पटना: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े बेटे और विधायक तेज प्रताप यादव ने शुक्रवार को पीएमसीएच (PMCH) में हड़ताल कर रहीं जीएनएम नर्सिंग की छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है. इस मामले को लेकर तेज प्रताप ने सरकार के खिलाफ आक्रोश दिखाया है. लाठीचार्ज के विरोध में बोलते हुए उन्होंने (Tej Pratap Yadav on GNM Lathi charge In Patna) अपने ऑफिशियल फेसबुक लाइव पर कहा कि सरकार का यह कदम बर्दाशत के काबिल नहीं है. उनके जनशक्ति परिषद के सदस्य जीएनएम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं
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बेहतर ढंग से मामले को सुलझाए सरकारः फेसबुक पर लाइव आकर तेज प्रताप ने काफी आक्रोश में कहा कि सरकार जीएनएम के साथ खुलेआम चीरहरण कर कर रही है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस दौरान तेज प्रताप यादव ने मोबाइल में वीडियो क्लिप को भी दिखाया जिसमें लाठीचार्ज किए जाने का दावा किया जा रहा था. उन्होंने कहा कि जब जीएनएम को हॉस्टल खाली करने की बात कही जा रही है तो व्यवस्था भी करनी चाहिए थी. तेज प्रताप यादव ने कहा कि सरकार इस मसले को अगर बेहतर ढंग से नहीं सुलझाएगी तो पूरे बिहार में इसको लेकर आंदोलन किया जाएगा.
'सरकार से मांग है कि जीएनएम के लिए सही व्यवस्था की जाए, नहीं तो यह आंदोलन एक विराट रूप लेगा. अगर उचित व्यवस्था नहीं की गई तो जनशक्ति परिषद के सदस्य सीएम हाउस का घेराव करेंगे. सरकार महिलाओं का अपमान कर रही है. अगर महिलाओं के साथ कुछ हुआ तो जवाब नीतीश सरकार को देना होगा. सरकार का चिट्ठा खोल कर रहेंगे'- तेजप्रताप यादव, विधायक आरजेडी
कई छात्राएं गंभीर रूप से हुई थीं घायलः बता दें कि शुक्रवार को जीएनएम छात्राएं अपनी मांगों को लेकर पीएमसीएच अधीक्षक कार्यालय के बाहर अनिश्चिकालीन हड़ताल पर बैठी थी, जिसके बाद पुलिस ने वहां प्रदर्शनकारी छात्राओं पर लाठीचार्ज कर दिया. जिसमें कई छात्राएं गंभीर रूप घायल हो गईं. इसके बावजूद पुलिस ने बर्बरतापूर्वक लहूलुहान छात्राओं को बिना ट्रीटमेंट किए ही सीधे पीरबहोर थाना लेकर चले गई. जिससे छात्राओं का गुस्सा और भड़क गया. वहीं पीएमसीएच हॉस्टल से भी छात्रों को शुक्रवार के दिन बलपूर्वक निकाला गया था. यह पूरा घटनाक्रम अस्पताल के वरीय पदाधिकारियों की मौजूदगी में हुआ. जिसके बाद विपक्ष ने सरकार की इस रवैये की कड़ी निंदा की.
क्या है छात्राओं का कहनाः अपनी मांगों के समर्थन में छात्राओं का कहना है कि जीएनएम का कोर्स तीन साल का होता है. लेकिन अब उनलोग को पीएमसीएच से भगाया जा रहा है. हॉस्टल खाली करने के लिए छात्राओं को 2 दिन पहले ही नोटिस दी गई थी. छात्राओं का कहना है कि पीएमसीएच छोड़कर वो कहां जाएंगी. यहां आईसीयू से लेकर हर फैसिलिटी है. लेकिन उन्हें अब वैशाली जिला भेजा जा रहा है. जिसको लेकर बहुत समस्या हो रही है. जीएनएम कोर्स के लिए प्रैक्टिकल मेडिकल कॉलेज में ही संभव है. जबकि सदर अस्पताल में प्रैक्टिकल के लिए भेजने की बात कही जा रही है. जहां उन लोगों को सही से प्रशिक्षण प्राप्त नहीं होगा.
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