने का फिर से निर्देश दिया.