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जनशक्ति यात्रा के जरिए 'शक्ति' दिखाना चाहते हैं तेजप्रताप, RJD के सपोर्ट के बिना युवाओं में पैठ बनाने की कोशिश

राष्‍ट्रीय जनता दल से इस्‍तीफा देने की घोषणा कर चुके आरजेडी नेता तेजप्रताप यादव (RJD Leader Tej Pratap Yadav) ने एक मई से 'जनशक्ति यात्रा' की शुरुआत कर दी है. इसके जरिए उनकी कोशिश है कि अधिक से अधिक लोगों का समर्थन हासिल करना. खास बात ये है कि उनकी इस यात्रा में पार्टी का कोई योगदान नहीं है. हालांकि करीबियों का कहना है कि अगर कोई साथ आना चाहे तो हमलोग उनका स्वागत करेंगे.

तेजप्रताप यादव की जनशक्ति यात्रा
तेजप्रताप यादव की जनशक्ति यात्रा
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Published : May 2, 2022, 7:36 PM IST

पटना: सूबे की सियासत में अपना अलग स्थान रखने वाले आरजेडी नेता तेजप्रताप यादव (RJD Leader Tej Pratap Yadav) एक बार फिर से चर्चा में इसकी वजह है उनकी जनशक्ति यात्रा. दरअसल तेजप्रताप ने मजदूर दिवस के अवसर पर जनशक्ति यात्रा की शुरुआत की है. यह यात्रा राजधानी पटना से शुरू हुई है और राज्य के सभी हिस्सों में आयोजित की जाएगी. इसकी सबसे बड़ी बात यह कि इस यात्रा को तेजप्रताप अकेले अपने दम पर कर रहे हैं. इसमें राष्ट्रीय जनता दल का कोई सपोर्ट नहीं है. हालांकि छात्र जनशक्ति परिषद (Chhatra Janshakti Parishad) के लोगों का कहना है कि अगर कोई पार्टी पदाधिकारी या नेता इस यात्रा से जुड़ना चाहते हैं तो वह साथ आ सकते हैं. किसी के लिए कोई रुकावट नहीं है.

ये भी पढ़ें: जनशक्ति यात्रा पर तेजप्रताप: दलित के घर खाया खाना.. किसानों-मजदूरों को किया सम्मानित

मूल जरूरतों को लेकर जनता से सीधा सरोकार: जनशक्ति परिषद के प्रदेश अध्यक्ष प्रशांत प्रताप यादव कहते हैं कि दरअसल इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य लोगों को आवाज देने की है. समाज में जो लोगों की मूल जरूरत है, वह लोगों को नहीं मिल पा रही है. इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और महंगाई के अलावा कई अन्य सारे मुद्दे हैं. प्रशांत कहते हैं कि तेजप्रताप अपने पिता लालू प्रसाद के पद चिह्नों पर चलते हैं. लालू प्रसाद ने अपना पूरा जीवन शोषित, दलित और कमजोर तबके के लोगों के उत्थान में लगा दिया. तेजप्रताप की भी सोच ठीक उसी प्रकार की है.

आरजेडी के लोगों का स्वागत: प्रशांत प्रताप यादव कहते हैं कि इस यात्रा में आरजेडी की कोई भूमिका नहीं है लेकिन अगर कोई साथ आना चाहता है तो उसका स्वागत करेंगे. वे कहते हैं कि इस रैली में किसी प्रकार की कोई क्राइटेरिया नहीं है. हमलोग बिहटा गए तो कमजोर तबके के लोगों के घर तेजप्रताप यादव ने चाय भी पिया और खाना भी खाया. तेजप्रताप जमीन से जुड़े नेता हैं. ऐसे ही लोगों के बीच में रहना वे पसंद करते हैं. इस जनशक्ति यात्रा का आयोजन राज्य के हर जिले में किया जाएगा. यात्रा की अगली कड़ी संभवत भोजपुर जिले से शुरू हो सकती है.

"इस यात्रा में आरजेडी की कोई भूमिका नहीं है लेकिन अगर कोई आना चाहता है तो उनका स्वागत रहेगा. देखिए तेजप्रताप ने जिन मुद्दों को उठाया है, वह कोई पॉलिटिकल मुद्दे नहीं है. यह सब सामाजिक मुद्दे हैं जो हर किसी से जुड़ा हुआ है. तेजप्रताप जनहित के लिए कार्य कर रहे हैं और जो भी इससे सहमत हैं, वह हमारे साथ आ सकते हैं"- प्रशांत प्रताप यादव, प्रदेश अध्यक्ष, छात्र जनशक्ति परिषद

पॉलिटिकल पॉवर को आंकना चाहते हैं तेजप्रताप: वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक संजय उपाध्याय कहते हैं कि तेजप्रताप यादव की जनशक्ति यात्रा एक राजनीतिक यात्रा तो है. वह इस यात्रा के माध्यम से अपनी राजनीतिक ताकत का अंदाजा लगाना चाहते हैं. पूरे बिहार के सभी जिलों में इस यात्रा के माध्यम से वह यह देखना चाहते हैं कि कितने युवा उनकी यात्रा से जुड़ना चाहते हैं. संजय यह भी कहते हैं कि हालांकि इस यात्रा में तेजप्रताप यादव ने किसी पॉलिटिकल पार्टी को आमंत्रित नहीं किया है, यह उनकी निजी यात्रा है लेकिन यह निजी यात्रा कहने के लिए है. वास्तव में यह राजनीतिक यात्रा है. वह विभिन्न जिलों में युवाओं और कमजोर तबके के लोगों को गोलबंद भी कर रहे हैं. मतलब स्पष्ट है कि वह अपनी राजनीतिक शक्ति को आंकना चाह रहे हैं. हालांकि वह आरजेडी में ही हैं लेकिन इस यात्रा को आरजेडी के नाम पर नहीं कर रहे हैं.

"तेज प्रताप यादव की यात्रा एक राजनीतिक यात्रा तो है. इस यात्रा के माध्यम से वह अपनी राजनीतिक ताकत का अंदाजा लगाना चाहते हैं. सभी जिलों में इस यात्रा के माध्यम से वह यह देखना चाहते हैं कि कितने युवा उनकी यात्रा से जुड़ना चाहते हैं. राज्य के सभी जिलों में इनका प्रचार प्रसार भी शुरू हो गया है. तेजप्रताप वहां स्टे भी करेंगे. विभिन्न जिलों में युवाओं और कमजोर तबके के लोगों को वह गोलबंद भी कर रहे हैं. मतलब स्पष्ट है कि वह अपनी राजनीतिक शक्ति को आंकना चाह रहे हैं"- संजय उपाध्याय, राजनीतिक विश्लेषक

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पटना: सूबे की सियासत में अपना अलग स्थान रखने वाले आरजेडी नेता तेजप्रताप यादव (RJD Leader Tej Pratap Yadav) एक बार फिर से चर्चा में इसकी वजह है उनकी जनशक्ति यात्रा. दरअसल तेजप्रताप ने मजदूर दिवस के अवसर पर जनशक्ति यात्रा की शुरुआत की है. यह यात्रा राजधानी पटना से शुरू हुई है और राज्य के सभी हिस्सों में आयोजित की जाएगी. इसकी सबसे बड़ी बात यह कि इस यात्रा को तेजप्रताप अकेले अपने दम पर कर रहे हैं. इसमें राष्ट्रीय जनता दल का कोई सपोर्ट नहीं है. हालांकि छात्र जनशक्ति परिषद (Chhatra Janshakti Parishad) के लोगों का कहना है कि अगर कोई पार्टी पदाधिकारी या नेता इस यात्रा से जुड़ना चाहते हैं तो वह साथ आ सकते हैं. किसी के लिए कोई रुकावट नहीं है.

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मूल जरूरतों को लेकर जनता से सीधा सरोकार: जनशक्ति परिषद के प्रदेश अध्यक्ष प्रशांत प्रताप यादव कहते हैं कि दरअसल इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य लोगों को आवाज देने की है. समाज में जो लोगों की मूल जरूरत है, वह लोगों को नहीं मिल पा रही है. इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और महंगाई के अलावा कई अन्य सारे मुद्दे हैं. प्रशांत कहते हैं कि तेजप्रताप अपने पिता लालू प्रसाद के पद चिह्नों पर चलते हैं. लालू प्रसाद ने अपना पूरा जीवन शोषित, दलित और कमजोर तबके के लोगों के उत्थान में लगा दिया. तेजप्रताप की भी सोच ठीक उसी प्रकार की है.

आरजेडी के लोगों का स्वागत: प्रशांत प्रताप यादव कहते हैं कि इस यात्रा में आरजेडी की कोई भूमिका नहीं है लेकिन अगर कोई साथ आना चाहता है तो उसका स्वागत करेंगे. वे कहते हैं कि इस रैली में किसी प्रकार की कोई क्राइटेरिया नहीं है. हमलोग बिहटा गए तो कमजोर तबके के लोगों के घर तेजप्रताप यादव ने चाय भी पिया और खाना भी खाया. तेजप्रताप जमीन से जुड़े नेता हैं. ऐसे ही लोगों के बीच में रहना वे पसंद करते हैं. इस जनशक्ति यात्रा का आयोजन राज्य के हर जिले में किया जाएगा. यात्रा की अगली कड़ी संभवत भोजपुर जिले से शुरू हो सकती है.

"इस यात्रा में आरजेडी की कोई भूमिका नहीं है लेकिन अगर कोई आना चाहता है तो उनका स्वागत रहेगा. देखिए तेजप्रताप ने जिन मुद्दों को उठाया है, वह कोई पॉलिटिकल मुद्दे नहीं है. यह सब सामाजिक मुद्दे हैं जो हर किसी से जुड़ा हुआ है. तेजप्रताप जनहित के लिए कार्य कर रहे हैं और जो भी इससे सहमत हैं, वह हमारे साथ आ सकते हैं"- प्रशांत प्रताप यादव, प्रदेश अध्यक्ष, छात्र जनशक्ति परिषद

पॉलिटिकल पॉवर को आंकना चाहते हैं तेजप्रताप: वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक संजय उपाध्याय कहते हैं कि तेजप्रताप यादव की जनशक्ति यात्रा एक राजनीतिक यात्रा तो है. वह इस यात्रा के माध्यम से अपनी राजनीतिक ताकत का अंदाजा लगाना चाहते हैं. पूरे बिहार के सभी जिलों में इस यात्रा के माध्यम से वह यह देखना चाहते हैं कि कितने युवा उनकी यात्रा से जुड़ना चाहते हैं. संजय यह भी कहते हैं कि हालांकि इस यात्रा में तेजप्रताप यादव ने किसी पॉलिटिकल पार्टी को आमंत्रित नहीं किया है, यह उनकी निजी यात्रा है लेकिन यह निजी यात्रा कहने के लिए है. वास्तव में यह राजनीतिक यात्रा है. वह विभिन्न जिलों में युवाओं और कमजोर तबके के लोगों को गोलबंद भी कर रहे हैं. मतलब स्पष्ट है कि वह अपनी राजनीतिक शक्ति को आंकना चाह रहे हैं. हालांकि वह आरजेडी में ही हैं लेकिन इस यात्रा को आरजेडी के नाम पर नहीं कर रहे हैं.

"तेज प्रताप यादव की यात्रा एक राजनीतिक यात्रा तो है. इस यात्रा के माध्यम से वह अपनी राजनीतिक ताकत का अंदाजा लगाना चाहते हैं. सभी जिलों में इस यात्रा के माध्यम से वह यह देखना चाहते हैं कि कितने युवा उनकी यात्रा से जुड़ना चाहते हैं. राज्य के सभी जिलों में इनका प्रचार प्रसार भी शुरू हो गया है. तेजप्रताप वहां स्टे भी करेंगे. विभिन्न जिलों में युवाओं और कमजोर तबके के लोगों को वह गोलबंद भी कर रहे हैं. मतलब स्पष्ट है कि वह अपनी राजनीतिक शक्ति को आंकना चाह रहे हैं"- संजय उपाध्याय, राजनीतिक विश्लेषक

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