पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार पिछले 15 वर्षो में तरक्की की जगह बर्बादी की ओर बढ़ता गया. उन्होंने नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 'उनके पास सभी समस्याओं का एक ही नुस्खा है कि सभी समस्याओं को भगवान के भरोसे छोड़ दो, कुछ दिन में अपने आप समाप्त हो जाएगा.'
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी ने राजद कार्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि आज भी बाढ़ जैसी विभीषिका अगर तबाही मचाती है तो उसके जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ नीतीश कुमार हैं. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि अगर मानसून हर साल एक ही समय पर आता है तो आखिर सरकार इसकी पहले से तैयारी क्यों नहीं करती है?
तेजस्वी ने कहा कि बिहार बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित होता है, लेकिन यहां बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई का प्रति व्यक्ति खर्च औसत 104.40 रुपये होता है, जबकि राष्ट्रीय औसत 199.20 रुपये है.
तेजस्वी का नीतीश सरकार पर आरोप
राजद नेता ने आरोप लगाया कि साल दर साल हजारों करोड़ रुपये नीतीश सरकार बाढ़ के नाम पर डकार जाती है, लेकिन इसके नियंत्रण और रोकथाम पर अभी तक एक भी प्रभावी काम नहीं कर पाई है.
'बिहार में 15 वर्ष में एक भी तटबंध नहीं बना'
तेजस्वी ने आगे कहा, 'अपने पंद्रह वर्ष के शासन काल में नीतीश जी ने एक भी नया तटबंध, डैम या बराज नहीं बनवाया, जिससे बाढ़ के खतरे और उसके कारण नुकसान को कम किया जा सके.'
'नीतीश कुमार के पास एक अजीबोगरीब नुस्खा है'
उन्होंने कहा, 'नीतीश कुमार के पास एक अजीबोगरीब नुस्खा है. सभी समस्याओं को भगवान भरोसे छोड़ दो. कोई भी परेशानी, चाहे वो बाढ़ हो या कोरोना हो, अपने आप समाप्त हो जाएगा.'
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के 6 महीने गुजर जाने के बाद भी बिहार सरकार गंभीर नहीं हुई है. बिहार संक्रमण के मामले में अब भी देश में आगे है. अगर सिर्फ अगस्त महीने की बात करें तो अभी तक 28 दिनों में 79,861 नए मरीज मिले हैं और 376 लोगों की मौत हुई है. उन्होंने नीतीश सरकार से सवाल करते हुए कहा, 'बाढ़ रिलीफ फंड में कितने पैसे मिले और उनका खर्च कहां किया गया.'