पटना: राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) द्वारा राजद के युवा प्रदेश अध्यक्ष को हटाए जाने के मामले को लेकर तेजप्रताप यादव (Tej Pratap yadav) नाराज हो गए हैं. तेजप्रताप यादव ने सीधे तौर पर जगदानंद सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और मेरे बीच लड़ाई लगवा रहे हैं. भाई भाई के बीच जगदानंद सिंह झगड़ा लगाने का काम कर रहे हैं और इस काम का इनाम उन्हें भगवान देंगे.
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तेजप्रताप यादव ने कहा कि जगदानंद सिंह पोस्टर लगाने और हटवाने का काम करते हैं. इसी राजनीति में उनका पूरा जीवन बीता है. तेज प्रताप यादव ने इससे पहले ट्वीट करके अपना विरोध जताया. उन्होंने कहा कि जिन प्रवासी लोगों से तमाम सलाह ली गई है उनसे पार्टी के हित के बारे में भी जानकारी ले ली जाती. तेजप्रताप ने आकाश को हटाने के फैसले को पार्टी के संविधान के खिलाफ बताया. उन्होंने कहा कि बिना नोटिस दिए किसी को पद से नहीं हटाया जा सकता.
आपको बता दें कि तेजप्रताप यादव लगातार जगदानंद सिंह पर आरोप लगाते रहे हैं. यहां तक कि जगदानंद सिंह पर पार्टी कार्यालय का गेट बंद करवाने से लेकर उनके आने पर पार्टी कार्यालय में सम्मान नहीं देने तक का आरोप लगा चुके हैं. युवा सम्मेलन के दौरान तेजप्रताप यादव ने कहा था कि जब हमारे पिताजी थे तो गेट खुला रहता था, लेकिन जबसे जगदानंद चाचा आए हैं पार्टी कार्यालय का गेट बंद करा देते हैं.
इसीलिए अब हम बीच में आ गए हैं. हालांकि सार्वजनिक मंच से जिस तरीके से तेजप्रताप यादव जगदानंद सिंह के बारे में अपनी बात रखते थे उससे एक बात तो साफ होने लगी थी कि इस पर कोई ना कोई बड़ी राजनीतिक प्रक्रिया होगी.
दरअसल, तेजप्रताप यादव का पोस्टर राजद कार्यालय के बाहर लगा था. बैठक से ज्यादा इस पोस्टर की चर्चा हुई, क्योंकि तेजस्वी यादव पोस्टर में नहीं दिख रहे थे. हालांकि इस पर तेजप्रताप यादव ने सफाई दी थी कि यह कोई मुद्दा नहीं है. अब फिर ये पोस्टर चर्चा में है, क्योंकि पोस्टर पर कालिख पोत दी गई है. आकाश यादव के मुंह पर कालिख पोती गई थी.
आपको बताएं कि पटना में आयोजित छात्र आरजेडी की बैठक के दौरान तेजप्रताप यादव ने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर हमला बोलते हुए कहा था, 'जगदानंद सिंह हिटलर शाही चला रहे हैं और पार्टी में मनमानी कर रहे हैं. वह कुर्सी को अपनी बपौती समझ रहे हैं, जबकि कुर्सी किसी की नहीं होती है, कब किसकी कुर्सी चली जाए कोई ठिकाना नहीं होता है.'
माना जा रहा है कि तेजप्रताप के इस बयान के बाद से जगदानंद सिंह काफी नाराज हुए. उसी दिन से उन्होंने पार्टी कार्यालय भी आना बंद कर दिया था. यहां तक कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी झंडा फहराने के लिए पार्टी दफ्तर नहीं पहुंचे थे. जिस वजह से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने झंडोत्तोलन किया था, जबकि पार्टी की स्थापना के बाद से प्रदेश अध्यक्ष ही झंडा फहराते रहे हैं. हालांकि 11 दिन बाद बुधवार को राबड़ी आवास में तेजस्वी से मुलाकात के बाद वह पार्टी दफ्तर पहुंचे.
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